ददरी मेला 2025 : 5 नवम्बर कार्तिक पूर्णिमा से मीना बाजार शुरू, 21 अक्टूबर से 5 नवम्बर तक पशु मेला के संबंध मे निर्णय बाद मे
जिलाधिकारी ने जिले के ऐतिहासिक ददरी मेला की तैयारियों के सम्बंध में की समीक्षा
बलिया।। जिले के ऐतिहासिक ददरी मेले के आयोजन को लेकर प्रशासनिक तैयारियों का सिलसिला शुरू हो गया है। सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में ददरी मेले की तैयारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
जिलाधिकारी ने बताया कि प्रतिवर्ष 21 अक्टूबर से 05 नवंबर तक पशु मेला आयोजित किया जाता है लेकिन इस बार मुख्य पशु चिकित्साधिकारी की रिपोर्ट आने के बाद तिथि निर्धारित की जाएगी। साथ ही कार्तिक पूर्णिमा स्नान 05 नवम्बर एवं ददरी मेला मीना बाजार 05 नवंबर से 20 नवंबर तक किया जाएगा। इस दौरान लाखों श्रद्धालुओं और पर्यटकों के आगमन की संभावना को देखते हुए सभी विभागों को समय से तैयारियां पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। शिवरामपुर घाट, जहां कार्तिक पूर्णिमा का मुख्य स्नान होगा, उसकी समुचित व्यवस्था अपर जिलाधिकारी एवं सिटी मजिस्ट्रेट के जिम्मे सौंपी गई है। ददरी मेला स्थल पर जमीन का आवंटन पीडब्ल्यूडी और सदर एसडीएम द्वारा किया जाएगा, ताकि व्यवस्थित तरीके से दुकानों, झूलों और अन्य गतिविधियों के लिए स्थान सुनिश्चित किया जा सके। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंच एवं आयोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी मुख्य राजस्व अधिकारी, जिला विकास अधिकारी एवं एडीएम नमामि गंगे को सौंपी गई है।
जिलाधिकारी ने कहा कि ददरी मेला जिले की सांस्कृतिक पहचान है और इसकी भव्यता एवं व्यवस्था को बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि समय से पहले सभी व्यवस्थाओं की समीक्षा कर लें और बेहतर समन्वय के साथ कार्य करें।जल्द ही मेले के अन्य पहलुओं जैसे सुरक्षा व्यवस्था, साफ-सफाई, पेयजल, चिकित्सा सुविधा आदि को लेकर अलग से विभागीय बैठकों का आयोजन किया जाएगा। ददरी मेला, पूर्वांचल का एक प्रमुख मेला है, जिसमें स्थानीय ही नहीं, बल्कि दूर-दराज से भी श्रद्धालु और व्यापारी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं। बैठक में सीडीओ ओजस्वी राज, सीआरओ त्रिभुवन, डीडीओ आनंद प्रकाश, अधिशासी अधिकारी सुभाष कुमार एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।