जूनियर नेहरू कप मे भाग लेने से वंचित अंडर 17 व अंडर 15 बालक / बालिकाओं के खेल जीवन के हत्यारों पर कौन करेगा कार्यवाही?
क्या तानाशाही से अब होंगी बलिया के नौनिहालों की खेल प्रतियोगितायें
मधुसूदन सिंह
बलिया।। प्रदेश के सभी जिलों मे जिला क्रीड़ा समिति का गठन इस उद्देश्य से किया जाता है कि यह समिति अंडर 15 व 17 के बालक/ बालिकाओं के खेल जीवन को जनपद स्तर पर तराश कर विभिन्न प्रतियोगिताओं के माध्यम से मंडल/ स्टेट / नेशनल से होते हुए इंटरनेशनल स्तर पर अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित कर सके। लेकिन अगर यही समिति अपनी तानाशाही व लेटलतीफी की वजह से ऐसे बच्चों को आगे खेलने के अवसर से वंचित कर दे तो क्या कहेँगे? क्या ये नौनिहालों के खेल जीवन के हत्यारें नहीं है? क्या इनसे सवाल पूंछना गुनाह है?
आप की अगर आईएएस की परीक्षा इस साल छूट जाये / हाई स्कूल / इंटर / स्नातक की परीक्षा छूट जाये तो आप अगले वर्ष इसको दे सकते है। लेकिन जरा सोचिये अंडर 15 व 17 का बच्चा जिसको इस साल खेलने का मौका नहीं मिला, वो बच्चा क्या अगले साल यह प्रतियोगिता खेल पायेगा? जी नहीं, क्यों अगले साल उसकी उम्र 15 पार कर जायेगी और वह अंडर 15 सब जूनियर ग्रुप से जूनियर ग्रुप मे चला जायेगा। ऐसे मे ऐसे बच्चे जो सब जूनियर चैंपियन भी हो सकते थे, उनके खेल जीवन की हत्या नहीं है? इसी तरह से अंडर 17 के बच्चे अगले साल 18 वे वर्ष मे जाने के कारण इस ग्रुप की प्रतियोगिताओं मे कभी भी भाग नहीं ले सकते है, इनका भविष्य चौपट करने वाले जिम्मेदारों से सवाल पूंछने का भी हक नहीं है क्या?
बता से कि पिछले 29 जुलाई से 1 अगस्त तक शैक्षणिक सत्र 2025-26 हेतु प्रदेशीय खेलकूद प्रतियोगिताओं के अंतर्गत " सब -जूनियर (15 वर्ष बालक वर्ग ) एवं जूनियर नेहरू हॉकी (17 वर्ष बालक / बालिका वर्ग ) की प्रतियोगिता का आयोजन झांसी मे किया गया था। इसके लिये संयुक्त शिक्षा निदेशक झांसी मंडल झाँसी ने अपने पत्रांक : खेल प्रकोष्ठ /3176-86/2025-26 दिनांक 16/07/2025 के माध्यम से सभी संयुक्त शिक्षा निदेशकों, समस्त जिला विद्यालय निरीक्षकों और समस्त जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को अवगत भी करा दिया था। यही नहीं संयुक्त शिक्षा निदेशक झांसी मंडल झाँसी ने किस मंडल के बालक बालिकाओं को कहां ठहरना है और इसके लिए कौन व्यवस्था देख रहे है कि सूची भी मोबाइल नम्बर के साथ पत्र मे ही उल्लेखित कर दिया था।
वावजूद इसके बलिया मऊ आजमगढ़ की लापरवाह जिला क्रीड़ा समितियों ने ध्यान ही नहीं दिया। जिसके चलते इन तीनो जनपदों के बच्चे इस प्रतियोगिता मे भाग लेने से वंचित हो गये। अब सवाल यह उठ रहा है कि ऐसे तीनों जिला विद्यालय निरीक्षकों / पदेन अध्यक्ष जिला क्रीड़ा समिति पर कार्यवाही होनी चाहिये कि नहीं? बलिया मे तो उपरोक्त जूनियर नेहरू कप प्रतियोगिता शुरू होने के दिन खेल कूद प्रतियोगिता का कैलेंडर जारी हुआ। अब सवाल फिर खड़ा होता है कि बलिया मे अब हॉकी प्रतियोगिता कराने का क्या महत्त्व रह गया है।
बलिया एक्सप्रेस द्वारा खेल मे खेल नामक कड़ी चलाने पर आलोचना करने वालों से बलिया एक्सप्रेस सवाल कर रहा है - सभी प्रधानाचार्य व खेल शिक्षक अपने दिल पर हाथ रख कर बताये कि क्या वर्तमान जिला क्रीड़ा समिति, बलिया के नौनिहालों के खेल जीवन की हत्या नहीं कर रही है? क्या ऐसे लोग जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले है, के खिलाफ आप लोगों को आवाज नहीं उठानी चाहिये? क्या आपके बच्चे के साथ भी यही होता, तो भी आप लोग चुप रहते? मुझे पता है आप लोग मेरी खबरों के बाद अपने ग्रुप मे बहुत कमेंट करते है, मेरे ऊपर एफआईआर तक दर्ज कराने की बाते लिखी जाती है, हरिजन एक्ट मे भी फंसाने की बात की गयी है, फिर भी बलिया एक्सप्रेस सत्य को उजागर करने से पीछे नहीं हटेगा। बलिया एक्सप्रेस जिला क्रीड़ा समिति की अनियमिताओं को उजागर कर रहा है, किसी व्यक्ति विशेष को टारगेट करके खबर नहीं हो रही है। बलिया एक्सप्रेस साक्ष्य के साथ खबरें प्रकाशित कर रहा है, अगर गलत है तो जिम्मेदारों को चाहिये कि सार्वजनिक रूप से बलिया एक्सप्रेस द्वारा बताये जा रहे साक्ष्य को गलत ठहरा दे, हम अपनी खबरों को रोक देंगे। लेकिन बलिया के नौनिहालों के खेल जीवन के हत्यारों को छोड़ेंगे नहीं।
विशेष : अगली कड़ी का इंतजार कीजिये, वो इतनी विस्फोटक है कि समिति के समर्थक भी बगले झांकेगे।