अरे वाह, कितनों सुन्दर व मनोहारी कलाकृतियाँ : प्रो (डॉ ) सुनिल कुमार विश्वकर्मा
बलिया।।अरे वाह ! कितनी सुंदर और मनोहारी कलाकृतियां हैं,जिसमें पूरी प्राकृतिक छटा एवं संस्कृतियों को समेटे हुए ग्रामीण दृश्य, पर्वतीय बर्फीली चोटिया,झर झर बहते झरने, नदी -घाटिया, खेत- खलिहान, खेतों में कार्यरत कृषक,पनघट, पशु- पक्षी, वृक्षारोपण, जलीय जीव यादि की पेंटिंग बनाकर छात्र - छात्राओं तूलिका के माध्यम से जन मानस को एक अच्छा संदेश दिया है। पर्यावरण जीवन का आवश्यक हिस्सा है जिसके बिना कोई प्राणी जीवित नहीं रह सकता हैं इसलिए इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। उक्त उदगार ललित कला अकादमी उ प्र लखनऊ के अध्यक्ष प्रो. डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा(हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट, ललित कला विभाग, म.गा. काशी विद्यापीठ, वाराणसी) बतौर मुख्य अतिथि विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में बोल रहे थे।
राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश लखनऊ की ओर से चित्रकला कार्यशाला में प्रशिक्षण सायं 3:00 से 6:00 बजे तक श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज बलिया में सफलता पूर्वक चल रहा है। इस प्रशिक्षण में 10 वर्ष से 17 वर्ष एवं 18वर्ष से ऊपर कोई भी प्रशिक्षण ले सकते हैं। चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला के संयोजक डॉ. इफ्तेखार खान ने बताया कि 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर्यावरण संरक्षण से संबंधित कार्यक्रम बच्चे अरे वाह ! कितनी सुंदर और मनोहारी कलाकृतियां हैं,जिसमें पूरी प्राकृतिक छटा एवं संस्कृतियों को समेटे हुए ग्रामीण दृश्य, पर्वतीय बर्फीली चोटिया,झर झर बहते झरने, नदी -घाटिया, खेत- खलिहान, खेतों में कार्यरत कृषक,पनघट, पशु- पक्षी, वृक्षारोपण, जलीय जीव यादि की पेंटिंग बनाकर छात्र - छात्राओं तूलिका के माध्यम से जन मानस को एक अच्छा संदेश दिया है। पर्यावरण जीवन का आवश्यक हिस्सा है जिसके बिना कोई प्राणी जीवित नहीं रह सकता हैं इसलिए इसका संरक्षण बहुत जरूरी है। उक्त उदगार ललित कला अकादमी उ प्र लखनऊ के अध्यक्ष प्रो. डॉ सुनील कुमार विश्वकर्मा(हेड ऑफ़ डिपार्टमेंट, ललित कला विभाग, म.गा. काशी विद्यापीठ, वाराणसी) बतौर मुख्य अतिथि विश्व पर्यावरण संरक्षण दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में बोल रहे थे।
राज्य ललित कला अकादमी उत्तर प्रदेश लखनऊ की ओर से चित्रकला कार्यशाला में प्रशिक्षण सायं 3:00 से 6:00 बजे तक श्री मुरली मनोहर टाउन इंटर कॉलेज बलिया में सफलता पूर्वक चल रहा है। इस प्रशिक्षण में 10 वर्ष से 17 वर्ष एवं 18वर्ष से ऊपर कोई भी प्रशिक्षण ले सकते हैं। चित्रकला प्रशिक्षण कार्यशाला के संयोजक डॉ. इफ्तेखार खान ने बताया कि 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर्यावरण संरक्षण से संबंधित बच्चे पेंटिंग बनाने का कार्यक्रम चल रहा था कि अचानक अकादमी लखनऊ की ओर से निरीक्षण अकादमी के अध्यक्ष डॉ सुनील विश्वकर्मा पहुंच गए । उन्होंने निरीक्षण के उपरांत संयोजक डॉ इफ्तेखार खान, सह संयोजक इरशाद अहमद अंसारी, प्रशिक्षक शमशाद आलम इद्रीसी,कैफ़ खान,विनीत मौर्य, अनम अली, अनस खान की भूरी भूरी प्रशंसा किये तथा कार्यशाला में कला की तकनीकी ज्ञान को सिखने वाले छात्र-छात्राओं की सराहना किये।उन्होंने कहा कि अकादमी का उद्देश्य कला प्रतिभाओं को निखार कर आगे बढ़ाना है, जिससे कला के जरिए कैरियर निर्माण हो सके और बच्चे अपना भविष्य बना सके l डॉ.विश्वकर्मा ने कहा कि बलिया के बच्चे डॉ. खान के निर्देशन में देश विदेश में कला के क्षेत्र में बुलंदियों को छूते हुए जनपद को लगातार गैरवांवित करते रहे हैं।
हर्षिता तिवारी,श्रीजा मिश्रा, नितेश राज पांडे, प्रीति कुमारी, आयत गुफरान, संपदा मौर्य, आर्य नंदिनी ओझा, भाब्या ओझा,अरुसी प्रकाश, हर्षित पांडे, अग्रिम पांडे, आयुष,यशान कुमार वर्मा, करन राज, आद्रिका पांडे, शुभम पांडे, अर्पित यादव, अर्पिता यादव, हिमांशु पांडे, दिव्यांश पाराशर, काव्या, अद्वित,अर्शिका सिंह, वैभवी सिंह, कृतिका सिंह, सात्विक सिंह, आशीर्वाद, अभीराज श्रीवास्तव, दिव्यांशु गुप्ता, वैष्णवी, वागीशा तैयबा,सयमा, महेनूर नाज, जोया, बिट्टू यादव, आदि ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पेंटिंग बनाये।
पर्यावरण पर आधारित पेंटिंग बनाने का कार्यक्रम चल रहा था अचानक अकादमी लखनऊ की ओर से निरीक्षण अकादमी के अध्यक्ष डॉ सुनील विश्वकर्मा पहुंच गए। उन्होंने निरीक्षण के उपरांत संयोजक डॉ इफ्तेखार खान, सह संयोजक इरशाद अहमद अंसारी, प्रशिक्षक शमशाद आलम इद्रीसी,कैफ़ खान,विनीत मौर्य, अनम अली, अनस खान की भूरी भूरी प्रशंसा किये l तथा कार्यशाला में कल की तकनीकी ज्ञान को सिखाने वाले छात्र-छात्राओं की सर हम ना किया। उन्होंने कहा कि अकादमी का उद्देश्य कल प्रतिभाओं को आगे बढ़ाना है जिससे कल के जरिए कैरियर निर्माण हो सके। दो विश्वकर्मा ने कहा कि बलिया के बच्चे डॉक्टर खान के निर्देशन में देश विदेश में कल के बुलंदियों को छूते हुए जनपद को लगातार गैरवांवित करते रहे हैं।
हर्षिता तिवारी,श्रीजा मिश्रा, नितेश राज पांडे, प्रीति कुमारी, आयत गुफरान, संपदा मौर्य, आर्य नंदिनी ओझा, भाब्या ओझा,अरुसी प्रकाश, हर्षित पांडे, अग्रिम पांडे, आयुष,यशान कुमार वर्मा, करन राज, आद्रिका पांडे, शुभम पांडे, अर्पित यादव, अर्पिता यादव, हिमांशु पांडे, दिव्यांश पाराशर, काव्या, अद्वित,अर्शिका सिंह, वैभवी सिंह, कृतिका सिंह, सात्विक सिंह, आशीर्वाद, अभीराज श्रीवास्तव, दिव्यांशु गुप्ता, वैष्णवी, वागीशा तैयबा,सयमा, महेनूर नाज, जोया, बिट्टू यादव, आदि ने पर्यावरण संरक्षण पर आधारित पेंटिंग बनाये।