भारतीय इतिहास में अहिल्याबाई की है अमिट छाप
पुण्यश्लोक लोकमाता देवी अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी स्मृति अभियान पर हुआ विशेष आयोजन
बलिया।। भारत के इतिहास में कई ऐसी वीरांगनाएं हुईं जिन्होंने अपने अद्वितीय शासन और दूरदर्शिता से इतिहास के पन्नों और कहानियों में अमिट छाप छोड़ी। इन्हीं में से एक थीं मालवा की रानी अहिल्या बाई होल्कर। उन्हें आज भी एक आदर्श प्रशासिका, न्यायप्रिय शासिका और धर्मपरायण महिला के रूप में याद किया जाता है। हर साल 31 मई को महारानी अहिल्याबाई होलकर की जयंती मनाई जाती है। यह बातें टाउन हाल में अहिल्याबाई होल्कर की त्रिशताब्दी स्मृति अभियान के तहत आयोजित विधानसभा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में गोरक्ष प्रांत के क्षेत्रीय महामंत्री सुनील गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर कही। उन्होंने कहा कि अहिल्या बाई होल्कर केवल एक शासिका नहीं थीं बल्कि वह धर्म, न्याय, सेवा और स्त्री शक्ति का प्रतीक भी थीं। आप सभी उनके जीवन और उपलब्धियों के बारे में जानिए, ताकि हर नारी अहिल्याबाई होल्कर से सीख ले सकें।
मुख्य अतिथि का स्वागत परिवहन मंत्री के अनुज धर्मेंद्र सिंह ने किया। जिलाध्यक्ष संजय मिश्रा ने कहा कि एक महिला होकर उस दौर में उन्होंने शासन चलाया जब स्त्रियों को राजनीतिक भागीदारी का अधिकार भी नहीं था। अपनी बुद्धिमत्ता, करुणा और नेतृत्व क्षमता से उन्होंने नारी सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण पेश किया। अहिल्याबाई ने स्त्रियों को उनका उचित स्थान दिया। अपनी दूरदर्शिता से इंदौर शहर को बसाया,तो दर्जनों धार्मिक स्थलों का पुनरुद्धार कराया। कार्यक्रम में अभियान के संयोजक भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह, नगर अध्यक्ष सोनी तिवारी, नीतू पांडेय, जिला मंत्री संतोष सिंह, अमिताभ उपाध्याय, संध्या पांडेय, पुना सिंह आदि मौजूद रहे। संचालन सुरजीत सिंह परमार ने किया।