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ठाकुरबाड़ी जमीन प्रकरण : परिवार के सदस्यों का आचरण दर्शाता है हमाम मे सभी नंगे :ऐसा कोई बंदा नहीं जिसने अपनों को ठगा नहीं

  


पुलिस की भूमिका पर महिलाओं ने उठाये सवाल 

मधुसूदन सिंह 

बलिया।। पिछली 21 मई को शहर के दवा व्यवसायी व व्यापारी नेता अरुण कुमार गुप्ता के ऊपर हुए प्राण घातक हमले मे प्रकरण मे रोज नये नये समीकरण बन रहे है। वही नामजद आरोपियों के फरार होने के कारण पुलिस द्वारा आरोपियों के परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा है। वही आरोपी रोहित व अमित के घर की महिलाओं द्वारा पुलिस की महिलाओं के साथ की जा रही कार्यवाही को कटघरे मे खड़ा किया है। बलिया एक्सप्रेस ने इस प्रकरण की जड़ तक पहुंचने का प्रयास किया तो जितनी तह मे पहुंचा गया उतना ही हैरानी सामने आयी। यूँ कहे कि ठाकुरबाड़ी जमीनी प्रकरण मे पूरी दाल ही काली दिखी। साथ ही मुझे यह भी कहने मे कोई संकोच नहीं है कि इससे जुड़े परिवारों मे ऐसा कोई नहीं है जिसने अपनों को मौका मिलने पर ठगा नहीं है।सब से पहले तो ठाकुरजी त्रियोगी नारायण जी के नाम पर दान देने वालों ने ही ठाकुर जी का सहारा लेकर तत्कालीन सरकार को धोखा देने का काम किया। इन लोगों ने ठाकुरजी के नाम पर दान तो दे दिया लेकिन ऐसी डीड 1903 मे बनायीं जिससे इनके परिजनों का ही इस पर कब्जा रहे। शुरुआत के सन 1962 तक तो लोग इसको दान की वस्तु समझकर इसको बेचने या इसका उपभोग करने से डरते रहे लेकिन इसके बाद ज्यो ज्यों क़ीमत बढ़ती गयी सर्वाकारों के मन मे लालच आता गया और ठाकुरजी की जमीन को बेचने का सिलसिला शुरू हुआ तो आज एक दूसरे पर हमला करने मे तब्दील हो गया। एक दूसरे पर लगाये जा रहे भ्रष्टाचार के आरोप यह दर्शाता है कि हमाम मे सभी नंगे है।



सूच्य हो कि घायल व्यापारी नेता अरुण गुप्ता ने अपने ऊपर हुए हमले के लिये इनके द्वारा ठाकुर जी की जमीन को बिकने से रोकने के लिये मुकदमा करने को कारण बताया था। श्री गुप्ता ने इसके साथ ही इस प्रकरण मे नगर पालिका के कर्मचारियों, ईओ और पूर्व चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी और वर्तमान चेयरमैन संतकुमार मिठाईलाल को भी दोषी ठहराने का बयान दिया गया। साथ ही यह भी कहा गया कि वर्तमान सर्वकार द्वारा लगभग 500 करोड़ की ठाकुर जी की जमीनों को बेच दिया गया है। साथ ही सर्वकार का दायित्व संभाल रहे अमित कुमार पर मीना बाजार की दुकानों से प्रतिमाह लगभग ढाई लाख की वसूली को ठाकुरजी के नाम पर स्वयं हड़पने का भी आरोप लगाया था।

ठाकुरजी की जमीनों पर हुआ दाखिल ख़ारिज होगा निरस्त : चेयरमैन 

नगर पालिका परिषद बलिया के चेयरमैन संतकुमार मिठाईलाल ने बलिया एक्सप्रेस से बातचीत मे कहा कि ठाकुर जी त्रियोगी नारायण की जमीन पर जिन भी लोगों का दाखिल ख़ारिज हुआ है, उसको बोर्ड की बैठक के माध्यम से निरस्त किया जायेगा। कहा कि चाहे कितने भी बड़े लोग का दाखिल ख़ारिज सामने आयेगा, वह निरस्त होगा। साथ ही कहा कि लगभग एक वर्ष पूर्व अरुण गुप्ता जी चमन सिंह बाग रोड की जमीन की बिक्री व उसके ऊपर खरीदार का नाम दाखिल ख़ारिज होने की शिकायत की थी। मेरे द्वारा कहा गया कि लिखित शिकायत दे दीजिये मै जांच करा के दाखिल ख़ारिज निरस्त कर दूंगा। लेकिन उस दिन के बाद वो न मुझे लिखित शिकायत दिये और न पुनः मिले। आज रविवार को अलबत्ता मेरे व्हाट्सअप पर शिकायत आयी है। साथ ही यह भी कहा कि बलिया शहर मे ठाकुरबाड़ी हो, मठिया हो, मंदिर हो, चर्च हो या वक्फ बोर्ड हो, इनकी जमीनों की जो भी खरीद बिक्री हुई है और उसके आधार पर नगर पालिका मे दाखिल ख़ारिज हुआ है, वह सभी निरस्त होगा। साथ ही इसमें संलिप्त नगर पालिका के कर्मचारियों पर भी कार्यवाही की जायेगी।

चेयरमैन का हस्ताक्षर होता है सबसे अंत मे 

 चेयरमैन संतकुमार मिठाईलाल ने कहा कि चेयरमैन को सीधे सीधे दोषी बनाना गलत है। चेयरमैन के पास कोई भी फाइल सबसे अंत मे आती है। नीचे से जांच करके आयी हुई फाइल्स पर हस्ताक्षर करना चेयरमैन की मजबूरी होती है। कहा कि पूर्वजों द्वारा जब जमीन दान दे दी गयी है और इस पर ठाकुरजी का नाम चढ़ा हुआ है तो इस जमीन पर अब लालच क्यों? कहा कि जब मेरे कार्यकाल मे दाखिल ख़ारिज हुआ था तब ईओ का चार्ज उप जिलाधिकारी सदर के पास था

दाखिल ख़ारिज प्रकरण मे आरआई, ईओ जिम्मेदार : अजय कुमार 

नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी ने कहा कि किसी भी दाखिल ख़ारिज के लिये संबंधित पटल सहायक, आरआई  और ईओ की पूरी जिम्मेदारी होती है। क्योंकि फिल्ड से यही लोग जांच करके और फिल्ड से रिपोर्ट देते है। चेयरमैन तो सबसे अंत मे हस्ताक्षर करता है। कहा कि बिना लिखित शिकायत के कोई भी चेयरमैन कैसे जान सकता है कि किसी भी जमीन के दाखिल ख़ारिज मे विवाद है।

अरुण गुप्ता पर भी गंभीर आरोप, आरोपियों की बहन ने साक्ष्य के साथ लगाये आरोप 

जिस व्यापारी नेता अरुण गुप्ता को गोली लगी है और इनके द्वारा परिवार के ही जिन दो युवकों को आरोपी बनाया गया है, उनकी बहन ने मीडिया के सामने आकर और साक्ष्य दिखाकर अरुण गुप्ता पर ही गंभीर आरोप लगाया है। बता दे कि अरुण गुप्ता और आरोपी दोनों युवक एक ही परिवार के सदस्य है और एक ही मकान मे भी रहते है। अरुण गुप्ता पर हुए प्राण घातक हमले के आरोपी और ठाकुरजी त्रियोगी नारायण मंदिर के सर्वाकार अमित कुमार की बहन मधु गुप्ता ने अरुण गुप्ता पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि यह सारा षड़यंत्र अरुण गुप्ता ने अपने पुत्र को सर्वाकार बनाने के लिये किया है। आरोप लगाया है कि अरुण गुप्ता की डिमांड पहले छोटी छोटी होती थी 5 लाख 10 लाख लेकिन अब बढ़ गयी है और रूपये पैसे जमीन के साथ ही सर्वाकार का पद भी चाहते है।

मधु गुप्ता ने एक हिब्बा का दस्तावेज दिखाते हुए अपने आरोप को साबित करते हुए कहा कि अरुण गुप्ता ने मीना बाजार मे स्थित जमीन मे से 16 फिट चौड़ी जमीन को अपनी पत्नी सरस्वती देवी के नाम से कराने के बाद नगद 17 लाख रूपये इन्होने मुकदमा वापस लेने के लिये है। इन्होने मेरे भाई अमित को भी इसी लिये आरोपी बनाया है कि मेरे भाई का चरित्र क्रिमिनल हो जाये, जिससे वह सर्वाकार पद के अयोग्य हो जाय और ये अपने पुत्र को सर्वाकार बना सके। साथ ही मधु गुप्ता ने कोतवाली पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाया है। कहा कि कोतवाली पुलिस मेरी दोनों भाभियों को रात रात भर थाने मे बैठा रही है, यह किस क़ानून के तहत हो रहा है। कहा कि हम लोगों की राजनैतिक पहुंच नहीं होने के कारण हम लोगों पर पुलिस अत्याचार कर रही है। यह भी कहा कि लगता है बलिया मे मात्र एक ही क्राइम हुआ है और वह है अरुण गुप्ता पर हमला?










ठाकुरजी की जमीन को बचाने का दावा करने वाला दावा हुआ फेल 

व्यापारी नेता अरुण गुप्ता का यह दावा कि वो ठाकुरजी की जमीन को बचाने के लिये प्रयासरत है, इसी लिये मुझ पर जानलेवा हमला हुआ है, झूठा साबित हो रहा है। इनके ऊपर जमीन बचाने के लिये नहीं बल्कि किसी अन्य कारण से हमला हुआ है, जिसको पुलिस शीघ्र ही पर्दाफाश करेंगी। जमीन बचाने निकले अरुण गुप्ता जी का दावा तो उसी वक़्त हवा हवाई हो गया जब इन्होने अपनी पत्नी के नाम से समझौते के तहत हिब्बा लिखवाया। हिब्बा लिखते वक़्त भी बड़ी चाल चली गयी है। अरुण गुप्ता की पत्नी सरस्वती देवी के नाम पर 16 फिट चौड़ी जमीन का हिब्बा हुआ है जिसकी बाजारू वर्तमान क़ीमत डेढ़ करोड़ से अधिक होंगी। सरस्वती देवी के नाम से लिखें गये हिब्बा मे सरस्वती देवी के पति अरुण कुमार का नाम नहीं है बल्कि सरस्वती देवी के पिता का नाम है और स्थायी पता भी हाजीपुर बिहार का और हाल मुकाम हनुमानगंज कोठी क़ासिम बाजार बलिया दर्ज  है जबकि वो विवाहित है और अरुण गुप्ता पति है जो शहर बलिया मे रहते है। दूसरा आरोप अरुण गुप्ता पर चेयरमैन संतकुमार मिठाईलाल ने भी लगाते हुए कहा कि पिछले एक साल पूर्व मौखिक शिकायत के बाद और मेरे द्वारा लिखित शिकायत मांगने के बाद इनके द्वारा कोई पत्र नहीं दिया गया, यह भी जमीन बचाने निकले दावे की हवा निकाल रहा है।

आखिर पुरानी मठिया और चमन सिंह बाग रोड की जमीनों के बिक्री के समय क्यों नहीं उठी विरोध की आवाज 

अरुण गुप्ता ने अपने बयान मे साफ तौर से कहा है कि वर्तमान सर्वाकार द्वारा लगभग 500 करोड़ की वर्तमान लागत की ठाकुरबाड़ी की जमीनों को बेच दिया गया है। जब जमीनों की रजिस्ट्री हो रही थी तब ये जानकर भी क्यों नहीं विरोध किये? मात्र मौखिक विरोध करके हर बार क्यों छुप होते गये, यह सवाल खड़ा कर रहा है। चेयरमैन संतकुमार मिठाईलाल ने भी अपने बयान मे कहा है कि दस्तावेजों के अनुसार 2020 मे ठाकुरबाड़ी की जमीनों पर से ठाकुरजी त्रियोगी नारायण का नाम हटाकर सर्वाकार का नाम दर्ज हुआ है। ऐसे मे सवाल यह उठता है कि उस समय अरुण गुप्ता जी क्या कर रहे थे?

अरुण गुप्ता जी ने ही अपने बयान मे कहा है कि 1962 मे तत्कालीन सर्वाकार ने अपने बेटों के नाम वसीयत कर दी। अब सवाल यह उठ रहा है तब से लेकर आज तक अरुण गुप्ता जी ने वसीयत के खिलाफ न्यायालय मे अपील क्यों नहीं की? जबकि इन्ही के बयान के अनुसार 1903 मे लिखी गयी डीड मे साफ लिखा गया है कि ठाकुरजी की संपत्ति को न गिरवी रखा जा सकता है, न बेचा जा सकता है, न किसी को वसीयत की जा सकती है। फिर सरस्वती देवी के नाम पर हिब्बा क्या है?



रथ रखने की जमीन पर हुआ है हिब्बा 

बता दे कि मीना बाजार के जिस भूखंड को लेकर वर्तमान विवाद है, वह ठाकुर जी के रथ रखने का स्थान है। यह भूखंड पहले श्रीनाथ कटरा वालों का था। जिसको इनके पूर्वजों ने श्री ठाकुरजी त्रियोगी नारायण का रख रखने के लिये ठाकुरबाड़ी के नाम कर दिया था। इसी भूखंड मे 16 फिट चौड़ा हिब्बा हुआ है और शेष लगभग 5 कट्ठा जमीन को अरुण गुप्ता के ही पट्टीदार जो कानपुर रहते है, ने अभिषेक सेठू के नाम से रजिस्ट्री कर दिया है।

कोई दूध का धुला नहीं 

इस पूरे प्रकरण की समीक्षा के बाद यही निष्कर्ष निकल रहा है कि कोई भी दूध का धुला नहीं है। ठाकुरजी की जमीनों को जब भी मौका मिला सब लोगों ने बिक्री मे हिस्सेदारी ली है। यह भी सामने आया है कि इस मे प्रभावशाली लोगों ने भी माध्यस्थता के नाम पर मोटी रकम हासिल की है। वही नगर पालिका के कर्मचारियों ने भी बहती गंगा मे खूब डूबकी लगायी है। इस प्रकरण मे शामिल लोगों के संबंध मे यही कहा जा सकता है कि हमाम मे सभी नंगे है।





मधुसूदन सिंह 

बलिया।। विगत 21 मई की सुबह 8.30 बजे व्यापारी नेता अरुण गुप्ता को गोली मारने की घटना के बाद बीएचयू वाराणसी से इलाज कराकर घर पहुंचे घायल श्री गुप्ता ने आज मीडिया से बात की। श्री गुप्ता ने कहा कि मेरे ऊपर किया गया प्राण घातक हमला ठाकुरबाड़ी की जमीन को बेचने से रोकने के कारण हुई है। कहा कि बलिया शहर मे अबतक लगभग 800 करोड़ की ठाकुर जी की जमीन को सर्वकारा (देखरेख करने वाला ) द्वारा आपसी सहमति से बेच दी गयी है। कहा कि 1903 मे बने दस्तावेजों के अनुसार किसी भी व्यक्ति को ठाकुरबाड़ी की संपत्ति को बेचने या गिरवी रखने का अधिकार नहीं है। जबकि भू माफियाओं के साथ साजिश करके व नगर पालिका के कर्मचारियों की मिलीभगत से सर्वकारा द्वारा बेच दिया गया है। अरुण गुप्ता ने कहा कि मेरे द्वारा कोर्ट से स्टे आर्डर लेने के कारण मुझसे लोग खुन्नस खाये हुए है और घटना से पहले मुझे धमकी दी गयी कि मुकदमा हटा लो, नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगे और 21 मई बुधवार की सुबह हमलावरों को भेजकर मेरे ऊपर गोली चलवा दी गयी। गोली लगने के बाद अपने परिवार के साथ जिला अस्पताल गया, जहां से बीएचयू रेफर कर दिया गया। वाराणसी के चिकित्सकों ने मुझे 7 दिन बाद ऑपरेशन की तिथि दी गयी है। अभी गोली मेरी पीठ मे ही है।



ठाकुरबाड़ी की कहानी 

मीना बाजार स्थित ठाकुर जी के नाम पर शहर बलिया मेकई सौ करोड़ की संपत्तियाँ है। इन संपत्तियों के रख रखाव के लिये 1903 मे एक रजिस्टर्ड डीड है। जिसमे साफ लिखा है कि ठाकुर जी की संपत्तियों को न तो गिरवी रखा जा सकता है, न तो बेचा ही जा सकता है। यह नियम  स्व ज्वाला प्रसाद के मरने के समय तक ठीक चला।स्व ज्वाला प्रसाद के बाद स्व मुक्तेश्वर प्रसाद सर्वहारा बने। इन्होने गलत नियत से अपने पांच लड़को के नाम से ठाकुर जी की संपत्तियों को वसीयत कर दिये। इनके पांचो पुत्रो का नाम कामेश्वर प्रसाद, सुशील कुमार, निर्मल कुमार, ज्योतिष कुमार और अंजनी कुमार है। वर्तमान मे ज्योतिष कुमार सर्वहारा है लेकिन सारा देखरेख अंजनी कुमार के पुत्र अमित कुमार कर रहे है।

मीना बाजार की दुकानों से ही आता है लगभग ढाई लाख महीना 

वर्तमान मे मीना बाजार, संघ कार्यालय, टाउन हाल के सामने भूमि विकास बैंक की बिल्डिंग से लगभग ढाई लाख रूपये किराया आ रहा है। जिसका हिसाब किताब अमित कुमार जानते है। दुःखद पहलु यह है कि इतने धनवान होने के वावजूद ठाकुर जी के लिये स्थायी पुजारी नहीं है।



ये थी ठाकुर जी कि प्रॉपर्टी 

मीना बाजार, संघ कार्यालय, भूमि विकास बैंक बिल्डिंग, पानी टंकी के पास की भूमि, को छोड़कर चौक गुदरी बाजार सड़क स्थित इमरती समोसा की दुकान लगायत अन्य, चमन सिंह बाग रोड, बंधे पर माता काली मंदिर के पास की करोड़ों की संपत्तियों को अवैध तरीके से बेचा ही नहीं गया है, नगर पालिका कर्मियों के सहयोग से दस्तावेजों पर से ठाकुर जी का नाम काटकर ख़रीदारों का नाम चढ़ाया गया है। इन्ही सब अवैध कार्यों को रोकने के कारण अरुण गुप्ता सबकी नजरो मे खटकने लगे है।



नगर पालिका के दो कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध 

अरुण गुप्ता ने कहा कि नगर पालिका के दो कर्मचारियों की मिलीभगत से ठाकुर जी का नाम काटकर ख़रीदारों का नाम चढ़ाया गया है। श्री गुप्ता ने कहा कि पूर्व चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी के जमाने मे यह कृत्य किया गया है। वर्तमान चेयरमैन संत कुमार मिठाईलाल के कार्यकाल मे भी एक साल पहले कृत्य किया गया है। अरुण गुप्ता ने कहा कि मैंने इसकी शिकायत वर्तमान चेयरमैन से की तो उन्होंने जांच करने का आदेश भी बना दिया लेकिन एक साल हो गये अभी तक कोई जांच शुरू ही नहीं हुई है।

सारे खानदान के सदस्य भी रहते है ठाकुर जी की ही मकान मे 

अरुण गुप्ता ने कहा कि हम सभी लोग भी ठाकुर जी की ही मकान मे रहते है। कहा कि 1903 की डीड मे परिवार के सदस्यों को ठाकुर जी के मकान मे रहने की इजाजत दी गयी है, बेचने की नहीं। कहा कि मेरे द्वारा जिलाधिकारी महोदय के कोर्ट से स्टे लिया गया है, जिसके चलते ठाकुर जी की जमीनों की बिक्री रुक गयी है। इसी लिए पहले मुझको धमकी दी गयी और मेरे द्वारा मुकदमा वापस न लेने पर मुझपर हमला कराया गया है। कहा कि पुलिस ने मेरे रिवाल्वर की भी फोरनसिक जांच करायी गयी है। पुलिस जांच कर रही है। मैंने पुलिस को साफ कह दिया है कि जिन लोगों ने मुझ पर गोली चलाई है उनको देखने पर पहचान लूंगा।