सनबीम में 10 दिवसीय संस्कार गीत कार्यशाला का शुभारंभ
बलिया। लोक कलाएं लोक संस्कृति की संवाहक होती हैं। कोई समाज कितना समृद्ध है उसका पता इस बात से चलता है कि उस समाज की लोक भाषा और लोक कलाएं कितनी समृद्ध है। उक्त बातें जनपद के वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने बतौर मुख्य अतिथि संस्कार गीत कार्यशाला के उद्घाटन के अवसर पर सनबीम विद्यालय के संकल्प हाल में कही। उन्होंने कहा कि संस्कृति विभाग की तरफ से अपनी लोक कलाओं को समृद्ध करने तथा उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए जो प्रयास किया जा रहा है,वह बहुत ही सराहनीय है ।
उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान (संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश)एवं सनबीम स्कूल अगरसण्डा के संयुक्त तत्वावधान में 10 दिवसीय संस्कार गीत कार्यशाला का आयोजन सनबीम स्कूल अगरसण्डा में किया गया है। कार्यशाला में जनपद के सुप्रसिद्ध लोकगीत गायक व प्रशिक्षक शैलेंद्र कुमार मिश्र बच्चों को संस्कार गीत का प्रशिक्षण देंगे। तत्पश्चात कार्यालय के समापन पर उसका प्रदर्शन कराया जाएगा। सभी बच्चों को संस्कृति विभाग की ओर से प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा।
इस अवसर पर शैलेन्द्र मिश्र ने बच्चों को बताया कि संस्कार गीत क्या होता है। मौके पर विद्यालय के संगीत प्रशिक्षक कृष्णा सर उपस्थित थे।
विद्यालय की प्रधानाचार्या डॉ अर्पिता सिंह ने बच्चों के उज्जवल भविष्य हेतु ऐसे प्रशिक्षण का स्वागत किया। विद्यालय के प्रशासक संतोष कुमार चतुर्वेदी ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया।