जनपद के समस्त नगर- निकायों में आज(शुक्रवार )के बाद से कभी भी अवैध अतिक्रमण हटाने के लिये गरज सकता है बुलडोजर, जारी हुई चेतावनी
अवैध अतिक्रमणधारियों द्वारा स्वयं अतिक्रमण नही हटाया जाता है,तो अवैध अतिक्रमण को हटाते हुए शासन से निर्धारित दण्ड वसूल करेंगी निकाय
नगर के चैराहों से 50 मीटर के ‘‘रेडियस डिस्टेंस’’ पर कोई अतिक्रमण न होने दिया जाय,ताकि ट्रैफिक का बना रहे ‘‘स्मूथ फ्लो’’
अधिशासी अधिकारी सुनिश्चित करें कि अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद पुनः अतिक्रमण न होने पाए
बलिया।। जाम के झाम से आम नागरिकों को निजात दिलाने के लिये जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने कमर कस ली है। जिलाधिकारी ने सभी नगर निकायों (नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों ) से इसकी शुरुआत के आदेश जारी कर दिये है। जिसके अनुपालन मे 5 व 6 दिसंबर को मुनादी के माध्यम से अतिक्रमण करने वालों को अपना अतिक्रमण स्वयं हटाने का निर्देश दिया जा रहा है। 6 दिसंबर के बाद जिला प्रशासन का बुलडोजर कभी भी अतिक्रमण को हटाने के लिये गरज सकता है। इस आदेश से अतिक्रमण करने वालों मे हड़कंप मच गया है।
शासन के आदेशानुसार तथा जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार के निर्देश पर जनपद के समस्त नगर निकायों में सार्वजनिक मार्ग, अवैध टैक्सी स्टैंड, सड़क के किनारे अनाधिकृत कब्जा व अवैध निर्माणों आदि को हटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा।
यह जानकारी मुख्य राजस्व अधिकारी श्री त्रिभुवन ने देते हुए बताया कि समस्त अधिशासी अधिकारी अपने निकायों में दिनांक 5 दिसंबर व 6 दिसंबर 2024 को माइक/लाउडस्पीकर के माध्यम से एनाउंस कराने के साथ अवैध अतिक्रमण हटाये जाने वाले कार्यों को सुनिश्चित करते हुए व्यापार मंडल आदि से भी वार्ता करना सुनिश्चित करेंगे,ताकि अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के लिए आम लोगों का सहयोग मिल सके। अवैध अतिक्रमण 6 दिसंबर से हटाया जाएगा।
जनपद के समस्त निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निम्नवत् निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है-
1- नगर पालिका अधिनियम-1916 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण हटाया जाना सुनिश्चित किया जाय। इस धारा के अंतर्गत बगैर नोटिस दिए हुए भी अवैध कब्जेदारो को तथा सड़क पर किए गए अवैध कब्जे व निर्माण को तोड़ा भी जा सकता है।
2-समस्त अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने निकायों में पुलिस प्रशासन के साथ संयुक्त रूप से अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया जाय तथा ‘‘फॉलो अप एक्शन’’ में यह सुनिश्चित किया जाय कि एक बार अतिक्रमण हटाए जाने के पश्चात पुनः खोखे, गुमटी व अन्य अतिक्रमण न होने पाए। इस संबंध में निकाय के अधिशासी अधिकारी द्वारा पहल किया जाय,जो मार्ग के रख-रखाव के लिए उत्तरदायी है।
3-सड़क पर अतिक्रमण करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध विभिन्न अधिनियमों के अंतर्गत समस्त निकायों द्वारा नियमानुसार ‘‘प्रति दिवस’’ की दर से अर्थ दंड लगाया जाय।
4- नगर के चैराहों से 50 मीटर के ‘‘रेडियस डिस्टेंस’’ पर आसपास कोई अतिक्रमण न होने दिया जाय,ताकि ट्रैफिक का ‘‘स्मूथ फ्लो’’ बना रहें।
5- निकायों में जितना भी अवैध अतिक्रमण को हटाया जायेगा, उस पर पुनः अतिक्रमण न हो, इसके लिए अधिशासी अधिकारी अपने निकाय क्षेत्र के पुलिस थाना से सहयोग लेकर आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करेंगे।
6- जनपद के समस्त अधिशासी अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि यदि अवैध अतिक्रमणधारियों द्वारा स्वयं अवैध अतिक्रमण को नही हटाया जाता है तो निकाय द्वारा उस अवैध अतिक्रमण को हटाते हुए शासन से अवैध अतिक्रमण के लिए जो दंड की व्यवस्था निर्धारित की गयी है,उसके अनुसार कार्यवाही की जायेगी। जिसके लिए विभिन्न धाराओं में 01 वर्ष से 05 वर्ष तक की कारावास के साथ-साथ अर्थदण्ड का भी प्रावधान है, जिसका विवरण निम्नवत् है-
(क) धारा 3 लोक संपत्ति क्षति निवारण-1984 के अंतर्गत 5 वर्ष का कारावास एवं अर्थदंड।
(ख) धारा 447 भारतीय दंड विधान के अंतर्गत 3 माह का कारावास एवं ₹ 500.00 का अर्थदंड।
(ग) धारा 177 के अंतर्गत प्रथम गलती व अपराध पर ₹ 100.00 एवं दोबारा गलती पर ₹ 300.00 अर्थदंड।
(घ) धारा 210 नगर पालिका अधिनियम के अंतर्गत ₹ 1000.00 का अर्थदंड।
(ड़) धारा 26 को उत्तर प्रदेश योजना एवं विकास अधिनियम-1997 के अंतर्गत 1 वर्ष का कारावास एवं ₹ 20000.00 का अर्थदंड।
समस्त नगर निकायों में अवैध अतिक्रमण हटाए जाने संबंधी महत्वपूर्ण तथ्य--
(1) समस्त नगर निकायों में मुनादी करते हुए सूचित किया जा रहा है कि अवैध आक्रमणकारियों को एक वर्ष की सजा और 20000 रूपए जुर्माना भी हो सकता है ।
(2)अवैध अतिक्रमण हटाने के बाद नगर निकाय पुलिस को अतिक्रमण मुक्त मार्ग सौंपेगी। पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि वह सुनिश्चित करेगी कि पुनः अवैध अतिक्रमण न हो और सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज करेगी।