यूपी उपचुनाव में दिखा लोकतंत्र का भयावह चेहरा, चुनाव आयोग कोमा में : संजय सिंह (सांसद व यूपी प्रभारी, आप)
लोकतंत्र का गला घोंटकर उपचुनाव जीतना चाहती है भाजपा: संजय सिंह*
यूपी उपचुनाव में सत्ता और पुलिस का दुरुपयोग चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है: संजय सिंह
लखनऊ।।उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में पुलिस प्रशासन की भूमिका पर एक गंभीर सवाल उठता है। जिस पर आम आदमी पार्टी सांसद व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने योगी सरकार और चुनाव आयोग को जमकर घेरते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा के "उपचुनाव में दिखा लोकतंत्र का भयावह चेहरा, चुनाव आयोग कोमा में"
श्री संजय सिंह ने कहा कि मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में ककरौली थाना के SHO श्री राजीव शर्मा द्वारा वोटरों को रिवाल्वर दिखाकर धमकी देने की घटना या प्रदेश की सभी नौ सीटों पर जिस तरह की घटनाएं सामने आई है, न केवल लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं की अवहेलना है, बल्कि पूरी तरह से संविधान और चुनाव प्रक्रिया के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पिस्टल के दम पर चुनाव जीतना चाह रही हैं जो की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
उन्होंने ने कहा कि ऐसी घटना लोकतंत्र के लिए एक खतरनाक उदाहरण पेश करती है, जहां सत्ता और पुलिस का दुरुपयोग चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने के लिए किया जा रहा है। जब चुनावी अधिकारियों और पुलिस प्रशासन की भूमिका निष्पक्ष होनी चाहिए, तब ऐसी धमकियों से साफ जाहिर होता है कि प्रशासन का एक हिस्सा एक विशेष राजनीतिक दल के पक्ष में काम कर रहा है। यह लोकतंत्र के लिए एक भयावह स्थिति है।
उन्होंने चुनाव आयोग पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि, जो चुनाव आयोग स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है, इस मामले में पूरी तरह से मौन है। चुनाव आयोग की नाकारात्मक भूमिका और निष्क्रियता यह दर्शाती है कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर गहरा सवाल उठता है। इस प्रकार के कृत्य ना केवल लोकतंत्र की हत्या करते हैं, बल्कि जनता के विश्वास को भी तोड़ते हैं।
आम आदमी पार्टी, जो हमेशा से चुनावी प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता की पक्षधर रही है, इस घटना की कड़ी निंदा करती है और चुनाव आयोग से तत्काल हस्तक्षेप की मांग करती है। साथ ही, इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि लोकतंत्र की मूल भावना और जनता के अधिकारों की रक्षा की जा सके।