मेघनाद, कुम्भकरण के बध के बाद क्रोधित रावण आया युद्धभूमि मे, इक्कतीस बाण मार राम ने किया रावण का बध, चारों तरफ गूंजा जय श्रीराम
संतोष कुमार द्विवेदी
नगरा, बलिया।।सार्वजनिक रामलीला समिति की ओर से जनता इंटर कॉलेज के मैदान में चल रही रामलीला महोत्सव में शनिवार को कुंभकरण, मेघनाद व रावण वध लीला का मंचन किया गया। कुंभकर्ण, मेघनाथ तथा रावण का पुतला दहन देखने के लिए दूर दराज के दर्जनों गावो से हजारों की संख्या में दर्शक लीला स्थल पर पहुंचे थे। लीला का शुभारम्भ नायब तहसीलदार रसड़ा राजेश यादव, पूर्व प्रमुख निर्भय प्रकाश,भाजपा के जिला महामंत्री आलोक शुक्ल, कारोबारी नीरज गुप्ता द्वारा भगवान की झांकी का आरती पूजन कर किया गया ।
कलाकारो द्वारा मंचित लीला के अनुसार लक्ष्मण के स्वस्थ होने की खबर सुनकर व्याकुल रावण अपने भाई कुंभकर्ण को जगाकर उसे सीताहरण से लेकर विभीषण को लंका से निकालने तक की जानकारी देकर व उसे मांस मदिरा का पान कराकर राम से युद्ध करने भेज देता है। रण भूमि में विभीषण को देखकर कुंभकर्ण हृदय से लगा लेता है। इसके बाद वह बानर सेना से घनघोर युद्ध करता है।अंगद, हनुमान एवं सुग्रीव से युद्ध कर उन्हें मूर्छित कर देता है, जिससे वानर सेना में खलबली मच जाती है। तब राम बाणों से प्रहार कर कुंभकर्ण के टुकड़े-टुकड़े कर उसका वध कर देते हैं। कुंभकरण के वध होने की जानकारी के बाद रावण मेघनाद को रण में भेजता है। युद्ध भूमि में जानें से पहले मेघनाथ निकुंभला का पूजन यज्ञ करता है। इसकी जानकारी होते ही लक्ष्मण बानर सेना लेकर यज्ञ स्थल पर पहुंच जाते है और यज्ञ विध्वंस कर देते हैं। इससे क्रोधित मेघनाथ रथ पर बैठकर मायावी प्रपंच कर लक्ष्मण के शरीर पर ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करता है लेकिन ब्रह्मास्त्र निष्फल हो जाता है। लक्ष्मण श्रीराम जी का सुमिरन कर मेघनाथ का वध कर देते हैं।
मेघनाद का वध होने पर रावण विलापित मंदोदरी को समझाकर युद्ध के लिए रण भूमि की ओर चल देता है। रास्ते में बहुत से अपशकुनों को नजरअंदाज कर वह अपनी चतुरंगिनी सेना के साथ युद्ध करने लगता है। युद्ध में राम को बिना रथ के देखकर देवराज इन्द्र रथ भेजते हैं। राम रावण में भयंकर युद्ध होता है। विभीषण के बताने पर राम अपने धनुष से रावण पर इकत्तीस बाणों की वर्षा करते हैं। एक बाण रावण के अमृत कुण्ड को सोख लेता है। अन्य बाणों से उसके 10 सिर व शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर उसका वध कर देते हैं। इसके बाद अयोजन समिति द्वारा तैयार रावण का बीस फीट का पुतला दहन किया गया। साथ ही कुंभकर्ण और मेघनाथ का पुतला दहन किया गया।
पूर्व प्रमुख अच्छेलाल यादव, राजेश कुमार गुप्ता, रामायण ठाकुर ,डॉ शशि प्रकाश कुशवाहा,गणपति गोड,सुनील गुप्ता, हरेराम गुप्ता, क्रांति यादव, अनिल, राहुल, अमन, रियांशु, राजू चौहान, प्रिंस गुप्ता, जय प्रकाश जायसवाल, राजू चौहान, सभासद लाल बहादुर सिंह, सौरभ मिश्रा, सहित सभी पदाधिकारी एवं सदस्य मौजूद रहें।