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प्रशासन के द्वारा मृतक मुकेश की पत्नी की मांग को शासन को भेजनें का आश्वासन देने पर परिजनों ने शव का किया अंतिम संस्कार



अंतिम संस्कार होने तक प्रशासन रहा हल्कान 

नीलेश दीपू 

बेल्थरारोड बलिया।। उभांव थाना क्षेत्र के खैराखास ग्राम में सोमवार को दुष्कर्म के आरोपी युवक की मऊ जेल के शौचालय में फंदा लगाकर जान देने के बाद उसके शव को परिजनों ने लेने से इनकार कर दिया। युवक के आत्महत्या के दूसरे दिन रविवार को एडीएम देवेंद्र प्रताप सिंह, एडिशनल एसपी अनिल कुमार झा मृतक के परिजनों से शव लेने के लिए राजी करने का प्रयास किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली। घटना के तीसरे दिन सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव जब गांव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों द्वारा मृतक के शव का दाह संस्कार किए जाने के लिए मान-मनौव्वल का दौर शुरू हो गया। प्रशासनिक, पुलिस व जनप्रतिनिधियों के बीच कई घंटे तक चले वार्ता के उपरांत परिजन मान गए और सरयू नदी तट पर कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच मृतक का दाह संस्कार किया गया। गांव में शव पहुंचते ही परिजन दहाड़ें मार कर रोने लगे। परिजनों ने मुकेश द्वारा आत्महत्या किए जाने की बात से इनकार किया। परिजनों का आरोप है कि मुकेश ने आत्महत्या नहीं, बल्कि उसकी हत्या की गई है।



 परिजनों का कहना है कि मुकेश को पाक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जबकि उसने मंदिर में शादी की थी। जिस लड़की से उसने शादी की है, वह बालिग है तथा गर्भवती बताई जा रही है। बलिया जेल से मऊ जेल में शिफ्ट होने के बाद बीते शनिवार को मुकेश ने शौचालय में फंदे पर लटक कर जान दे दी थी। काफी जद्दोजहद के बाद प्रशासन और परिजनों के बीच कई चक्र वार्ता हुई। इस दौरान परिजनों ने मृतक आश्रित को 30 लाख आर्थिक सहायता, सरकारी नौकरी, दो एकड़ जमीन मुआवजे की मांग की। सकारात्मक वार्ता के बाद परिजनों द्वारा शव को अपनी सुपुर्दगी में लेकर दाह संस्कार कराए जाने से विवाद का अंत हो गया। फिर भी मुकेश की मौत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।