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बलिया मे मरीज कों तीन घंटे तक बनाया बंधक , आयुष्मान कार्ड धारक कों बनाया बंधक, हॉस्पिटल मे मारपीट का वीडियो वायरल

 


मधुसूदन सिंह 

बलिया।। आयुष्मान भारत कार्ड धारक कों लगभग तीन घंटे तक बंधक बनाने का मामला सामने आया है। मामला बलिया शहर के अशर्फी हॉस्पिटल का है। यही नहीं इस हॉस्पिटल मे एक व्यक्ति कों लाठी से पीटने का भी वीडियो वायरल हुआ है। बंधक बनायीं गयी महिला बैरिया तहसील के लक्ष्मण छपरा की बतायी जा रही है।



बता दे कि पीड़ित मंजूषा व इसकी दूर की सास बिंदु देवी गंभीर अवस्था मे आयुष्मान भारत कार्ड के जनपद मुख्यालय स्थित अशर्फी हॉस्पिटल तिखमपुर मे पहुंची। जहां चिकित्सकों ने बिंदु देवी का यूरिन का टेस्ट करने के बाद किटोन लेवल बहुत ज्यादे बढ़ा होने के कारण आईसीयू मे भर्ती कर इलाज शुरू कर दिया। इलाज शुरू करने के साथ ही आयुष्मान भारत कार्ड के आधार पर इलाज शुरू किया। तीन दिन इलाज होने के बाद आयुष्मान भारत के पोर्टल ने आईसीयू मे मरीज के भर्ती कों गाइड लाइन मे न होने के कारण फ़ाइल रिजेक्ट कर दिया।





फ़ाइल रिजेक्ट होने पर हॉस्पिटल प्रशासन ने महिला से इलाज मे प्रयोग हुई दवाओं और जांच पर हुए खर्च लगभग 7500 रूपये की मांग मरीज से की। मरीज द्वारा असमर्थता व्यक्त करने पर उसकी पड़ोसी मरीज ने उसको अपनी सांस बतायी। इसी के आधार पर हॉस्पिटल प्रशासन ने मंजूषा से बिंदु देवी के खर्च की मांग करते हुए डिस्चार्ज के बाद भुगतान के लिये रोक लिया। बता दे कि मंजूषा, बिंदु देवी कों अपने साथ टहलाते हुए बाहर भेज दी, ऐसा हॉस्पिटल प्रशासन ने आरोप लगाया गया है।



इसकी जानकारी होते ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी बलिया ने अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी के नेतृत्व मे एक जांच टीम कों तत्काल अशर्फी हॉस्पिटल भेजा। जहां टीम ने महिला व हॉस्पिटल का बयान लेने के बाद पीड़ित महिला कों तत्काल दवाई दिलवाकर घर भेजवा दिया। वही इस हॉस्पिटल मे दो लोगों द्वारा मारपीट का वीडियो भी वायरल हो रहा है।

आयुष्मान भारत पोर्टल की कमियों के चलते हुआ विवाद 

बता दे हॉस्पिटल द्वारा इलाज संबंधी खर्च कों लगातार तीन दिनों तक पोर्टल पर अपलोड करने के बाद चौथे दिन फ़ाइल रिजेक्ट कर दी गयी। तब हॉस्पिटल द्वारा जिस महिला ने बिंदु देवी कों सास बतायी थीं, उसको डिस्चार्ज के बाद बिंदु देवी के भुगतान के लिये रोक दिया गया। आयुष्मान भारत पोर्टल के संचालकों द्वारा अगर पहले ही दिन फ़ाइल रिजेक्ट कर दी गयी होती तो आज की घटना की नौबत ही नहीं आती। पोर्टल के संचालन की गड़बड़ी से अक्सर विवाद सुनने मे आ जाता है।