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जनपद में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा हुई प्रभावी, जाने क्या है नियम?





बलिया।। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी रवींद्र कुमार ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा लोकसभा सामान्य निर्वाचन 2024 की घोषणा की जा चुकी है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 171 ख एवं 171-ग प्रभावी है, जो सर्वसाधारण के लिए सूचनार्थ निम्नवत है -

171 - ख. रिश्वत- जो कोई- किसी व्यक्ति को इस उद्देश्य से परितोषण देता है कि वह उस व्यक्ति को या किसी अन्य व्यक्ति को किसी निर्वाचन अधिकार का प्रयोग करने के लिए उत्प्रेरित करे या किसी व्यक्ति को इसलिए इनाम दे कि उसने ऐसे अधिकार का प्रयोग किया है, अथवा स्वयं अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई परितोषण ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए या किसी अन्य व्यक्ति को ऐसे किसी अधिकार को प्रयोग में लाने के लिए उत्प्रेरित करने या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करने के लिए इनाम के रूप में प्रतिगृहीत करता है,वह रिश्वत का अपराध करता है। परन्तु लोक नीति की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन इस धारा के अधीन अपराध न होगा, जो व्यक्ति परितोषण देने की प्रस्थापना करता है या देने को सहमत होता है या उपाप्त करने की प्रस्थापना या प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण देता है, जो व्यक्ति परितोषण अभिप्राप्त करता है या प्रतिगृहीत करने को सहमत होता है या अभिप्राप्त करने का प्रयत्न करता है, यह समझा जाएगा कि वह परितोषण प्रतिगृहीत करता है और जो व्यक्ति वह बात करने के लिए जिसे करने का उसका आशय नहीं है, हेतुस्वरूप, या जो बात उसने नहीं की है, उसे करने के लिए इनाम के रूप में परितोषण प्रतिगृहीत करता है, यह समझा जाएगा कि उसने परितोषण को इनाम के रूप में प्रतिगृहीत किया है।

उक्त के अतिरिक्त यदि कोई किसी के निर्वाचन अधिकार के निर्बाध प्रयोग में हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है तो वह भारतीय दण्ड संहिता की धारा-171ग, जो निम्न उद्धृत है, के तहत अपराध कारित करता हुआ माना जायेगा।

   171 - ग. निर्वाचनों में असम्यक् असर डालना

-जो कोई किसी निर्वाचन अधिकार के निर्बाध प्रयोग में स्वेच्छया हस्तक्षेप करता है या हस्तक्षेप करने का प्रयत्न करता है, वह निर्वाचन में असम्यक् असर डालने का अपराध करता है। उपधारा के उपबन्धों की व्यापकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना जो कोई- किसी अभ्यर्थी या मतदाता को, या किसी ऐसे व्यक्ति को जिससे अभ्यर्थी या मतदाता हितबद्ध है, किसी प्रकार की क्षति करने की धमकी देता है, अथवा किसी अभ्यर्थी या मतदाता को यह विश्वास करने के लिए उत्प्रेरित करता है या उत्प्रेरित करने का प्रयत्न करता है कि वह या कोई ऐसा व्यक्ति, जिससे वह हितबद्ध है, दैवी अप्रसाद या आध्यात्मिक परिनिन्दा का भाजन हो जाएगा या बना दिया जाएगा, यह समझा जाएगा कि वह उपधारा के अर्थ के अन्तर्गत ऐसे अभ्यर्थी या मतदाता के निर्वाचन अधिकार के निर्बाध प्रयोग में हस्तक्षेप करता है। लोक नीति की घोषणा या लोक कार्यवाही का वचन या किसी वैध अधिकार का प्रयोग मात्र, जो किसी निर्वाचन अधिकार में हस्तक्षेप करने के आशय के बिना है, इस धारा के अर्थ के अन्तर्गत हस्तक्षेप करना नहीं समझा जाएगा।