विशेष क्षय रोगी खोज अभियान में अबतक खोजे गए 18 रोगी, उपचार शुरू
बलिया।।देश को वर्ष 2025 तक क्षय रोग मुक्त बनाने का प्रयास लगातार जारी है। इसी क्रम में जिला क्षय रोग विभाग की ओर से 15 मई से विशेष क्षय रोगी खोज अभियान संचालित किया जा रहा है। 21 कार्य दिवसों तक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से क्षय रोगी खोजे जा रहे हैं। अभियान के पहले सप्ताह में 18 क्षय रोगी चिन्हित किए गए हैं। जिनका नोटिफिकेशन कर उपचार शुरू कर दिया गया है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आनंद कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि यह अभियान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) के माध्यम से आयोजित किया जा रहा है। इससे दूरदराज के टीबी संभावित लक्षण वाले लोग नजदीकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर जांच करा सकेंगे। कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के माध्यम से सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। जांच में पॉज़िटिव आने के बाद टीबी रोगियों का उपचार शीघ्र शुरू कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर टीबी की जांच व उपचार समय से किया जाए तो इस बीमारी की कड़ी को तोड़ा जा सकता है। इस अभियान में आशा कार्यकर्ता तथा एएनएम घर-घर जाकर क्षय रोगियों की खोज कर रही है। इनमें 429 संभावित क्षय रोग के लक्षण वाले लोगों को चिन्हित कर सेंटरों पर बुलाकर स्क्रीनिंग की गई। इसमें 18 लोग पॉजिटिव पाए गए।
उन्होंने बताया कि इस अभियान में सीएचओ की भूमिका महत्वपूर्ण होने के नाते टीबी मरीजों का शीघ्र ही नोटिफिकेशन कर उपचार शुरू किया गया है। जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि यह विशेष अभियान एचडब्ल्यूसी के माध्यम से शिविर लगाकर टीबी संभावित लक्षण वाले लोगों की स्क्रीनिंग की जा रही है। जन समुदाय में टीबी के प्रति जागरूकता फैलाई जा रही है। इसमें (टीबी के लक्षण, प्रकार, रोकथाम और इससे बचाव) की जानकारी दी जा रही है।
पीपीएम कोऑर्डिनेटर विवेक सिंह ने बताया कि टीबी मरीजों की यदि समय से जांच तथा उपचार हो जाए तो निश्चय ही इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर टीबी की जांच व उपचार है साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी मरीजों को 500 रुपये प्रतिमाह उपचार के दौरान सीधे उनके बैंक खाते में स्थानांतरित किए जा रहे हैं।
सदर बेदुआ निवासी 21 वर्षीय सुमित कुमार (काल्पनिक नाम) ने बताया कि मुझे कुछ समय से खांसी तथा बुखार की शिकायत थी। एक दिन मेरी मुलाकात जिला टीबी क्लीनिक मे कार्यरत सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर अवनीश चतुर्वेदी से हुई, मैंने उनको अपनी समस्या बताई। उन्होंने जिला टीबी क्लीनिक पर मुझे बुलाया स्क्रीनिंग करवाई, जांच के लिए बलगम का नमूना भेजा। बाद में रिपोर्ट पॉजिटिव आयी। मेरा उपचार शुरू हो गया है। डॉक्टर ने लगातार दवा खाने और पौष्टिक आहार खाने के लिए कहा है।