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श्रीराम के आदर्श - त्याग, तपस्या, विनम्रता एवं प्रेम का प्रतीक: बब्बन विद्यार्थी




रमेश चंद गुप्ता 

दुबहड़/बलिया ।। ब्रह्मांड में रमण करने वाले हर तत्व को राम से प्रमाणित करना ही राम की असली पूजा है। मानवता के लिए ही नहीं, बल्कि पेड़-पौधों के लिए भी उन्होंने जो संदेश दिया है, वह अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय हैं। माता-पिता, पुत्र, पति, भाई, मित्र यहां तक कि बैरी के धरातल पर भी उन्होंने जो लक्ष्मण रेखा खींची है, उसका दुनिया में कोई मिसाल नहीं है।








उक्त बातें अखार ढाला स्थित मीडिया सेंटर पर पत्रकारों से बातचीत में सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने कही। कहा कि त्याग, विनम्रता, प्रेम और आस्था के प्रतीक राम को मानने का अर्थ उनके आदर्शों व उपदेशों के पथ पर चलना है। रामनवमी, राम जन्मोत्सव मनाने की सार्थकता तभी सिद्ध होगी, जब उनके मानवीय आचरण एवं आदर्शों को जीवन में चरितार्थ किया जाएगा।





 विद्यार्थी ने कहा कि अगर भगवान को खुश करना है तो भगवान के बंदों से प्यार करना होगा। क्योंकि जीवन का मूल प्रेम है। यदि हम जीवन के मूल्य अर्थात प्रेम को समझ जाएं तो समस्त विवाद एवं कटुता स्वत: समाप्त हो जाएगी। इस मौके पर विश्वनाथ पांडेय, डॉ सुरेशचंद्र प्रसाद, कृष्ण कुमार पाठक, संजय जायसवाल मौजूद रहे।