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शिशु मंदिरों में शिक्षा के साथ दिये जाने वाले संस्कार झलकते है आचरण में -डॉ निशा राघव



बलिया।। नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर-बलिया  में वार्षिक परीक्षाफल वितरण किया गया।इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर निशा राघव - विभागाध्यक्ष वनस्पति विज्ञान,   विशिष्ट अतिथि रामप्रताप जी अध्यक्ष, डॉ जनार्दन राय जी- वरिष्ठ साहित्यकार  उपस्थित रहे । प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त भैयाओं को पुरस्कृत किया गया।

 

 मुख्य अतिथि ने कहा कि  इसके तहत संचालित शिशु व विद्या मंदिर विद्यालयों में शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को संस्कार दिया जाता है। बच्चों के आचरण में यह संस्कार झलकता है। आज के समय में माता-पिता की सेवा के बदले हम उन्हें ओल्ड एज होम भेज रहे हैं। यह हमारे परंपरा के विरुद्ध है।








कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ जनार्दन राय जी ने कहा कि स्थान प्राप्त विद्यालयों के बच्चे अच्छा कर रहे हैं। इसमें आचार्यो की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने धार्मिक तथ्यों से आचार्यो में उत्साह भरा और विद्यार्थियों को प्रेरित किया। कहा, विवेकानंद जैसे व्यक्ति आचार्य के मार्गदर्शन में बने। आचार्य चाणक्य ने चंद्रगुप्त का निर्माण किया। भगवान राम को बनाने में विश्वामित्र का योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि परिश्रम निरंतर जारी रखें। 



वरिष्ठ अतिथि श्रीमान रामप्रताप जी ने बताया कि भारतीय संस्कृति के अनुसार विद्यारंभ संस्कार सदियों से चला रहा है। जब पहले बच्चे गुरुकुल में पढ़ने जाते थे, तब भी इस संस्कार की शुरुआत के साथ ही उन्हें गुरुकुल में प्रवेश दिया जाता था । संस्कारों द्वारा प्राप्त शिक्षा से ही व्यक्ति सदाचारी और आदर्शवादी बनता है और अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है, परन्तु आज के समय में इन संस्कारों का लोप होता जा रहा है, जिससे विद्यार्थी अपने जीवन में आने वाली समस्याओं से लड़ते रह जाते हैं।


इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य श्रीमान अरविंद सिंह चौहान, उपप्रधानाचार्य निर्भय निरंजन शंकर उपाध्याय जी, अनुशासन प्रमुख श्रीमान अरुण मणि जी उपस्थित रहे ‌।प्रस्ताविकी विद्यालय के अनुशासन प्रमुख श्रीमान अरुण मणि जी और कार्यक्रम का सफल संचालन विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य मनोज अस्थाना जी द्वारा किया गया ।