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सक्रिय टीबी रोगी खोजी अभियान में मिले मरीजों का इलाज शुरू, अभियान में मिले 115 नये मरीज



बलिया।। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत सक्रिय क्षय रोगी खोजी अभियान 24 फरवरी से 5 मार्च तक चलाया गया। इस अभियान में जिले में टीबी के 115 नये मरीज खोजे गये। सभी रोगियों का इलाज शुरू कर दिया गया है। इस अभियान के दौरान 6.34 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसमें 1706 लोगों के बलगम की जांच की गई। इसके लिए 205 टीमें और 42 सुपरवाइजर लगाये गए थे। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ आनन्द कुमार ने दी।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीम ने घर-घर जाकर टीबी के लक्षणों के आधार पर मरीजों को खोजा । अभियान के दौरान टीबी के प्रति लोगों में जागरूकता देखने को मिली। जनपद को टीबी से मुक्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरे प्रयासों से जुटा हुआ है। इस बीमारी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए सामाजिक संगठन भी आगे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में बलगम जांच 29 केंद्रों (टीबी यूनिट) पर की जाती है तथा सीबी नाट जांच की सुविधा जिला क्षय रोग केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरपुर और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सियर पर उपलब्ध है।







उन्होंने बताया कि यदि टीबी की पहचान शुरुआती दिनों में हो जाए तो मरीज छह माह के लगातार इलाज से ठीक हो जाता है। टीबी का इलाज अधूरा छोड़ने पर बढ़ जाता है और कुछ समय बाद यह मल्टीड्रग रेजिस्टेंट (एमडीआर) टीबी के रूप में सामने आता है जोकि बेहद गंभीरजनक है। वर्तमान में जनपद में एमडीआर के लगभग 100 हैं जिनका इलाज चल रहा है। टीबी के मरीज ड्रग रेजिस्टेंट न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला टीबी नियंत्रण इकाई की ओर से मरीजों का नियमित फॉलोअप किया जाता है। टीबी के मरीज को पौष्टिक आहार मिल सके, इसके लिए उन्हें प्रतिमाह निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार के दौरान 500 रुपये पोषण भत्ते के रूप में सीधे मरीज के खाते में भेजे जाते हैं।

                   जिले का डेटा

 जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि जिले में इस समय 3162 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है जिसमें से 100 एमडीआर टीबी के रोगी हैं | जनवरी 2022 से अब तक कुल 6609 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। वर्ष 2018 से अभी तक निक्षय पोषण योजना में 13630 क्षय रोगियों को करीब 3.54 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के जरिये किया जा चुका है।