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रूस - यूक्रेन संघर्ष एवं वैश्विकपरिदृश्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न







डॉ सुनील कुमार ओझा 

बलिया।।आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा बलिया द्वारा संचालित रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्ययन विभाग के सौजन्य से दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ गंगा बहुउद्देशीय सभागार  बलिया में 25 एवं 26 फरवरी को सम्पन्न हुआ। 'रूस- यूक्रेन संघर्ष एवं वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका' विषय पर आयोजित इस सेमिनार में पहले दिन तीन सत्र आयोजित किये गए। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के ख्यातिलब्ध रक्षा विशेषज्ञ डॉ संजीव श्रीवास्तव, भारतीय सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल डॉ आर.जी. तिवारी,भारत सरकार के पूर्व राजदूत श्री जे.के. त्रिपाठी, संगोष्ठी संयोजक श्याम बिहारी श्रीवास्तव,महाविद्यालय के यशस्वी प्राचार्य प्रो गौरीशंकर द्विवेदी एवं विभिन्न महाविद्यालय के प्राध्यापक गण एवं शोधार्थी उपस्थित रहें।जिसमे दो तकनीकी स्त्र चला जिसमे शोध पत्र पढ़े गए।







 दूसरे दिन  संगोष्ठी के समापन समारोह के मुख्य अतिथि डॉ अशोक कुमार सिंह पूर्व कुलपति सिंघानिया विश्वविद्यालय राजस्थान ने अपने उद्गार में कहा कि रूस स्टालिन की विस्तार नीति को आगे बढ़ा रहा है रूस किसी तरह यूक्रेन पर कब्जा करना चाहता है जबकि अमेरिका बिल्कुल नहीं चाहता है कि रूस का विस्तार यूरोप में अधिक हो उन्होंने कहा कि 21वीं सदी इस बात के लिए जाने जा सकेगी की एक ऐसा देश जिसके पास सिर्फ साहस एवं मनोबल मुक्त नागरिक थे। उसने रूस जैसे शक्तिशाली देश को संघर्ष में पछाड़ देने के लिए कमर कस लिया था। इस संघर्ष ने एक भरम तोड़ दिया कि अब जमीनी लड़ाई समाप्त हो गई है जिस जिस तरह चीन के माध्यम से पूरी दुनिया में अपना जाल बिछा रखा है, उसी तरह इस संघर्ष के माध्यम से करी डोर की तलाश में है संघर्ष में चीन रूस के साथ खुलकर नहीं आ रहा है। भारत के रूस के साथ सामाजिक हित जुड़े हैं राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह के अध्यक्ष श्री जितेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि इस संघर्ष में अमेरिका को लाभ है उसने अपने हित में संघर्ष को जारी रखना चाहता है। भारत का दीर्घकालिक हित इसी में है कि भारत रूस का नैतिक विरोध करें ।

जनपद न्यायाधीश  ने  कहा कि चीन ताइवान पर हमले की फिराक में बैठा था परंतु इस संघर्ष से चीन को अपनी विस्तार वादी नीति पर रोक लगानी पड़ी। उन्होंने कहा कि रूस का कार्य कतई सही नहीं है। राष्ट्रीय संगोष्ठी के द्वितीय दिन तृतीय एवं चतुर्थ तकनीकी सत्र में विभिन्न आयामों से शोध पत्रों की प्रस्तुति की गई। तृतीय तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉक्टर फिरोज खान रक्षा एवं स्त्रातजिक अध्यन स्नातकोत्तर  महाविद्यालय  बांसडीह बलिया चतुर्थ तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉ गणेश कुमार पाठक पूर्व प्राचार्य दुबे छपरा बलिया ने की ।समस्त सहभागियों एवं अतिथि का आभार प्राचार्य प्रो  गौरी शंकर द्विवेदी ने किया तथा स्वागत आयोजन सचिव डा श्याम बिहारी श्रीवास्तव ने की संचालन डॉक्टर अजय विक्रम सिंह एवं शिवेश प्रसाद राय ने की।इस कार्यक्रम में कालेज के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।