नरही थाना क्षेत्र में रूकने का नाम नहीं ले रही हरे पेड़ों की कटाई, बलिया एक्सप्रेस ने कल भी चलायी थी हरे पेड़ की कटाई की खबर
नरही (बलिया)।। नरही थाना क्षेत्र इस समय हरे पेड़ काटने वाले लकड़ी माफियाओं के लिये सुरक्षित सैरगाह बनता जा रहा है। बलिया एक्सप्रेस ने अभी कल रविवार को ही नरही थाना क्षेत्र में हरे पेड़ की कटाई की वीडियो के साथ खबर प्रकाशित की थी लेकिन लगता है नरही पुलिस कानों में तेल डालकर सो रही है। अगर ऐसा नहीं होता तो आज फिर इसी थाना क्षेत्र में हरे पेड़ो को निडरता के साथ लकड़ी माफिया काटने का दुःसाहस नहीं करते। इस क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारी तो लगता है सिर्फ अवैध कमाई करने के लिये ही नौकरी कर रहे है।
गड़हांचल में लकड़ी माफियाओं की चांदी कट रही है। रात दिन बेखौफ होकर यह लकड़ी माफिया हरे पेड़ों की कटाई किए जा रहे हैं। प्रतिदिन कहीं ना कहीं हरे पेड़ जमीजोंद होते जा रहे हैं।
एक तरफ सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च कर पेड़ लगवा रही है। वहीं दूसरी तरफ स्थानीय पुलिस और वन विभाग के लोग चढ़ावा लेकर अंधाधुंध हरे पेड़ों को कटवाने के लिए लकड़ी माफियाओं से मिलकर क्षेत्र को वृक्ष विहिन करने पर तुले हैं। कहीं भी लकड़ी माफिया बेखौफ होकर हरे पेड़ों की कटाई धुआंधार कर रहे हैं।
चौरा सलेमपुर के डेहरी मोजे में खुलेआम लकड़ी माफिया लकड़ी काट रहे हैं। दौलत पुर में सड़क के पास ही बौर (आम्र मंजरी) से गदराया आम का पेड़ लकड़ी माफियाओं की भेंट चढ़ गया। यही स्थिति पूरे क्षेत्र में बनी हुई है । फिरोज पुर में भी लकड़ी माफियाओं ने आम के पेड़ खुलेआम सड़क किनारे ही कटवा कर ले गए। एक लकड़ी माफिया (नाम पता) न लिखने की शर्त पर बताया कि ₹1000 वन विभाग को और पंद्रह सौ रुपया प्रति पेड़ थाने की पुलिस को पेड़ काटने से पहले ही दे देना पड़ता है।
यह वन माफिया लकड़ी काटकर गाजीपुर जनपद के महेंद, परसा की आरा मशीनों पर बेचते हैं या फिर बक्सर बिहार भेज रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि अगर यही स्थिति रही तो जल्द ही पूरा क्षेत्र पेड़ विहीन हो जाएगा। बड़ी बात तो यह कि बिना लाइसेंस के आरा मशीन भी चढ़ावा देकर चल रही है। जिसके पास लाइसेंस भी है वह भी मानक से अधिक लकड़ी गिरा कर खुलेआम चिराई कर रहा है।