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शीतलहर में बच्चों को कोल्ड डायरिया और निमोनिया होने का खतरा,बचाएं : डॉ सिद्धार्थ




बलिया।।भीषण ठंडी और शीतलहर का प्रकोप बच्चों के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। कड़ाके की ठंड में अभिभावकों की जरा सी भी लापरवाही बच्चों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इस मौसम में नवजात शिशु और बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इस समय ओपीडी में अधिसंख्य बच्चे निमोनिया और कोल्ड डायरिया से ग्रसित होकर आ रहे हैं। उक्त जानकारी जिला महिला अस्पताल प्रांगण में स्थित प्रश्नोत्तर केंद्र पर तैनात वरिष्ठ नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सिद्धार्थ मणि दुबे  ने दी।

डॉ दुबे ने बताया कि इस मौसम में नवजात शिशुओं एवं बच्चों में तेज बुखार,पेट दर्द, उल्टी, दस्त, सांस लेने में तकलीफ, बच्चों का सुस्त हो जाना जैसे लक्षण ज्यादा  देखने को मिल रहे है। अचानक शुरू हुई शीतलहर के चलते बच्चों में निमोनिया व कोल्ड डायरिया का प्रकोप काफी बढ़ गया है। इससे बचाव के लिए बच्चों को घर से बाहर ना निकलने दे एवं बच्चों को हाथ में दस्ताने, पैर में मोजे, सर पर टोपी एवं अन्य गर्म कपड़े अवश्य पहना कर रखें। बच्चे जिस कमरे में हो उस कमरे का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस तक रखें। नवजात शिशुओं को गर्म कपड़े में लपेटकर अधिक से अधिक समय तक मां के पास रखें एवं शुरू के 6 माह की आयु तक बच्चे को सिर्फ स्तनपान कराएं। कमजोर नवजात शिशु में वसा की मात्रा कम होने के कारण गर्म होने की क्षमता कम होती है इसलिए ऐसे नवजात शिशुओं को कंगारू मदर केयर में अधिक से अधिक रखना चाहिए।









डॉ दुबे ने बताया कि कोल्ड डायरिया में बच्चे को पेट दर्द, दस्त होना, तेज बुखार के साथ उल्टी जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। ऐसे बच्चों का तेजी से निर्जलीकरण होता है और बच्चा सुस्त होने लगता है। अगर किसी बच्चे में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो उसे तरल पेय पदार्थ जैसे ओआरएस का घोल, चावल का माढ़,मूंग की दाल आदि दे एवं तत्काल चिकित्सक की सलाह से उपचार कराएं। वहीं बच्चों में निमोनिया के लक्षण जैसे तेज बुखार के साथ खांसी, गले में संक्रमण, तेज गति से सांस चलना, छाती या पसली में दर्द होने के साथ सांस लेने में दिक्कत होना एवं गंभीर स्थिति में बच्चे का सुस्त होना आदि भी देखने को मिल रहे हैं। निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को पीसीवी का टीका अवश्य लगवाएं। यह बच्चों को निमोनिया से बचाने में अहम भूमिका अदा करता है। इसके अलावा इस मौसम में बच्चों के खानपान एवं साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखें।