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100 दफ़न लाशों को खोजने रतसर पहुंची टीम लौटी बैरंग, नही खोज पायी एक भी शव के अंश



मधुसूदन सिंह 

बलिया। जिले में नव सृजित नगर पंचायत रतसड़ में शुक्रवार को काफी अफरा तफरी का माहौल रहा। डॉग स्क्वायड, फोरेंसिक एक्सपर्ट व पुलिस बल के साथ पहुंची मानवाधिकार आयोग की टीम ने एक मकान का घंटो निरीक्षण किया। हालांकि इस दौरान कोई विशेष साक्ष्य टीम के हाथ लग नही पाया ।




बताया जाता है कि भारतीय मूल की कनाडाई निवासी एक महिला ने राज्य मानवाधिकार आयोग में शिकायत कर गड़वार थाना के रतसर गांव ( अब नगर पंचायत) में रिश्ते में अपने नाना स्व. धर्मात्मा सिंह के मकान में सौ लाशें दफन होने की बात कही है । शिकायतकर्ता के अनुसार उक्त घटना को 1990 से 1995 के बीच के मध्य अंजाम दिया गया था। जबकि वर्तमान में उन लाशों के ऊपर पेड़ लगा दिए गए हैं। किसी मकान और बाग मे 100 लाशो के दफ़न होने की सूचना किसी को भी आश्चर्य चकित कर सकती है। जांच मे कोई लाश होने के साक्ष्य न मिलने से जहां मकान मालकिन अन्नू सिंह जांच टीम व शिकायत करने वाली तथाकथित अपनी मौसरी बहन पर काफी हमलावर दिखी, तो वही जांच टीम लैब से रिपोर्ट मिलने के बाद कुछ भी बयान देने की बात कह कर मीडिया से पल्ला झाड़ती रही।













मानवाधिकार आयोग के आदेश‌ पर पहुंची जांच टीम

मानवाधिकार आयोग के आदेश पर पहुंची जांच टीम ने स्व. धर्मात्मा सिंह के मकान और बगीचे की गहनता से जांच की लेकिन कोई साक्ष्य नही मिला। पर आरोपों के परिप्रेक्ष्य में जांच टीम पूरे दिन साक्ष्य जुटाने को हांफती रही। हालांकि इस दौरान जांच टीम को धर्मात्मा सिंह की वारिस अन्नू सिंह के विरोध का सामना भी करना पड़ा। 








मकान की वारिस अनु ने जांच टीम पर ही उठाये सवाल 

अन्नू सिंह के अनुसार बिना कोई नोटिस दिए मानवाधिकार आयोग एवं पुलिस टीम का मेरे घर पहुंचना और जांच करना किसी भी दृष्टि से उचित नही है। कहा कि मेरे स्वर्गीय पिता धर्मात्मा सिंह के खिलाफ शिकायत की गयी है, लेकिन वर्तमान मे यह मकान मेरे नाम से है, ऐसे मे बिना नोटिस के मेरे घर मे जांच टीम का घुसना कही से भी उचित नही है।




 कहा की शिकायत कर्ता कोई शालिनी सिंह, जिन्हें मैं जानती पहचानती तक नहीं हूं। उनके अनुसार वे मेरी सौतेली बहन की बेटी है। लेकिन यह तथ्य से परे है। हमने शालिनी के बारे में मानवाधिकार आयोग की टीम से भी बात की लेकिन कोई कुछ बताना उचित नही समझ रहा हैं।  बतौर अन्नू  ने कहा कि शालिनी की शिकायत है कि मेरे घर में हंड्रेड बॉडी डंप है। जिसकी जांच करने के लिए पूरी टीम आई है। पूरे दिन जांच करने के बाद भी कहीं कुछ नहीं मिला।

अन्नू सिंह ने आरोप लगाया कि जो शिकायत कर्ती शालिनी सिंह है वे चेहरे को ढक के रखी थी, ताकि उसकी पहचान न हो सके । मैंने काफी प्रयास किया लेकिन वह चेहरे खोलने को तैयार नहीं हुई। उधर मानवाधिकार आयोग के एएसपी अमित मिश्रा का कहना है कि मानवाधिकार आयोग के आदेश पर ये जांच कराई गई है।शीघ्र ही रिपोर्ट आयोग को सौंप दी जाएगी।