Breaking News

वित्त नियंत्रक और कुलपति की रार मे अध्यापकों की इंट्री : बोले डॉ अवनीश - जनपद की ट्रेजर ऑफिसर बेहद भ्रष्ट


 


 बलिया।। जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति और वित्त नियंत्रक / वरिष्ठ कोषाधिकारी की रार मे अध्यापक संगठनों की भी इंट्री हो गयी है। जनकुआक्टा के महामंत्री ने तो वरिष्ठ कोषाधिकारी पर ही भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाकर सनसनी फैला दी है।
जनकुआक्टा के जिला महामंत्री डॉ अवनीश चंद्र पांडेय ने कहा है कि जब से ये मैडम जनपद में आयी है, भ्रष्टाचार बढ़ गया है। इनके द्वारा शिक्षको के वेतन को रोकने की परम्परा नई नहीं है। आरोप लगाते हुए कहा कि यह महाविद्यालयों के शिक्षक की उच्च शिक्षा क्षेत्राधिकारी वाराणसी द्वारा बिल पास कर भेजने के बाद भी ट्रेज़री में जानबूझकर रोकती हैं, ताकि कुछ चढ़ावा आ जाय।







कहा कि महाविद्यालयों के शिक्षक संगठन से हॉट टॉक के बाद ये अक्सर वेतन ट्रेज़री से छोड़ती है। यही नहीं मूल्यांकन में स्ववित्त पोषित शिक्षकों का बिल कुलपति व रजिस्ट्रार से अनुमोदित होने के बाद भी रोके रखती हैं। कुलपति व रजिस्ट्रार से संगठन का झड़प होने पर दोनों हाथ खड़ा कर देते हैं कि जनपद की टीओ जिनके पास विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी का भी दायित्व है, वह नही पास कर रही है।  ठीकेदारों का बिल समझती है। इनको हर बिल पर कमीशनखोरी की आदती लग चुकी है।

एडेड महाविद्यालयों के शिक्षक तो सहन भी कर लेते हैं किन्तु स्ववित्त पोषित शिक्षकों के बच्चों की फीस,बस भाड़ा आदि भी कम वेतन होने के कारण मूल्यांकन का पेमेंट ममता सिंह द्वारा रोकने के कारण प्रभावित होता है।अगर मेरी बात झूठ है तो हर उस शिक्षक बता देगा कि समय से पैसा उनको नही मिलता जिसकी जिम्मेदार टीओ मैडम है। आखिर शिक्षकों के नियम संगत वेतन भुगतान व मूल्यांकन का भुगतान क्यों रोकती हैं? फ़ाइलें विश्वविद्यालय के शिक्षकों की क्यों रोकती हैं। इनके खिलाफ अब मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के सिवा कोई रास्ता नहीं है। यदि यह अपने रवैए में सुधार नहीं लाती हैं तो अंतिम विकल्प इनके खिलाफ आंदोलन होगा।