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नये कलेवर मे लगने जा रहा है हल्दी मे हूलासो सती माई के स्थान पर मेला



हल्दी बलिया।। कार्तिक पूर्णिमा, भृगु मुनि दादर की भूमि, बलिया जिले के लिए कई मायनों में अति महत्वपूर्ण रहा है। ददरी मेला से तो सभी बलिया वासी पूरी तरह भिज्ञ है। परन्तु, ठीक उसी दिन अर्थात कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही प्रत्येक वर्ष लगने वाला, पूज्य हुलासो सती माई (कपूरपाह) हल्दी का सुप्रसिद्ध और ऐतिहासिक मेला इस बार नये कलेवर में प्रस्तुत होने की पूरी तैयारी में है। इस बार मेले में दर्शनार्थियों हेतु रात्रि विश्राम की समुचित व सुरक्षित व्यवस्था की गई है, जहां पर पुलिस व्यवस्था भी मौजूद रहेगी।

मेले में बच्चों को उत्साहित करने और मनोरंजक बनाने हेतु, विभिन्न प्रकार के झूला तथा मिकी माउस की भी व्यवस्था की गई है। मेले में हर वर्ष की तरह स्वादिष्ट मिठाईयों, जलेबी, चाट- पकौड़े, समोसे तथा चाय आदि की भी दुकानें रहेंगी। लकड़ी की नक्काशी के सामान और रंग-बिरंगे मिट्टी के बर्तन भी हर बार की तरह ही उपलब्ध रहेंगे । ददरी मेला के दिन ही एक दिन के लिए लगने वाले इस मेले की अपनी विशिष्ट महत्ता है, क्योंकि यह स्थान पतित-पावनी गंगा नदी के हंस नगर घाट के किनारे पर स्थित है और इस दिन माँ गंगा में स्नान की पौराणिक परम्परा के कारण यहां भी श्रद्धालुओं का विशेष जमघट लगता है ।







मेले की साफ-सफाई और मूर्तरूप प्रदान करने के लिए अभी से रामनाथ कुँवर, ब्रजेश कुँवर, देवेन्द्र कुँवर, पप्पू सिंह, शंकर सिंह, नन्दजी कुँवर, प्रमोद सिंह, सत्यदेव, छितेश्वर,चेगन उपाध्याय, राधेश्याम उपाध्याय, नित्यानंद उपाध्याय, डॉ रघुनाथ उपाध्याय, हिमांशु उपाध्याय, प्रतिनिधि, सदस्य जिला पंचायत, घनश्याम एवं हल्दी ग्राम  प्रधान प्रतिनिधि धनन्जय कुँवर तन-मन से मेलार्थियों के स्वागत तैयारी में लगे हैं।

मेले में पहुचने के लिए आप NH-31 पर परसिया ढाले से , सीता कुण्ड ढाला या हल्दी से उतरकर पैदल अथवा अपने निजी साधन द्वारा आसानी से पहुंच सकते है। आप सभी से गुजारिश है कि इस बार, इस मेले का भी भ्रमण कर स्थानीय कामगारों का उत्साहवर्धन आवश्य करें।