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यह कैसा समाजवाद दिखा दिये पूर्व एमएलसी काशीनाथ, अनुसूचित जनजाति के नेता को बता दी मंच पर ही औकात





मधुसूदन सिंह

बलिया।। बसपा से सपा मे आये पूर्व एमएलसी काशीनाथ यादव आजतक समाजवाद का शायद मतलब ही नही समझ पाये। अपनी राजनीति की शुरुआत जो व्यक्ति दलितों के मसीहा के नाम से ख्यातिलब्ध मान्यवर कांशीराम जी और बहन मायावती की सरपरस्ती मे की हो, बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी मे जाकर धरती पुत्र मुलायम सिंह के साथ रहकर समाजवाद को अपनी आँखों से देखा हो, उस व्यक्ति द्वारा मंच पर समाजवादी पार्टी के अनुसूचित जाति जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व  दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री व्यास जी गोंड को अपमानित किया जाना, आज सपा के नेताओं को अचंभित कर गया है। श्री गोंड ने इसे अपने पूरे समाज का अपमान बताते हुए काशीनाथ यादव के खिलाफ कार्यवाही के लिये समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने की बात कही है। साथ ही काशीनाथ यादव के विद्यालय और एमएलसी रहते हुए विधायक निधि के द्वारा किये गये खर्च की भी जांच की मांग की है।








बता दे कि जिस काशीनाथ यादव द्वारा कुर्सी पर बैठने को लेकर व्यास जी गोंड को अपमानित किया गया, वही श्री यादव जब मंच पर सम्बोधन करने पहुंचे तो समाजवाद के नाम पर कशीदे गढ़ते सुने गये। राम निवास यादव गीतकार द्वारा उदाहरण भी दिया गया था कि वीर लोरीक जिस अखाड़े मे लड़ते थे, वहां के उस्ताद धोबी थे, लेकिन जब काशीनाथ यादव के सामने अपने पास की कुर्सी पर बैठाने की बात आयी तो दुसाध नही, गोंड जाति के व्यास जी गोंड को अपने बगल मे बैठना गवारा नही हुआ।जबकि समाजवाद अंतिम पंक्ति मे खड़े व्यक्ति को समाज मे सम्मान दिलाने की बात करता है।


बागी बलिया और मुलायम सिंह यादव नेता जी, नामक दो गीतों का हुआ विमोचन

बलिया के रसड़ा मे रहकर बिरहा गायन मे अपना स्थान बनाने के बाद पहले बसपा से एमएलसी और फिर सपा से एमएलसी बनने वाले काशीनाथ यादव ने अपने स्वर मे बलिया की ऐतिहासिक और सामाजिक तानाबाना को एक गीत मे पिरोकर जो गाया है, उसकी जितनी भी तारीफ की जाय कम होगी।





वही काशीनाथ यादव जी ने समाजवादी पार्टी के संस्थापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री, देश के पूर्व रक्षा मंत्री नेता जी मुलायम सिंह यादव के ऊपर नेता जी की महिमा नामक जो गीत बनाया है, उसकी भी जितनी भी तारीफ की जाय कम होगी।



प्रसिद्ध भोजपुरी गीतकार राम निवास यादव ने भी अपने सम्बोधन मे नेता जी के संबंध मे बहुत सारी बातें बतायी। न तोप न तलवार चाहिये, हमें तो मुलायम सिंह जैसा यार चाहिये, नामक अपने गीत के माध्यम से नेता जी के व्यक्तित्व को सबके सामने रखा। श्री यादव ने उस दौर की भी बात कि जब कांशीराम और मुलायम सिंह एक होकर चुनाव लड़े तो एक नारा बना था -मिले मुलायम कांशीराम, हवा मे उड़ गये जय श्रीराम, जो काफी लोकप्रिय होने के साथ प्रदेश मे सपा बसपा की संयुक्त सरकार बनाने मे सहायक बना था।




इस अवसर पर पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने अपने सम्बोधन मे इतनी उम्दा गीतों की रचना के लिये श्री काशीनाथ यादव को शुभकामनायें दी। श्री चौधरी ने 1990 के दौर की राजनीति का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौर से जो नफ़रत की राजनीति शुरु हुई उससे लड़ने का अगर किसी मे मादा था तो वो सिर्फ नेता जी मे ही था। कहा कि  यह महत्वपूर्ण नही होता है कि किसको कितना बड़ा पद मिला, महत्वपूर्ण यह होता है कि उस व्यक्ति ने समाज को क्या दिया। कहा कि काशीनाथ यादव जी ने नेता जी का जो यशोगान किया है, उसमे कही भी अतिश्योक्ति नही है।



इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव /प्रवक्ता राजीव राय ने नेता जी मुलायम सिंह यादव के साथ बिताये गये सुनहले क्षणो को सबके साथ साझा किया।



सभा की अध्यक्षता पूर्व मंत्री पूर्व विधायक और बलिया लोक सभा से प्रत्याशी रहे सनातन पांडेय ने भी अपने अध्यक्षयी सम्बोधन मे नेता जी के साथ विताएं गये कुछ संस्मरणों को बता कर कहा कि नेता जी जैसा होना असंभव है।







पहले गीत का विमोचन पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी ने और दूसरे गीत का विमोचन राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव राय द्वारा किया गया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य गणमान्य व्यक्तियों मे कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राजमंगल यादव,पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता, रामजी गुप्ता, टीडी कालेज के पूर्व अध्यक्ष राघव सिंह,ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बंशी धर यादव, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी के सुपुत्र रंजीत चौधरी, परवेज आलम साहब,अजय यादव,निशीध उर्फ़ निशु श्रीवास्तव, शाहबाज शेख,राम निवास यादव,संजय यादव, चंद किशोर पांडेय आदि लोग मौजूद रहे।