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जिला चिकित्सालय मऊ की जांच रिपोर्ट को सही नही मानते सीयर के चिकित्सक डॉ लाल चंद शर्मा



बिल्थरारोड बलिया।। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर मे व्याप्त भ्रष्टाचार की पोलपट्टी न खुले,चिकित्सकों की अवैध रूप से संचालित अल्ट्रासॉउन्ड केंद्रों, अवैध पैथालोजी और नर्सिंग होम से सांठगांठ की पोल न खुले इसके लिये इन लोगों ने मीडिया को अपने से दूर रखने की चाल चली थी, जो इन चिकित्सकों पर उल्टी पड़ गयी है। अब इनका साथ खुद सीएमओ बलिया भी देने से कतराने लगे है।







इस स्वास्थ्य केंद्र पर हर जगह व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार व्याप्त है।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सीयर में डॉक्टर के द्वारा लापरवाही का एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आने के बाद मरीज भी ऐसे डॉक्टर के पास जाने से कतराने लगे है।  सीएचसी के एक डॉक्टर ने एक सामान्य मरीज को  टीबी की बीमारी का इलाज़ चला दिया। जिसके चलते अच्छेलाल चौहान 48 वर्ष  गलत इलाज़ की मार झेल रहे हैं। पीड़ित द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत के बाद सम्बंधित अधिकारी द्वारा किये गए  जांच में डॉक्टर द्वारा दिये गए स्पष्टीकरण के आधार पर जांच आख्या  शराब पीने के बात भेजने पर नया मोड़ आ गया है जिसमे डॉ लाल चंद शर्मा, अच्छेलाल चौहान को 19 जुलाई को टीबी की दवा खाने के लिए दिये थे। अच्छेलाल ने दवा खाना भी शुरू कर दिया। जब मामला प्रकाश में आया तो सम्बंधित डॉक्टर ने 20 जुलाई को टीबी की पाजेटिव होने का जांच दिखाया है। जबकि पीड़ित मरीज का कहना है कि कोई जांच डॉक्टर के द्वारा नही कराई गई थी। ऐसे में बिना जांच कराये डॉक्टर ने टीबी की दवा कैसे चला दिया। जिससे जांच रिपोर्ट भी संदेह के घेरे में है।

पीड़ित मरीज का कहना है कि सम्बंधित अधिकारी द्वारा जांच में लीपापोती करने पर उन्होंने पुनः मुख्यमंत्री योगी  आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाई है। मामला बेल्थरारोड विधानसभा क्षेत्र के सिधौली गांव का है। अच्छेलाल चौहान अपनी तबीतय खराब होने पर सीएचसी सीयर में उपचार के लिए गए। 10 मई को सीएचसी में डॉ. तनवीर ने अच्छेलाल का इलाज़ किया। उन्होंने नॉर्मल बुखार होने की बात कही और कुछ दवाई लिख दिए। अच्छेलाल चौहान बताते हैं कि डॉ. तनवीर ने एक्स-रे जांच भी कराया था। लेकिन जांच की रिपोर्ट सामान्य थी। अच्छेलाल चौहान के मुताबिक डॉ. तनवीर की दवाई पर उनकी तबीयत ठीक हो गई। लेकिन जुलाई के महीने में एक बार फिर तबीयत बिगड़ने लगी।  19 जुलाई को को दोबारा सीएचसी में दिखाने गए। लेकिन इस बार डॉ. तनवीर नहीं मिले। उनका स्थानांतरण किसी अन्य सीएचसी में कर दिया गया था। उनकी जगह बैठे  डॉ. लालचंद शर्मा बैठे मिले। डॉ. लालचंद शर्मा ने अच्छेलाल चौहान बिना जांच कराये टीबी रोग होने की बात कही। जिसके बाद डॉ. लालचंद के परामर्श पर टीबी की दवाई शुरू कर दी गई। अच्छेलाल चौहान का कहना है कि टीबी की दवाई शुरू होते ही बीमारी बिगड़ने लगी। स्वास्थ्य हर दिन ख़राब होता गया। लोगों ने  स्थिति देखा तो दूसरे डॉक्टर से इलाज़ कराने की सलाह दी। जिसके बाद 28 जुलाई  को अच्छेलाल मऊ ज़िला अस्पताल में चला गया। ज़िला अस्पताल में एक बार फिर एक्स-रे कराया गया रिपोर्ट के आधार पर  डॉक्टर ने कहा कि टीबी नहीं है। बल्कि सामान्य कमजोरी है। टीबी की दवाई तत्काल प्रभाव से बंद की गई।


अच्छेलाल चौहान ने बताया कि मऊ ज़िला अस्पताल में जो दवाई दिए गए उन्हें खाना शुरू किया और कुछ ही दिन में तबीयत ठीक हो गया।" अच्छेलाल चौहान ने  कहा कि डॉ. तनवीर ने एक्स-रे रिपोर्ट के आधार पर  सामान्य दवाई चलायी गयी किन्तु उनका स्थानांतरण हो गया । इसके बाद सीएचसी सीयर के  डॉ. लालचंद शर्मा ने कमजोरी के रोगी को टीबी की दवाई चला दी और स्थिति बिगड़ गई। अच्छेलाल चौहान ने  सीएमओ बलिया को इस बारे में  और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी पत्र लिखकर शिकायत की गयी और न्याय की गुहार भी लगाई है । मुख्यमंत्री कार्यालय से आये जांच के आदेश के बाद सीएमओ बलिया जयन्त कुमार द्वारा सीएचसी अधीक्षक से आख्या मांगी गई।

पीड़ित अच्छेलाल का कहना है कि  जांच में लीपापोती करते हुए  साक्ष्य के बावजूद आरोपी डॉक्टर से ही स्पष्टीकरण लेकर डॉक्टर के पक्ष में ही रिपोर्ट लगा कर जांच आख्या भेज दी गयी है ।जिससे पीड़ित अच्छेलाल चौहान ने पुनः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय की गुहार लगाते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग किया है।  साथ ही कहा है कि वह रसड़ा में होने वाले डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक से मिलेंगे।  ज्ञात हो कि आरोपी डॉक्टर लगभग 8 साल से सीएचसी सीयर पर तैनात है और झोलाछाप डॉक्टरों और पैथालॉजी के लिए जांच नोडल अधिकारी भी नामित है किन्तु आजतक जांच रिपोर्ट जांच अधिकारी और सीएमओ के बीच मे फंस गयी है।

पीड़ित को शराबी और टीबी संक्रमित बता कर हॉउस अरेस्ट का दिया सुझाव

एक झूठ छुपाने के लिये सौ झूठ बोलने बोलने पड़ते है कि कहावत सीएचसी सीयर के चिकित्सक डॉ लाल चंद शर्मा पर सटीक बैठ रही है। डॉ लाल चंद शर्मा आज भी यह मानने को तैयार नही है कि अच्छेलाल टीबी का मरीज नही है। यही कारण है कि जब इनसे इस संबंध मे स्पष्टीकरण मांगा गया तो इन्होने जिला अस्पताल मऊ के चिकित्सक के इलाज और जांच को न सिर्फ ख़ारिज किया और अच्छेलाल को टीबी का मरीज घोषित किया है बल्कि अच्छेलाल और इनसे संबंधित लोगों को हॉउस अरेस्ट करने का सुझाव तक दे दिया है। इनकी नजर मे जिला अस्पताल मऊ के चिकित्सक का इलाज जिससे मरीज ठीक हुआ और जांच रिपोर्ट सब झूठी है।