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सूखे के बाद बाढ़ ने तोड़ी दियारे के किसानों की कमर, प्रशासन ने अभी तक नही की नावों की व्यवस्था



पवन कुमार 

लक्ष्मणपुर ( बलिया)।। गड़हांचल  में गंगा व सहायक नदियों का रूप भयावह होता जा रहा है। इससे तटवर्ती इलाके में बाढ़ का संकट बढ़ता जा रहा है। दियारे समेत तटीय क्षेत्रों के रिहायशी इलाके में पानी प्रवेश कर गया है। दियारा क्षेत्र के कई गांव जलमग्न हो गए हैं तथा आश्रय की तलाश में भटकते हुए जानवरों का झुंड इधर-उधर जीवन गुजार रहे हैं। बावजूद प्रशासनिक अमला राहत व बचाव के बजाए सिर्फ निरीक्षण कर अपना कोरम पूरा कर रहा है।





इलाके में अभी तक जिला प्रशासन द्वारा नाव का इंतजाम नहीं किया गया है। कई गांवों का संपर्क टूट गया है गंगा टोंस मगई नदी ने इलाके को जलमग्न कर दिया है। किसानों को पानी में उतर कर चारे का इंतजाम करना पड़ रहा है। बाढ़ पीड़ितों को मिट्टी तेल की आवश्यकता है लेकिन मिल नहीं रहा है। बाढ़ पीड़ित बैरिया थम्हनपुरा  तथा एनएच 3 1 एवं लक्ष्मणपुर में पलिया खास मार्ग पर पर ठौर बना रहे हैं। सूखे के बाद आईं बाढ़ ने किसानों की कमर ही तोड़ दी है।




 बाढ़ के पानी से उमरपुर दियारे से लेकर गोविंदपुर, रमगत के डेरा, पलिया खास , कुल हणीया , शाहपुर बभनौली, छपने के डेरा, रैया खाड़ी, गंग हरा , इच्छा चौबे के पूरा,मैदानी इलाकों में भारी संख्या में जानवरों को अपनी जान बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।