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परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय –लिखो तरक्की का नया अध्याय’ की थीम पर मना ‘विश्व जनसंख्या दिवस

 


विश्वजनसंख्या दिवस पर जिला महिला अस्पताल में लगी प्रदर्शनी 

एवं आयोजित हुई गोष्ठी

31 जुलाई तक मनाया जाएगा जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा, निःशुल्क दी जायेंगी परिवार नियोजन की सारी सेवाएं

बलिया ।। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर विविध कार्यक्रम हुए। एक ओर लखनऊ से लाइव प्रसारित जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का राज्यस्तरीय शुभारंभ कार्यक्रम जिला महिला चिकित्सालय में दिखाया गया। वहीं मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा की अध्यक्षता में गोष्टी एवं परिवार नियोजन साधनों की प्रदर्शनी लगाई गई। इस प्रदर्शनी में मुख्य विकास अधिकारी ने परिवार नियोजन की सेवाओं एवं बास्केट ऑफ च्वाइस के विषय में विस्तार से जानकारी ली। साथ ही आशा व एएनएम से परिवार नियोजन सेवाओं के बारे में वार्ता की।





मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० जयंत कुमार ने कहा कि विश्व में बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिगत जन समुदाय को परिवार नियोजन एवं उसकी सेवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है। इस दिवस को यूएनडीपी की ओर से 1989 में प्रथम बार मनाया गया था।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि इस दिवस पर परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया जाता है। कम समय में गर्भ धारण करने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यह मातृ और शिशु मृत्यु-दर का प्रमुख कारण भी है। उन्होंने बताया कि जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा आज शुरू किया गया है जो 31 जुलाई तक मनाया जाएगा। इस दौरान शहर एवं ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतरा, छाया,कंडोम, माला एन, पीपीआईंयूसीडी, इंटरवल आयूसीडी की सेवाएं प्रदान की जाएंगी। पखवाड़े के दौरान जनसाधारण का संवेदीकरण किये जाने के लिए विभिन्न स्तरों पर व्यापक व सघन प्रचार-प्रसार करना है। विभिन्न प्रचार-प्रसार साधनों के माध्यम से उचित उम्र पर विवाह, बच्चों के जन्म में अंतर रखने, प्रसव पश्चात परिवार नियोजन की सेवाएँ, परिवार नियोजन में पुरुषों की भागीदारी, गर्भ समापन पश्चात परिवार नियोजन की सेवाओं के संदर्भ में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

मुख्य चिकित्सा अधीक्षक जिला पुरुष अस्पताल डॉ० दिवाकर सिंह ने परिवार कल्याण कार्यक्रम में पुरुषों की सहभागिता बढ़ाने पर बल देते हुए बताया कि बिना चीरा बिना टांका पुरुष नसबंदी आसानी से की जाती है इससे पुरुष के स्वास्थ्य पर किसी प्रकार का नकारात्मक असर नहीं पड़ता है।जिला महिला चिकित्सालय की मुख्य चिकित्सा अधीछिका डॉ० सुमीता सिन्हा ने परिवार कल्याण के स्थाई एवं अस्थाई विधियों की जानकारी प्रदान की।





अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/ परिवार कल्याण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने कहा कि पिछले वर्ष 2021 मे विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान जिले में एक पुरुष एवं 112 महिलाओं ने नसबंदी कराई। उन्होने बताया कि मिशन परिवार विकास का मुख्य उद्देश्य है गुणवत्तापूर्वक परिवार नियोजन विकल्पों के लिए सूचना, सेवाएँ, आपूर्ति तक अधिकार आधारित प्रणाली द्वारा पहुँच बढ़ाना। बलिया जिले को मिशन परिवार विकास में शामिल किया गया है। जिले में पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है। वही प्रसव के पश्चात नसबंदी के लिए महिला लाभार्थी को 3000 रुपये दिए जाते हैं। अस्थाई विधियों  में प्रसव पश्चात आईयूसीडी एवं गर्भपात उपरांत आईयूसीडी जिसको सरल भाषा मे कॉपर-टी कहा जाता है। उसके लिए लाभार्थी को 300 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

 जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ० आरबी यादव ने कहा कि जिले की समस्त हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर स्टॉल लगाकर लोगों को सीएचओ द्वारा परिवार नियोजन साधनों के बारे में जानकारी और परिवार नियोजन सेवाएं प्रदान की गयी। उन्होंने कहा कि सुनहरे भविष्य के लिए आमजन को अभी से परिवार नियोजन के साधन अपनाने के बारे में सोचना होगा । इसके लिए उपलब्ध स्थाई और अस्थाई साधनों का चयन अपनी मर्जी से करना होगा कि किसे, कब और कौन-सा साधन अपनाना चाहिए । 

फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर उपेंद्र चौहान ने कहा कि बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतर मां और बच्चे को बेहतर स्वास्थ्य प्रदान करने के साथ ही मातृ मृत्यु-दर और शिशु मृत्यु-दर में भी कमी लाता है, इसलिए यह बहुत जरुरी है कि दो बच्चों के जन्म के भीतर तीन साल का अंतर होना चाहिए | उन्होंने बताया कि आमजन परिवार नियोजन कार्यक्रम / साधनों से सम्बन्धित समस्त सूचनाओं के बारे में निःशुल्क हेल्पलाइन नंबर 104 पर सम्पर्क कर जानकारी ले सकते हैं ।

इस गोष्ठी में जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डी एफ पी एल एम मैनेजर ,डेटा कम अकाउंट असिस्टेंट एवं जिला क्वालिटी कंसल्टेंट  ने भाग लिया।