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स्वास्थ्य विभाग में तबादलों पर घमासान :सीएम योगी ने बैठायी जांच,2 दिन में रिपोर्ट तलब

 




लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के तबादले के विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा एक्शन लिया है । उन्होंने इस मामले में अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और संजय भूसरेड्डी से रिपोर्ट तलब की है और  दो दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है । इन तबादलों पर डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने सवाल उठाए थे ।

बता दे कि डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक  जब प्रदेश से बाहर थे,इनकी जानकारी के बिना डॉक्टरों के तबादले का आदेश जारी कर दिया गया था । अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने तबादलों की लिस्ट जारी करवा दी थी । डॉक्टरों के तबादले की वजह से कई जिलों के अस्पताल में डॉक्टरों की किल्लत शुरू हो गई है ।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने चिट्ठी लिखकर मांगा जवाब

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक इस बात से नाखुश थे कि हैदराबाद में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिए दूर रहने के दौरान डॉक्टरों की तबादला सूची जारी की गई. वापसी पर उन्होंने अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद को चिट्ठी लिखा कि उनकी जानकारी में आया है कि राज्य भर में डॉक्टरों के स्थानांतरण में उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया ।

इस मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अपने पत्र में लिखा, 'मेरी जानकारी में आया है कि मौजूदा सत्र में जो भी तबादला हुआ है, उसमें तबादला नीति का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है. इस प्रकार, उन सभी का पूरा विवरण प्रदान करें, जिनका स्थानांतरण उनके स्थानांतरण के कारणों के साथ किया गया है.'

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने आगे कहा, 'मुझे बताया गया है कि लखनऊ समेत जिन जिलों में बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की जरूरत है, वहां उनका तबादला कर दिया गया है, लेकिन उनके स्थान पर कोई विकल्प नियुक्त नहीं किया गया है. लखनऊ राज्य की राजधानी है, जहां पहले से ही विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है और गंभीर हालत में मरीजों को बेहतर इलाज के लिए दूसरे जिलों से भी लखनऊ रेफर किया जाता है'।

 उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर चिकित्सको के स्थानांतरण में हुई अनियमितता की शिकायत का जबाब मांगा था । मीडिया में इस चिट्ठी के आते ही हंगामा खड़ा हो गया है । सूत्रों की माने तो अपर मुख्य सचिव की मनमानी से उप मुख्यमंत्री जी पहले से खुन्नस खाये बैठे थे,मौका मिलते ही जबाब तलब कर लिया ।

अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा को लिखे पत्र में उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने लिखा है कि मेरे संज्ञान में लाया गया है कि वर्तमान सत्र में जो भी स्थानांतरण किए गये हैं उनमें स्थानांतरण नीति का पूर्णतः पालन नहीं किया गया है। अतः जिन-जिन का स्थानांतरण किया गया है उनके स्थानांतरण किए जाने का कारण स्पष्ट करते हुए उनका सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध कराया जाये।

 श्री पाठक ने यह भी लिखा है कि  मुझे यह भी अवगत कराया गया है कि लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जनपदों में स्थित बड़े अस्पतालों, जहाँ विशेषज्ञ डाक्टरों की अत्यन्त आवश्यकता है, से बड़ी संख्या में डाक्टरों को हटा तो दिया गया है लेकिन उनके स्थान पर प्रतिस्थानी की नियुक्तियां नहीं की गयी है। लखनऊ प्रदेश की राजधानी है यहाँ पैसे भी विशेषज्ञ डाक्टरों की पहले से ही कमी है तथा प्रदेश के हर जनपद से गम्भीर मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर करके भेजा जाता है ताकि उनका समुचित इलाज सम्भव हो सके, ऐसे में इतने महत्वपूर्ण व बड़े अस्पतालों तथा अन्य जनपदो के बड़े अस्पतालों से इतनी बड़ी संख्या में डाक्टरों का स्थानातरण कर देने व उनके स्थान पर किसी को तैनात न करने के फलस्वरूप चिकित्सा व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्या किया जा रहा है. पूरा विवरण उपलब्ध कराया जाये।





 इसके साथ ही जिन-जिन डाक्टरों का स्थानांतरण किया गया है, क्या यह सत्यापित कर लिया गया है कि स्थानांतरित डाक्टरों की अवधि से अधिक अवधि वाला कोई भी चिकित्साधिकारी उस जनपद / मण्डल / अस्पताल में अब कार्यरत नहीं है?सबसे तल्ख सवाल उप मुख्यमंत्री ने पूंछते हुए कहा है कि कितने चिकित्साधिकारी विभिन्न स्थानों में सम्बद्ध हैं तथा उनके सम्बद्धीकरण पर निर्णय कब किया जायेगा? सम्बद्ध चिकित्साधिकारियों के विवरण सहित उनकी सूची उपलब्ध करायी जाये।

इस चिट्ठी के बाद स्वास्थ्य विभाग में हुए तबादलों पर बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है । चिकित्सको का ही नही, कर्मचारियों के भी तबादलों में अनियमितता की खबरे आ रही है । ऐसे में अपर मुख्य सचिव की अगुवाई में हुए तबादलों पर जब विभागीय मंत्री ने ही सवाल खड़ा कर दिया है तो फिर कहने को बचा ही क्या है । अपर मुख्य सचिव की तरह की निदेशक प्रशासन की कार्यप्रणाली भी चर्चा में बनी हुई है ।

लगातार अस्पतालों का निरीक्षण से ब्रजेश पाठक ने जानी है जमीनी हकीकत

स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद ब्रजेश पाठक ने लखनऊ समेत अलग-अलग जिलों का दौरा किया था । उन्होंने जिला चिकित्सालय समेत सीएचसी में आने वाली अनियमितताओं को लेकर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया था । इसके अलावा दवाइयों के स्टॉक में गड़बड़ी और लाइनों में लगकर मरीज को सही इलाज ना मिलने पर भी निलंबन किए थे । इसे लेकर के विभाग में पहले से हड़कंप मचा हुआ है ।