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डॉ केशव प्रसाद जिनके आगे तबादला आदेश यानी रद्दी कागज



मधुसूदन सिंह

बलिया।। एक तरफ स्थानांतरण आदेश को लेकर मंत्री और अपर मुख्य सचिव के बीच रार चल रही है। वही बलिया मे कुछ ऐसे चिकित्सक भी है जिनके लिए स्थानांतरण आदेश का कोई मतलब नहीं है, या यूँ कहे कि आदेश को ये रद्दी कागज का टुकड़ा समझते है। बलिया मे एक ऐसे बाहुबली चिकित्सक डॉ केशव प्रसाद है जिनका पिछले वर्ष जुलाई मे प्रयागराज के लिए स्थानांतरण हुआ था लेकिन गए नहीं और तत्कालीन मुख्यचिकित्साधिकारी से मिलीभगत करके रिलीव होने के बावजूद बलिया रुककर बिना किसी उच्चाधिकारी के आदेश के कार्य करते रहे। ज़ब रिलीव होने के कारण वेतन रुक गया तो एडी अजमगढ़ से बलिया मे काम करने के कारण वेतन भुगतान का आदेश लेकर शासन के स्थानांतरण को मुख्यचिकित्साधिकारी और एडी अजमगढ़ की मिलीभगत से निरस्त करा लिए जबकि शासन के अतिरिक्त इनका स्थानांतरण रोकने का अधिकार किसी को नहीं था।






  बता दे कि विगत जुलाई 2021  से स्थानांतरण हो जाने के बाद बिना किसी शासन के आदेश के जमे हुए (स्थानांतरण के बाद इनको रिलीव भी कर दिया गया था ) डॉ केशव प्रसाद का यहां कार्य करना लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है । बता दे कि तत्कालीन सीएमओ डॉ तन्मय कक्कड़ द्वारा अपने स्थानांतरण से पूर्व डॉ केशव प्रसाद को रिलीव भी कर दिया गया था । उसके बाद डॉ केशव का वेतन आहरण रुक गया था । लेकिन डॉ नीरज कुमार पांडेय सीएमओ बलिया  द्वारा मार्च 2022 से डॉ केशव प्रसाद के सभी अवशेषों के साथ वेतन देना शुरू कर दिया गया । अब सवाल यह उठ रहा है कि जिस चिकित्सक का 11 माह पूर्व शासन से स्थानांतरण हो गया हो, योगी सरकार ने किसी के स्थानांतरण को भी निरस्त नही किया है,फिर सीएमओ बलिया डॉ केशव प्रसाद को कैसे वेतन दे सकते है ? 

एडी ने किया शासन के स्थानांतरण को स्थगित

डॉ केशव प्रसाद के मामले में सबसे चौकाने वाला तथ्य यह सामने आया है कि एडी आजमगढ़ ने इनके स्थानांतरण को स्थगित करते हुए सीएमओ बलिया को वेतन देने का आदेश दिया है । सूत्रों की माने तो डॉ केशव प्रसाद ने एडी आजमगढ़ के यहां पत्र भेजकर यह आरोप लगाया था कि सीएमओ बलिया मुझसे काम लेने के बावजूद वेतन नही दे रहे है । बता दे कि जुलाई में पूरे प्रदेश में प्रदेश सरकार ने चिकित्सको के स्थानांतरण किया था जिसमे डॉ केशव प्रसाद का भी हुआ था । इनके साथ के अन्य चिकित्सक रिलीव होकर नई तैनाती वाले जनपदों में कार्यभार ग्रहण कर लिये लेकिन डॉ केशव बलिया ही जमे रहे । तत्कालीन सीएमओ डॉ तन्मय कक्कड़ ने जाते जाते रिलीव कर दिया लेकिन वो आज तक बलिया ही सीएमओ डॉ नीरज कुमार पांडेय और एडी आजमगढ़ की कृपा से बने हुए है । या यूं कहें कि शासन के आदेश पर एडी आजमगढ़ भारी है ।

अब हुआ देवरिया स्थानांतरण, रिलीव होने के बाद फिर पुरानी कहानी हुई शुरू

इस साल फिर डॉ केशव प्रसाद का स्थानांतरण देवरिया के लिए जून माह मे ही हो गया है। इनको रिलीव भी कर दिया गया है लेकिन आज भी मुख्यचिकित्साधिकारी के ऑफिस मे बैठ रहे है। ये हड्डी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक है लेकिन पिछले एक साल से मुख्यचिकित्साधिकारी कार्यालय मे ही अधिकतर दिखाई देते है। इस कथन की पुष्टि के लिये मुख्यचिकित्साधिकारी कार्यालय के सीसीटीवी फुटेज को देखा जा सकता है। यही नहीं एन एच एम के तहत हुई संविदा कि ए एन एम कि नियुक्ति मे भी सामान्य वर्ग कि सीटों पर ओबीसी और एस सी अभ्यार्थिनियों कि पोस्टिंग कराने मे डीपीएम के साथ मिलकर जबरदस्त खेल किये है, यह भी आरोप लगाया जा रहा है।

सजातीय मुख्यचिकित्साधिकारी के होने के कारण डॉ केशव प्रसाद पिछले साल के अपने गणित को लागू करने की फिराक मे है। पिछले साल की तरह ही मुख्यचिकित्साधिकारी काम कराने के कारण एडी से पुनः अपना आदेश कराकर स्थानांतरण को स्थगित कराने की जुगत मे है। अब देखना है की मुख्यचिकित्साधिकारी बलिया ऐसे स्थानांतरण और रिलीव चिकित्सक को अपने पास बैठाकर काम लेते है और एडी अजमगढ़ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिये स्थानांतरण को अधिकार न होते हुए भी बदल देते है।

एक साल से अधीक्षक सीएचसी रतसर के आवास पर अवैध कब्जा

पिछले साल के तबादला के बाद अधीक्षक सीएचसी के पद से हटने के बाद भी डॉ केशव प्रसाद आवास पर अवैध रूप से कब्जा जमाये हुए है। इनके अवैध कब्जे के चलते वर्तमान अधीक्षक सीएचसी पर रह नहीं पा रहे है। न जिलाधिकारी, न ही मुख्यचिकित्साधिकारी अब तक इनसे आवास खाली करने को कह रहे है।