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गुमनाम शिकायती पत्र की तपिश से सीएमओ कार्यालय में हड़कम्प,152 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति का जिन आया फिर बाहर

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। पिछले लगभग 10 वर्षों से जांच पर जांच के दायरे में रही चतुर्थ श्रेणी के 152 कर्मचारियों की नियुक्ति एक बार फिर शासन को पहुंची एक गुमनाम शिकायतकर्ता की शिकायत पर सुर्खियों में आ गयी है । शिकायतकर्ता ने तो सीएमओ डॉ नीरज पांडेय और सभी 152 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खिलाफ 419,420,467,468,471 के तहत मुकदमा पंजीकृत करने तक की मांग की है । इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए अपर मुख्य सचिव गृह गोपन बीजा पासपोर्ट कारागार व सतर्कता विभाग ने पृष्ठांकन संख्या 3707/एसीएस/जी/2022 ,दिनांक 6 मई 2022 के माध्यम से  पुलिस अधीक्षक बलिया को इन चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति संबंधी जांच वरिष्ठ कोषाधिकारी बलिया के माध्यम से जांचोपरांत जांच आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है ।





पत्र मिलने के बाद पुलिस अधीक्षक बलिया ने सीएमओ बलिया को पत्र भेजकर 152 कार्मिकों के वेतन भुगतान,एलपीसी, नियुक्ति आदि की पत्रावलियों को वरिष्ठ सहायक को नामित करते हुए उसके माध्यम से वरिष्ठ कोषाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने का पत्र भेजा था । दिनांक 14 जून 2022 को सीओ सिटी प्रीति त्रिपाठी ने सीएमओ को एक पत्र भेजकर कहा कि आपके कार्यालय से 152 कर्मचारियों के नियुक्ति एवं वेतन आहरण पत्रावली ही जांच हेतु प्रस्तुत की गई है ,लेकिन इन सबके नियुक्ति संबंधी कार्यालय अभिलेख प्रस्तुत नही किये गये है । ऐसे में नामित वरिष्ठ सहायक के माध्यम से उपरोक्त अभिलेखों को ससमय वरिष्ठ कोषाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कराये जिससे जांचोपरांत शासन को जांच आख्या भेजी जा सके ।

बता दे कि डिप्टी सीएमओ प्रथम के अधीन इन 152 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति बतायी गयी है और मार्च 2022 में इन लोगो के रुके हुए वेतन का भुगतान करते हुए सीएमओ डॉ नीरज पांडेय ने नई एलपीसी जारी करते हुए इन सभी को विभिन्न अस्पतालों में नियुक्त कर दिया है । अब जब शासन से आदेश के क्रम में जांच शुरू हो गयी है तो एक बार फिर फर्जीवाड़े का जिन बाहर निकल आया है । अब डिप्टी सीएमओ प्रथम और इनके वरिष्ठ सहायक के ऊपर सीएमओ ने नियुक्ति संबंधी पत्रावली को जांच के लिये प्रस्तुत करने का आदेश देकर इन दोनों लोगो की गर्दन फंसाते हुए अपनी गर्दन बचाने का यत्न किया है, ऐसा लग रहा है । जांच के बाद पता चलेगा कि इन लोगो की नियुक्ति फर्जी है या सही ?