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गिव अप एलपीजी सब्सिडी की तर्ज पर गिव अप पेंशन की अपील क्यो नही ?



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। भारत मे स्व लाल बहादुर शास्त्री जी के बाद वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ऐसे नेता है जिनकी अपील को आम जनता तुरंत मान लेती है । पाकिस्तान से लड़ाई के दौरान जब खाद्यान्न संकट अमेरिका की तरफ से खड़ा करने की कोशिश की गई तो शास्त्री जी ने देश की जनता से एक दिन में एक समय को उपवास रखने की अपील की और जनता ने तुरंत मान ली,जिसके कारण अमेरिका को भी झुकना पड़ा था ।

वैसे ही हमारे वर्तमान प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने जनता से जब जब कोई अपील की है जनता ने तुरंत बिना किसी सवाल जबाब के स्वीकार किया है,उस पर अमल किया है । देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी जी ने उज्ज्वला की शुरुआत करते हुए देश के सक्षम लोगो से गैस की सब्सिडी छोड़ने की (गिव अप सब्सिडी) अपील की और करोड़ो लोगो ने सब्सिडी छोड़ दी । किसी ने यह नही पूछा कि इसको छोड़ने के बाद साढ़े चार सौ में मिलने वाली गैस कितने में मिलेगी ? भले ही आज गैस 11सौ से अधिक में मिल रही है,किसी ने आवाज तक नही उठायी ।





दूसरी अपील मोदी जी ने कालाधन बाहर लाने के लिये नोटबन्दी लागू कर के की । जनता ने लाइन में खड़े होकर अपनी पुरानी नोट को बदला । कितनो के लाइन में ही दम निकल गये ,आज तक रिजर्व बैंक यह नही बता पाया कि कितना कालाधन वापस आया,यह जरूर पता चल गया कि महिलाओ ने चोरी चुपके छुपाकर कितने रुपये रखे थे । पर जनता को मोदी जी पर विश्वास है और आज भी चुप है।

तीसरी अपील मोदी जी ने जनता से कोरोना के पहले चरण में किया था । जनता ने मोदी जी की बात मानकर जनता कर्फ्यू अपने ऊपर स्वयं लगाया और शाम को पीएम के आह्वान पर ताली थाली शंख बजाकर कोरोना योद्धाओं का उत्साह बर्धन किया । यह अलग बात है कि पहले चरण के कोरोना काल मे करोड़ो की जो नौकरियां छूटी, उसमे से आधे ,अभी तक बेरोजगार है लेकिन किसी ने आवाज तक नही उठायी ,यह सबूत है कि पीएम पर जबको भरोसा है ।

जब जनता पीएम मोदी पर इतना भरोसा करती है तो पीएम मोदी के अपने सहयोगियों के सम्बंध में तो पूंछना ही नही है । ये लोग तो इस आस में है कि मोदी जी उनसे कुछ कहे । अब वक्त आ गया है कि मोदी जी जनता से नही अपने साथियो से कुछ राष्ट्रहित में छोड़ने को कहे । देशहित में नेताओ की पेंशन खत्म होनी चाहिये । मोदी जी एक देश एक कानून के पक्षधर है । जब सरकारी कर्मचारी जो 60 वर्ष की सेवा देने के बाद पेंशन से वंचित कर दिये गये है तो 5 साल के लिये चुने गये एमपी एमएलए को पेंशन लाभ क्यो ?

मोदी जी जनता से आपने जो सहयोग मांगा जनता ने आपको दिया । अब आपको अपने साथियों की परीक्षा लेनी चाहिये । आपक एमपी एमएलए से गिव अप पेंशन ,की राष्ट्रहित में अपील ही नही करनी चाहिये बल्कि तुरंत अपनी पेंशन को त्याग कर नजीर पेश करनी चाहिये । अगर ऐसा हो गया तो देश के खजाने पर पड़ने वाला नेताओ की पेंशन का बड़ा बोझ हट जाएगा और आप जनता को और अधिक रियायत देने में सक्षम हो पाएंगे ,जैसा आने उज्ज्वला देकर किया है।