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एक प्राथमिक अध्यापक ऐसा भी,जो बच्चो के लिये की अपनी गर्मी की छुट्टी कुर्बान,जाने कैसे ?



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। बेरोजगारी के आलम में अपनी पसंदीदा जॉब को छोड़कर दूसरा जॉब पकड़ने वाले एक युवक को पहली पढ़ाई के स्किल को भूलना मुश्किल है । कहते है न कि जिंदगी में हुआ पहला प्यार लाख कोशिश करें लेकिन भूलता नही है । ठीक ऐसा ही एक वाक्या बलिया में प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत इंजी प्रभाकर गुप्ता का है । तकनीकी शिक्षा का पहला प्यार अब बच्चो को शिक्षित करने में आ रहा है । इस अध्यापक ने तकनीकी के सहारे गरीब बच्चों का भविष्य संवारने का बीड़ा उठा लिया है ।


प्रभाकर गुप्ता कंपोजिट वाराडीह लवाईपट्टी,न्यायपंचायत-अवराईंकला,शिक्षा क्षेत्र-नगरा,ज़िला-बलिया,विद्यालय पर वर्तमान में नवनियुक्त सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत है।इन्होंने इस ग्रीष्मावकाश में  अपने विद्यालय के सारे कक्षाओं के लगभग सभी छात्र एवं छात्राओं को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से प्रत्येक विषयों को पढ़ाने का कार्य शुरू किया है। ये अपने विद्यालय के सभी प्रिय बच्चों को इस व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए इन्हें बुनियादी व पाठयक्रम से संबंधित शिक्षा देने के लिए लगातार फ़ोटो,विडियो,चित्रण व शब्दों से वर्णित कर के इन्हें अध्ययन करा रहे है।

20 मई से ही शुरू कर दिये है ऑनलाइन शिक्षण कार्य

यह कार्य श्री गुप्त द्वारा ग्रीष्मावकाश आरंभ होने के दिन यानी 20 मई 2022 से ही प्रारंभ कर दिया गया है  और अब इसे इनके द्वारा अनवरत जारी रखने का प्रण भी लिया गया है। बच्चें भी इस कार्य प्रणाली से काफ़ी उत्साहित महसूस कर रहे हैं।
श्री गुप्त ने अभिभावक गण से भी बच्चों के गृहकार्य में मदद करने के लिए निवेदन किया है तथा और भी बच्चें जो भी इस चीज़ के लिए रुचिकर हैं उन्हें भी जुड़ने की अगर कोई उत्सुकता हो, इस के लिये अपना मोबाइल नंबर 9454027501 शेयर किये है जिस पर सम्पर्क करके जुड़ा जा सकता हैं। इस समय श्री गुप्त के व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़कर 45 बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे है ।





1-2 बच्चो से शुरू होकर कारवां पहुंचा 45 तक

 बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग(मैकेनिकल) की तकनीकी उपाधि श्री गुप्त ने तमिलनाडु-2014 में हासिल की ।कुछ वर्ष इंजीनियरिंग क्षेत्र में नौकरी भी की लेकिन प्राइवेट सेक्टर की नौकरी इनको रास नही आयी और इन्होंने फिर 2017 में बीटीसी की उपाधि हासिल कर शिक्षा क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाने की सोचे और पहले ही प्रयास में प्राथमिक शिक्षकों के लिये निकली 69 हजार वाली वैकेंसी में सहायक अध्यापक के रूप में चयनित हो गये । 16 अक्टूबर 2020 को इनको नियुक्ति पत्र मिला और इन्होंने 17 अक्टूबर 2020 को बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया के कार्यालय में अपनी योगदान आख्या प्रस्तुत कर जॉइन कर लिया । 1 नवम्बर 2020 को इनको विद्यालय आवंटित किया गया ।

 श्री गुप्त टेट 2018 व सुपर टेट 2019 में  उत्तीर्ण कर चुके है । बता दे कि छुट्टियों का सबको इंतजार होता है  कोई अपनी छुट्टी को भी गरीब बच्चों को पढ़ाने के लिये कुर्बान करता है, यह कम ही देखने को मिलता है ।

ऑनलाइन शिक्षण का यह कार्य श्री गुप्त ने  एक-दो बच्चों से शुरू किया, क्यों कि उन्हें अलग से होमवर्क दिया था । उन सब का फॉलोअप लिया तो इनके मन में यह बात आयी क्यों न एक ग्रुप बना के सब को लाभान्वित किया जाए।

ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को मोबाइल फ़ोन का भी इश्यू है और प्रत्येक घर के अभिभावक भी एक जैसे नहीं होते। ऐसे में जिन बच्चों के पास फ़ोन की सुविधा नही है वो अपने पड़ोस के बच्चों संग लाभांवित हो रहे हैं और इस ग्रुप में जुड़ने वाले नित बच्चों की संख्या में वृद्धि हो रही है । बलिया एक्सप्रेस परिवार ऐसे शिक्षकों की सोच,कृत्य और लगन को दिल से सैल्यूट करता है और आशा करता है कि अन्य शिक्षण गण भी गरीबो के बच्चो को शिक्षित करने के लिये इसी तरह आगे आएंगे ।