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नपा कर्मी भारत भूषण मिश्र का आमरण अनशन तीसरे दिन भी रहा जारी,ब्राह्मण स्वयंसेवक संघ ने दिया समर्थन

 




मधुसूदन सिंह

बलिया ।। ईओ नगर पालिका बलिया  दिनेश विश्वकर्मा  के भ्रष्टाचार की जांच को लेकर नपा कर्मचारी नेता भारत भूषण मिश्र का बुधवार से शुरू भूख हड़ताल तीसरे दिन शुक्रवार को भी जारी रही । तीन दिन बीतने के बाद भी जिला प्रशासन हो,पुलिस प्रशासन के अधिकारी हो,इनका हालचाल जानना भी जरूरी नही समझे है । रात को सोते वक्त अगर इन लोगो पर कोई हमला कर दे तो कोई बचाने वाला भी नही रहेगा । तीसरे दिन श्री मिश्र को ब्राह्मण स्वयं सेवक संघ के प्रदेश महासचिव राजेश मिश्रा ने आमरण अनशन स्थल पर अपने साथियो संग पहुंच कर समर्थन दिया और कहा कि इनकी मांगो को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश मिश्र के समक्ष उठाकर भ्रष्ट ईओ के खिलाफ जांच कराने का काम करूंगा । इनके साथ  रिंकू दुबे जिला अध्यक्ष, विष्णु कुमार मिश्र जिला महासचिव, राकेश तिवारी जिला सचिव, सत्य प्रकाश ओझा जिला उपाध्यक्ष मौजूद रहे ।




 बता दे कि अनशन शुरू होने से 10 दिन पूर्व इस आशय का पत्र श्री मिश्र द्वारा सबूतों के साथ आयुक्त आजमगढ़ को पहले ही दिया जा चुका था लेकिन जब कार्यवाही होती नही दिखी आमरण अनशन शुरू किया गया है । इनके साथ रोज आधा दर्जन से अधिक सेवानिवृत्त कर्मी भी बैठ रहे है जिनके पीएफ के पैसे लगभग 80 लाख को अधिशाषी अधिकारी ने निकालकर ठेकेदारों को भुगतान कर दिया है जिससे इन लोगो को पेंशन समय से नही मिल पा रही है। बता दे कि ईओ दिनेश विश्वकर्मा की तानाशाही इतनी है कि कर्मचारियों के महामंत्री भारत भूषण मिश्र को चेयरमैन के द्वारा निलंबन से बहाल करने के आदेश के बावजूद 13 माह से शासनादेश के विरुद्ध निलम्बित रखे हुए है । स्थायी कर्मचारी परेशान है, पर डर के मारे अपने ही साथी का समर्थन करने से डर रहे है । वही शुक्रवार को भी ईओ का तानाशाही रवैया जारी रहा है । आज एक सेवानिवृत्त कर्मी नारायन को ईओ द्वारा धमकाया गया कि भारत भूषण मिश्र के साथ बैठना छोड़ दो, नही तो फंसा दूंगा ।



बता दे कि योगी सरकार-1 के बनने के साथ ही दिनेश विश्वकर्मा बलिया में अधिशाषी अधिकारी के पद पर बने हुए है । जबकि अधिकतम 4 साल बाद ऐसे अधिकारियों का तबादला शासनादेश के आधार पर हो जाता है । शासन सत्ता में इस अधिकारी की पहुंच का आलम यह है कि तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगरौत द्वारा नगर पालिका की जांच कराकर ईओ को दोषी पाये जाने पर डीओ लेटर लिख कर तबादला कराने, इनसे सरकारी धन की रिकवरी कराने का आदेश दिया गया था । लेकिन शासन सत्ता में अपनी ऊंची पहुंच के चलते सारी कार्यवाहियों को सख्त योगी सरकार में भी रुकवाने में सफल है ।