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मीडिया आमजन की आवाज,इसका स्वतंत्र रहना लोकतंत्र के लिये जरूरी : रामगोविंद चौधरी

 


बलिया। पेपर लीक मामले में फर्जी तरीके से गिरफ्तार किए गए तीन पत्रकारों की रिहाई की मांग को लेकर संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के बैनर तले डीएम कार्यालय परिसर में पत्रकारों का चल रहा क्रमिक अनशन शुक्रवार को नौवें दिन भी जारी रहा। सदर तहसील भरौली, नरही व चितबड़ागांव के पत्रकारों का एक बड़े समूह ने  क्रमिक स्थल पर पहुंचकर आंदोलन को धार दिया। वक्ताओं ने निर्दोष पत्रकारों की रिहाई की मांग करते हुए भ्रष्ट अफसरों के निलंबन की मांग की।



कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों के क्रमिक अनशन पर पहुंचे पूर्व नेता प्रतिपक्ष व बांसडीह के पूर्व विधायक रामगोव‌िंद चौधरी ने पत्रकारों का सम‌र्थन करते हुए कहा कि अगर लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कुचल गया तो देश को तानाशाहों का गुलाम होने से कोई रोक नहीं सकता है। इसलिए लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को बचाने के लिए हम समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पत्रकारों के साथ है। कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ को कुचलने के प्रयास करना अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचलना है। कहा कि देश में लोकतंत्र के चार स्तम्भ है - कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका एवं  पत्रकारिता। इसमें सबसे महत्वपूर्ण रोल पत्रकारिता का है ,जो सरकार की कमियों को उजागर करती है और सरकार की अच्छाइयों की सराहना भी करती है। यह निष्पक्ष रहकर पक्ष व विपक्ष दोनों की बातों को जनता के सामने रखती है । कहा कि मीडिया ही आमजन की आवाज है ।कहा कि सच को उजागर करने वाले तीन निर्दोष पत्रकारों को सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन ने जेल भेजने का काम किया है। समाजवादी पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता एवं मैं स्वयं पत्रकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हूं। 

इसी क्रम में पूर्व चेयरमैन लक्ष्मण गुप्ता ने कहा कि बलिया के डीएम ने सच को उजागर करने वाले तीन पत्रकारों को फर्जी तरीके से गिरफ्तार कर जेल भेजने का काम किया। कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों व शिक्षा माफियाओं के विरुद्ध कार्रवाई करने में सरकार की रूह कांप जा रही है। अपनी कमियों को छुपाने के लिए जिलाधिकारी ने निर्दोष पत्रकारों को गिरफ्तार कराने का काम किया है। कहा कि बलिया के एक साथी ने स्याही की जगह खून से पत्र लिख कर बताने का काम किया है कि यह बागी बलिया है, यहां बलिदानो की लंबी फेहरिश्त है,यहां का बच्चा बच्चा अन्याय के खिलाफ खड़ा होने में देर नही करता है । श्री गुप्त ने शासन से मांग किया कि अविलंब पत्रकारों को रिहा किया जाए और भ्रष्ट डीएम व एसपी को बर्खास्त किया जाए। पूर्व मंत्री व छोटे लोहिया की पुत्री मीना तिवारी ने कहा कि सच को उजागर करने वालो को ही जेल में डालना गलत है । तीनो निर्दोष पत्रकारों को तत्काल रिहा करना चाहिये ।




पूर्व अध्यक्ष टीडी कॉलेज द्वय राघव सिंह व सुशील पांडेय कान्ह जी ने भी पत्रकारों की गिरफ्तारी को लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताते हुए आंदोलनरत पत्रकारों को अशस्त किया कि हम लोग तन मन धन से आप लोगो के साथ खड़े रहेंगे ।ग्रापए के जिलाध्यक्ष शशिकांत मिश्रा ने कहा कि डीएम ने अपनी काली करतुतों को ‌छिपाने के लिए हमारे तीन निर्दोष पत्रकार साथियों को गिरफ्तार कर जेल में डालने का काम किया है। लेकिन हम भी जब तक हमारे निर्दोष पत्रकार साथी बिना शर्त रिहा नहीं हो जाते, तब तक चैन से बैठने वाले नहीं है। समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष द्वय डॉ विश्राम यादव व यशपाल सिंह ने भी अपना समर्थन व्यक्त किया ।

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन ने अच्छे घर बायन दे दिया है । अब हम लोग डीएम व एसपी के निलंबन तक लगातार प्रशासन की कलई खोलने का काम करते रहेंगे । कहा कि हमारे साथियो को एफआईआर दर्ज होने से पहले गिरफ्तार करने वाले डीएम व एसपी को अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिये कि हमारे एक साथी को खनन माफियाओं ने मारपीट कर मोबाइल पैसा छीन लिया है,एफआईआर भी दर्ज हो गयी लेकिन 24 घण्टे बीतने के बाद अपराधी अबतक गिरफ्तार क्यो नही हुए ?

 वरिष्ठ पत्रकार रणजीत मिश्रा ने कहा कि संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा के द्वारा एक पखवाड़े से आंदोलन चलाया जा रहा है। जिसके समर्थन में बलिया ही नहीं पूरा प्रदेश व देश खड़ा हो गया है। हर वर्ग और हर तबका पत्रकारों के साथ खड़ा है। अब संयुक्त पत्रकार संघर्ष मोर्चा द्वारा 30 अप्रैल को जेल भरो आंदोलन को सफल बनाने के लिए एकजुट होकर मुकाम तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है। 

इस मौके पर अजय भारती, करूणा सिंधु सिंह, रणजीत मिश्रा, मधुसूदन सिंह, संजय तिवारी, अखिलेश यादव, अनिल अकेला, नरेंद्र मिश्र, प्रमोद मिश्र, मो अहमद हुसैन, रवि सिन्हा, दिनेश गुप्ता, ओमप्रकाश राय, गिरीश तिवारी, दिनेश यादव, अमित कुमार, मनोज चतुर्वेदी, मुकेश मिश्रा, राजू दुबे, शशिराज उर्फ सन्नी, सनंदन उपाध्याय, विक्की गुप्ता, जितेंद्र उपाध्याय, कैलाशपति मिश्रा, प्रभात पांडेय, धनंजय तिवारी, कृष्णकांत पांडेय, हसन खां, कंचन सिंह, विवेक जायसवाल, राजकुमार यादव, रोशन जायसवाल, रत्नेश सिंह, अमित कुमार, सुनील दादा, दयाशंकर गुप्ता, विश्वनाथ तिवारी, राजू गुप्ता, उपेंद्र गुप्ता, ओंकार सिंह, श्रवण पांडेय, रामेश्वर पासवान, जयराम अनुरागी, जाकिर हुसैन, अरविंद गोंडवाना, माले नेता लक्ष्मण यादव, उपेंद्र, संजय सिंह, श्याम प्रकाश शर्मा, दिनेश गुप्ता, आसिफ जैदी, ओमप्रकाश राय,पवन यादव ,मुशीर जैदी, हरिबंश कुमार, पवन कुमार यादव, अवधेश पांडेय, मोमंशाद अहमद, विश्म्भर गुप्ता, शंकर‌ सिंह, कमल राय, श्याम जी यादव, इमरान खां, संतोष उपाध्याय अ‌ादि रहे।