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आर्थिक तंगी के चलते कॉलेज के सेल्फफाईनेंस परिचारक ने की आत्महत्या :प्राचार्य एवं लेखाकार पर प्रताड़ना का आरोप

 




आखिर कब तक जान गवांते रहेंगे अनुदानित स्ववित्तपोषित के शिक्षक और कर्मचारी

बड़ा सवाल: सरकार कब देगी इन लोगो पर ध्यान ?

 डाॅ. सुनील कुमार ओझा 

आजमगढ़।। श्री गांधी पी जी कॉलेज मालटारी आजमगढ़ में सेल फाइनेंस परिचारक के पद पर कार्यरत बृजेश शर्मा ने बीते रात आत्महत्या कर ली। बताया जा रहा है कि इसके पीछे आर्थिक तंगी प्रमुख कारण रही। वही परिजनों और सहकर्मिंयों ने संबंधित काॅलेज के प्राचार्य एवं लेखाकार पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।

      मामले की जानकारी देते हुए डॉ घनश्याम दुबे ने बताया कि, श्री गांधी पी जी कॉलेज मालटारी आजमगढ़ में बृजेश शर्मा पुत्र श्री शंकर शर्मा निवासी ग्राम व पोस्ट मालटारी विगत 10 वर्षों से सेल्फ फाइनेंस परिचारक के रूप में कार्यरत थे। उसने अपनी 10 बिस्वा जमीन महाविद्यालय को दी थी। प्रबंधक द्वारा आश्वासन दिया गया था कि आपको परिचारक पद पर नियुक्ति की जाएगी। जमीन लेने के बाद विगत 10 सालों से मात्र तीन से चार हजार में कार्य लिया जाता था। उसने वेतन बढ़ाने की बात कही तो लेखाकार एवं  प्राचार्य ने कह दिया कि काम करना हो तो इतने ही वेतन पर करो अन्यथा चले जाओ और उसको प्रताड़ित करके निकाल दिया। वह अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए मुंबई गया जहां उसने कार्य नहीं मिला पुनः घर वापस आ गया और आर्थिक तंगी से तंग आकर विगत रात आत्महत्या कर ली। उसके पास एक 16 साल की बच्ची और उससे छोटे दो बालक हैं। परिवार में उसके अलावा कोई भी नहीं है जो उसके परिवार का भरण पोषण कर सके।




        अनुदानित महाविद्यालय स्व वित्तपोषित शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा अरुणेश अवस्थी ने कालेज प्रबंधन से मांग किया है कि बच्चो को पढ़ाने का खर्च और पत्नी को पैसा दे, क्योंकि कालेज भविष्यनिधि कटा होता तो आज पत्नी को लगभग दस लाख रुपया मिलता। आज उसके परिवार को जीने के लिए एक सहारा मिल गया होता। 

       डा अरुणेश अवस्थी ने कहा कि, आज बृजेश शर्मा का परिवार संकट में है और उसके आगे पीछे कोई नहीं है । ऐसे में उसके बच्चे को नौकरी, और पीएफ का पैसा उसकी पत्नी को मिलना चाहिए। अगर इस बात का संज्ञान नही लिया गया तो मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री को संघ के तरफ से अवगत कराया जाएगा।