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यूक्रेन से सकुशल घर लौटा मनीष,घर मे एक साथ मनी होली व दीवाली





संतोष द्विवेदी

नगरा, बलिया ।। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे स्थानीय कस्बे का छात्र मनीष जायसवाल जब गुरुवार की रात अपने घर पहुंचे तो परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। मां ने आरती उतार कर तथा मिठाई खिलाकर अपने लाडले का स्वागत किया। मनीष के घर आते ही परिवार में होली के पहले ही होली व दीपावली जैसा त्यौहार मनाया गया । जब तक मनीष घर नही आया था,घर का माहौल बहुत ही तनाव पूर्ण था ।

मनीष ने बताया कि युक्रेन की स्थिति बहुत भयावह है। मेरे साथ के छात्र किसी तरह रोमानिया पहुंचे, जहां से सकुशल स्वदेश वापसी हुई है। बार्डर पार करने में काफी दिक्कत हुई।बताया कि युक्रेन में अभी भी लगभग दस हजार छात्र फंसे हुए है। उन्होंने सकुशल घर लौटने पर भगवान, माता पिता तथा मित्रो का धन्यवाद दिया।




            नगरा कस्बे के रहने वाले मनीष जायसवाल एमबीबीएस की पढ़ाई पढ़ने के लिए यूक्रेन गए थे और युक्रेन के ओडेसा में स्थित नेशनल मेडिकल युनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था और वहां पढ़ाई कर रहे थे।जब से यूक्रेन और रूस में युद्ध छिड़ा है तब से सभी भारतीय छात्र-छात्राएं वहां काफी परेशान थे। गुरुवार की रात में मनीष सकुशल घर पहुंच गए। उन्होंने बताया कि युक्रेन की स्थिति बड़ी भयावह है। चारो तरफ बमबारी और फायरिंग हो रही है। वहां पर अभी भी भारत के लगभग आठ हजार छात्र फंसे हुए हैं, जबकि रोमानिया में भी छः सात हजार छात्र है। 




मनीष ने बताया कि युक्रेन पर रूस के हमले के बाद हम लोगो ने स्वयं बार्डर पार करने का निर्णय लिया। मेरे साथ सैकड़ों छात्र किसी तरह रोमानिया पहुंचे, जहां से हवाई जहाज से दिल्ली लाया गया। बताएं कि युक्रेन के लोगो ने बार्डर पर अच्छा सहयोग किया। नाश्ता आदि की व्यवस्था उन्होंने हमारे लिए की थी।रोमानिया वालो ने भी भारतीय छात्रों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया और मदद की। 

ये पूछे जाने पर कि अपने छात्रों को स्वदेश ले आने में भारत सरकार की क्या भूमिका रही तो कहे कि भारत सरकार ने अपने बच्चो को लाने के लिए बहुत देर से कदम उठाई। रूस युक्रेन युद्ध आरम्भ होने से एक दिन पहले हमलोगो को बताया गया। इतना जल्दी बाहर निकलना बहुत मुश्किल था।कहे कि भारत सरकार छात्रों का केवल आर्थिक मदद की है और हवाई जहाज से दिल्ली तक ले आकर घर तक पहुंचाई है। इसके अलावा और कोई मदद नहीं मिली। सकुशल घर लौटने पर मनीष ने अपने ईश्वर,माता पिता, परिजनों एवं दोस्तों को धन्यवाद दिया। उसके आने से परिजनों में भी हर्ष व्याप्त है।