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बोली डॉ अलका राय-मेरे ऊपर लगाया गया आरोप बेबुनियाद, फंसाया गया है मुझे



फर्जी एंबुलेंस केस में डॉ. अलका राय के साथ गिरफ्तार 

ए कुमार

मऊ ।। माफिया मुख्तार अंसारी को कोर्ट ले जाने वाले फर्जी एंबुलेंस मामले में मऊ की अस्पताल संचालिका डॉ. अलका राय अरेस्ट हो गई हैं।आरोपी डॉ. अलका राय के साथ उनके साथी शेषनाथ राय को सोमवार की सुबह बाराबंकी पुलिस ने मऊ से अरेस्ट किया ।

डॉ. अलका राय ने रविवार शाम को ही अपनी गिरफ्तारी की आशंका जता दी थी। उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि इतना सब कुछ होने के बावजूद उन्हें एंबुलेंस केस में फंसाया जा रहा है। जबकि उनका बाराबंकी से कोई नाता नहीं है। ना ही उनका कोई वहां हॉस्पिटल चलता है। ऐसे में उनके ऊपर कागजातों के आधार पर जो मुकदमा कराया गया है, वह पूरी तरह से बेबुनियाद है। अलका ने कहा था कि वे लोग इससे परेशान हो चुके हैं और उनकी जिंदगी पटरी से उतर गई है। डॉ. अलका राय ने कहा कि उनके मुंह बोले भाई शेषनाथ राय को थाना हलधरपुर पुलिस ने पहले ही डिटेन कर लिया था।




एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन कराया था बाराबंकी एआरटीओ से


बता दें कि पंजाब में कोर्ट जाने के लिए मुख्तार अंसारी जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था, वह मऊ स्थित डॉ. अलका राय के अस्पताल से रजिस्टर्ड थी। उसका रजिस्ट्रेशन बाराबंकी एआरटीओ से कराया गया था। इसमें नियमों की अनदेखी की गई थी। मुख्तार अंसारी के अलावा इसमें डॉ. अलका राय और उनके भाई डॉ. शेषनाथ राय भी आरोपी बनाए गए।


अब गैंगस्टर का केस, पहले जालसाजी में गए थे जेल


मऊ में श्याम संजीवनी अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर हैं। इसकी संचालिका डॉ. अलका राय और उनके भाई डॉ. शेषनाथ राय हैं। अब इन पर गैंगस्टर का केस दर्ज है। इससे पहले इनके खिलाफ दो अप्रैल 2021 को पहला मुकदमा जालसाजी का लिखा गया था। करीब तीन माह बाद सभी आरोपियों के खिलाफ चार जुलाई 2021 को न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। दोनों भाई-बहन 8 महीने तक जेल में रहे। अभी ढाई महीने पहले ही जेल से बाहर आए थे।


एंबुलेंस कनेक्शन का सच मान चुका मुख्तार


मुख्तार अंसारी ने बाराबंकी पुलिस को दिए अपने बयान में यह माना था कि उसने सोच समझकर साजिश के तहत एंबुलेंस खरीदी और रजिस्ट्रेशन बाराबंकी से कराया था। पुलिस पूछताछ में मुख्तार ने बताया कि उसने एंबुलेंस अपने प्रयोग के लिए ली थी। 2013 से उसके पास एंबुलेंस है।












बाराबंकी नंबर की एंबुलेंस से पहुंचा था मोहाली कोर्ट

दरअसल, जब मुख्तार अंसारी पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था, तब उसे मोहाली कोर्ट में पेश किया गया था। इस दौरान मुख्तार जिस एंबुलेंस से कोर्ट पहुंचा था, वह यूपी के बाराबंकी की थी। उस पर बाराबंकी जिले की नंबर प्लेट लगी हुई थी। पुलिस जांच में पाया गया कि इस एंबुलेंस का फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रजिस्ट्रेशन कराया गया। इसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी को इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता बनाकर केस दर्ज कराया गया था।


बता दें कि एक दिन पहले (28 मार्च 2022) को बांदा जेल से लखनऊ कोर्ट में मुख्तार अंसारी की पेशी हुई थी। फर्जी तरीके से शत्रु संपत्ति पर कब्जा और अवैध निर्माण से जुड़े एक मामले में लखनऊ की ACJM-3 कोर्ट में मुख्तार की तारीख थी।


बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी को पहली बार बांदा जेल से लखनऊ की MP-MLA कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया। एंबुलेंस से उतारकर मुख्तार को कोर्ट के अंदर ले जाया गया। मुख्तार के समर्थक भी कोर्ट के बाहर पहुंचे थे। इससे पहले रास्ते में मुख्तार समर्थकों की गाड़ियां भी पुलिस काफिले के साथ आ गई थीं। सुनवाई के बाद मुख्तार को एंबुलेंस से वापस बांदा जेल भेज दिया गया।


सोमवार सुबह 7.30 बजे पुलिस मुख्तार को लेकर बांदा जेल से निकली थी। बांदा से करीब 25 किमी. दूर तिंदवारी में मुख्तार की सुरक्षा में लगा वज्र वाहन खराब हो गया। पुलिसकर्मियों ने वाहन को ठीक करने की कोशिश की। लेकिन वह नहीं हुआ। आनन-फानन में मैकेनिक को बुलाकर वज्र वाहन को ठीक करवाया गया।