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चुनावी महाकुंभ में गोते लगाता जनमानस : सोचो बलिया सोचो,फिर बटन दबाओ

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। हमेशा की तरह क्या इस बार भी, बलिया विधानसभा की जनता नेताओं के चेहरों जैसे- मोदी/ योगी,  मुलायम/अखिलेश,  मायावती, सोनिया/प्रियंका के नाम पर ही मुहर लगाएगी अथवा उनके भी कुछ जज्बाती सवाल होंगे........

    जैसे- 1. शिक्षा- जननायक चन्द्रशेखर विश्विद्यालय को स्किल बेस्ड शिक्षा जैसे- MBA, MCA, BBA, BCA, Journalism, शोध आदि कोर्स के लिए कक्षाएं चलायी जाएंगी या सिर्फ परीक्षा केंद्र बने रहने भर से ही हम खुश है!? 


   2. बलिया नगर को जाम के झाम से मुक्त कराने की भी कोई योजना भविष्य में बनेगी? 

(जैसे नगर के चारो तरफ से बाइपास, सतीश चंद्र कॉलेज और अमृतपाली में ओवर ब्रिज ) 

या जाम में पसीना बहाकर, आंखे चुराते हुए हम अब भी यही कहते रहेंगे कि बागी बलिया नहीं सुधरेगा ?            


3. वर्षों से अर्धनिर्मित लोहिया मार्केट को सुव्यवस्थित कराकर युवाओं को रोजगार और बलिया के लोगों को एक सुन्दर पार्किंग युक्त मार्केट उपलब्ध कराया जाएगा? अथवा उसके ध्वंस होने का इन्तजार करेंगे!? 

   

    4. बलिया नगर के लिए अभिशाप बन चुके सीवरेज व्यवस्था को पुनः नयी आबादी के अनुसार परियोजना तैयार कराकर पुनर्निर्माण कराया जाएगा ? या प्रति वर्ष अखबारों में करोड़ों का घोटाला पढ़ कर और जलमग्न हुए पूरे शहर में  नौकाविहार करते हुए हम यूंही खुश होते रहेंगे ?     

    

   5. बलिया नगर को मिले प्रकृति का उपहार कटहल नाला को स्वच्छ, सुन्दर, अतिक्रमण मुक्त कराकर जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा ? या बदबूदार कूड़ेदान के रूप मे उसका इस्तेमाल करके हम यूंही इतराते रहेंगे ? 


    6.बलिया सदर अस्पताल में सभी प्रकार के रोगों के लिए चिकित्सकों की नियुक्ति और जांच की भी सुविधा भविष्य में उपलब्ध करायी जायेगी? अथवा सिर्फ रेफरल सेंटर पर ही हम अपना सीना ताने खड़े रहेंगे ? 


     7. बलिया नगर विधान सभा में स्थित बसंतपुर, बसुधरपाह, दुबहर, छाता आदि चिकित्सालय में महिला और पुरुष परामर्शदाता / चिकित्सक उपलब्ध होंगे? 

या केवल लड़ाई और झगड़ा के बाद सिर्फ मेडिकल बनाने के लिए  ही यह अस्पताल  रहेगे ?                         


8. बलिया नगर का प्रत्येक गाँव और नगरपालिका क्षेत्र बुरी तरह से आर्सेनिक से प्रभावित है I क्या कभी गंगा नदी के जल को शुद्ध करके पेय जल हेतु उपलब्ध कराया भी जा सकेगा? 

या हम गाना गाएंगे - पियवा गये बंगाल संखिया लेके अइले हो ?      

 

   9. बलिया नगर और जनपद का एकमात्र स्टेडियम-  "वीर लोरिक क्रीडांगन" में गरिमा के अनुरूप अधिकतर खेलों की सुविधा क्या भविष्य में उपलब्ध करायी जा सकेगी ?  जिससे उच्च कोटि के खिलाड़ी  निकल सके । या स्टेडियम  पुलिस लाइन के बारिश के पानी को सिर्फ खपाने भर के तक ही सीमित रह जाएगा ? 


  10.  बलिया नगर में बिगत पांच वर्षो से भूमिगत बिज़ली केबिल का कार्य इस बार पूरा हो जाएगा ? या यह योजना शहर के गलियो और सड़कों की अनवरत हालत खराब करती रहेगी, कोई रोकने वाला नही होगा ? 

11. क्या बलिया के नागरिको को उचित दर पर लाल बालू और मिट्टी मिल सकेगी? 

अथवा यूंही हमे मनमाने पैसों के साथ-साथ सलामी/ लेबी भी देनी पड़ती रहेगी ? 

  

12. बलिया के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत महर्षि भृगु मन्दिर को राष्ट्रीय स्तर का क्या कभी पर्यटन केंद्र बनाया जा सकेगा?  अथवा 60- 70 लाख के लॉलीपॉप से ही हम खुश होते रहेंगे ? 

       पूरे देश को तिरंगा फहराने का अधिकार दिलाने वाले एक तिरंगा के लिए हम यूंही दर- दर भटकते फिरेगे? अथवा हमे सम्मानपूर्वक तिरंगा फहराने के लिए कोई सुनिश्चित स्थान मिल सकेगा ?                                

  अगर वास्तव मे बागियों के वंशज हो तो वोट मंगाने वालों से सवाल पूछो-  अथवा आने वाली पीढ़ी माफ नहीं करेगी I फैसला करने की बारी अब आपकी है कि- नेता चाहिए या सिर्फ पिछलग्गू ?  

जो केवल हाँ में हाँ मिलाए, उलुल-जुलुल बयानबाजी करे , ऐसा नेता चाहिये ? या  बलिया की माटी के अनुरूप उसकी अपनी कोई सोच, पहचान, और आवाज हो,ऐसा नेता चाहिये ?

पिछले 72 गणतंत्र से हम अपने मताधिकार का उपयोग करते चले आ रहे हैं, परंतु अब तो ठहर कर सोचिए.......!?