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दागी विद्यालय को बनाया परीक्षा केंद्र,समाजसेवी ने की उच्चाधिकारियों से शिकायत,2017 में इस केंद्र से हुआ था पर्चा आउट

 



बलिया ।। राकेश कुमार समाजसेवी ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया कि बाबू बनवारी जी शिवसागर राम प्रजापति कालेज देवरिया खारी, नगरा, रसड़ा को परीक्षा वर्ष 2022 में केंद्र बनाने हेतु प्रस्तावित किया गया है, जबकि इस विद्यालय द्वारा वर्ष 2017 की परीक्षा में परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र  आउट किया गया था । जिसमें तत्कालीन जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, उपजिलाधिकारी रसड़ा, पुलिस उपाधीक्षक, जिला विद्यालय निरीक्षक, एसटीएफ, एसओ नगरा इत्यादि की उपस्थिति में विद्यालय के खिलाफ कार्यवाही करते हुए विद्यालय के प्रबंधक, प्राचार्य, लिपिक व परिचारक के खिलाफ एफआई आर दर्ज कर जेल भेजा गया था। जिससे प्रदेश स्तर पर विद्यालय एवं विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की बेइज्जती हुई थी।

 इसी आरोप में इस विद्यालय को वर्ष 2018 से परीक्षा केंद्र बनाने से वंचित कर दिया गया था। विगत वर्षों से विद्यालय परीक्षा केंद्र नहीं बन रहा था । शासन की मंशा के अनुरूप साफ-सुथरी छवि के विद्यालय को केंद्र बनाने की बात कही गई है। किंतु ऐसे दागी और परीक्षा से पूर्व प्रश्न पत्र  प्रकटन करने वाले विद्यालय को केंद्र बनाने का क्या औचित्य है ? श्री कुमार ने आरोप लगाया कि जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा धन लाभ इत्यादि के लोभ में केंद्र बनाने हेतु प्रस्तावित किया गया है। अनियमितता का एक और उदाहरण यह है कि रामदेव इंटर कॉलेज जगरिया का केंद्र निरस्त कर इसको केंद्र बनाने का प्रस्ताव किया गया है, इसकी दूरी लगभग 25 किमी है क्या इसके आसपास केंद्र बनाने हेतु विद्यालय उपयुक्त नहीं है? इससे पुष्टि होती है कि धन लाभ इत्यादि के लोग में केंद्र हेतु प्रस्तावित किया गया है।

डीआईओएस बलिया उवाच

जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ ब्रजेश मिश्र ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया है कि उपरोक्त विद्यालय को इनके कार्यालय के द्वारा धनलाभ के लिये केंद्र बनाया गया है । कहा कि उपरोक्त विद्यालय मात्र 3 साल के लिये केंद्र से डिबार निदेशालय स्तर से किया गया था । इस साल डिबार अवधि समाप्त होने के बाद निदेशालय स्तर से ही यह केंद्र बनाया गया है । कहा कि अब केंद्र बनाने में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय की कोई भी भूमिका नही रह गयी है । अब विद्यालय सीधे जिओ टैगिंग के माध्यम से अपने विद्यालय से सम्बंधित जानकारी अपलोड करते है और इसी के आधार पर लखनऊ से केंद्र का निर्धारण होता है ।

डॉ मिश्र ने कहा कि किसी केंद्र की शिकायत आने पर सम्बंधित उप जिलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र को हटाया या जोड़ा जाता है । उपरोक्त प्रकरण में केंद्र निर्धारण में जिला स्तर का कोई भी रोल नही है । डॉ मिश्र ने इतना जरूर आश्वस्त किया कि इस बार इस विद्यालय में पत्ता भी खड़कने नही दिया जाएगा,पेपर आउट होने की बात तो दूर की कौड़ी है ।