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बलिया नगर विधानसभा : बीजेपी के ब्राह्मण चेहरों में कौन पड़ रहा है भारी ?

 



मधुसूदन सिंह

बलिया ।। विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओ की लखनऊ व दिल्ली की दौड़ शुरू हो गयी है । सबसे ज्यादे टिकटार्थियों की भीड़ भाजपा व सपा में देखने को मिल रही है । आज हम बीजेपी के संभावित प्रत्याशियों के सम्बंध में चर्चा को यहां आगे बढ़ा रहे है ।

पिछली बार भाजपा ने एकदम नया ब्राह्मण चेहरा आनंद स्वरूप शुक्ल को उतार कर और मोदी लहर के सहारे समाजवादी पार्टी के पिछड़े वर्ग के उम्मीदवार लक्ष्मण गुप्ता को मात देकर बलिया नगर विधानसभा सीट को सपा से छीन ली थी । इस चुनाव में भाजपा ने मोदी लहर के साथ साथ ब्राह्मण ट्रम्प कार्ड का भी सहारा लिया था ।

इस बार भी भाजपा को लगता है कि सीट को बरकरार रखने के लिये उम्मीदवार ब्राह्मण ही होना चाहिये । ऐसे में वर्तमान मंत्री व विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल,बीएसपी छोड़कर भाजपा में शामिल हुए वीरेंद्र कुमार पाठक,बीजेपी के पदाधिकारी व संघ से जुड़े संजय मिश्रा और छात्र राजनीति से पार्टी राजनीति में संघर्षरत नागेंद्र पांडेय, की चौकड़ी मुख्य दावेदारों में उभर कर सामने आ रही है ।









बलिया सदर में नगर की दुर्दशा,किसानों की समस्याओं, छात्र संघ चुनाव न होने का ठीकरा मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल के सिर फोड़ते हुए और जनता की नाराजगी का आधार बनाते हुए संभावित प्रत्याशियों को उम्मीद है कि इस बार मंत्री जी का टिकट कटना सुनिश्चित है और पार्टी जनता के विरोध को देखते हुए नया उम्मीदवार घोषित करेगी । यह सब उम्मीदवारों की अपनी अपनी सोच है ।

सूत्रों से मिली खबरों के अनुसार जितना आनंद स्वरूप शुक्ल का विरोध बलिया में बताया जा रहा है, उतना प्रदेश संगठन में नही है । यही कारण है कि आज की तारीख में भी टिकट पाने की दौड़ में मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल अन्य लोगो से आगे चल रहे है । यानी ब्राह्मण चेहरों में आनंद शुक्ल आज भी स्वीकार्य दिख रहे है । वही मंत्री जी को अगर कोई टक्कर दे रहा है तो वो है वीरेंद्र कुमार पाठक टून जी । टून जी पाठक के साथ 2014 मे मोदी लहर के बावजूद डेढ़ लाख से अधिक मत लोकसभा चुनाव में पाना, अन्य नेताओं से आगे कर रहा है । वही पुर्वांचल में सम्मानित ब्राह्मण राजनैतिक परिवार व पूर्व मंत्री स्व बच्चा पाठक के परिवार का होना,भाजपा को इनके सहारे अन्य विधानसभाओ में भी लाभ मिलने की संभावना दिखती है,जिससे इनके ऊपर भी दांव लगा सकती है । साथ ही नागेंद्र पांडेय व संजय मिश्रा भी पार्टी में अपने सम्बंधित मंत्रियों नेताओ के द्वारा एड़ी चोटी का जोर लगाये हुए है । संजय मिश्रा पार्टी के बहुत पुराने कार्यकर्ता है । वही नागेंद्र पांडेय छात्र राजनीति से ही संघर्षो के लिये जाने जाते है । ये समर्थको के लिये एक ढाल बन जाते है ।साथ ही पुराने व दमदार कैडर के रूप में ,जितेन्द्र तिवारी,नकुल चौबे, अनूप चौबे, वशिष्ठ पांडेय भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराए हुए है । ये लोग स्थानीय भाजपा के कद्दावर नेताओ में माने जाते है ।इन लोगो का भी दावा है कि टिकट इन्हें ही मिलेगा । अब देखना है कि पार्टी किसको प्रत्याशी बनाती है ।