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परिवीक्षा अधिनियम 1958 की धारा 4 का लाभ देते हुए 20-20 हजार रूपये के व्यक्तिगत बन्द पत्र पर कोर्ट ने अभियुक्तों को छोड़ा



बलिया ।।  पुलिस द्वारा चलाए गये अभियान के तहत जनपद में महत्वपूर्ण चिन्हित मुकदमे में प्रभावी पैरवी कर अभियोग में त्वरित निस्तारण हेतु चलाये गये अभियान के क्रम में मानिटरिंग सेल, विशेष लोक अभियोजक, संयुक्त निदेशक अभियोजन व पैरोकारों की प्रभावी पैरवी के चलते थाना सुखपुररा पर पंजीकृत  मुकदमें  परिवाद सं0- 1486/2003  धारा 323,504,506 भादवि  में माननीय न्यायालय  विशेष न्यायाधीश (एस.सी/एस.टी एक्ट अपर सत्र न्यायाधीश बलिया द्वारा  अभियुक्तगण 1. राम बचन यादव पुत्र हरगुन यादव 2. शिवाशंकर यादव पुत्र स्व0 हरगुन यादव 3. सुनील यादव पुत्र राम बचन यादव 4. हरगुन पुत्र रामयादि समस्त निवासीगण चन्दुकी थाना सुखपुरा जनपद बलिया को परिवीक्षा अधिनियम 1958 की धारा 4 का लाभ देते हुए 20-20 हजार रूपये के व्यक्तिगत बन्द पत्र पर अभियुक्तों को एक वर्ष के लिए सदाचरण बनाए रखने की शर्त पर छोड़ा गया । 









यदि इस दौरान वे सदाचरण बनाए रखने में असफल रहते हैं तो न्यायालय उन्हे आहूत कर दण्ड के प्रश्न पर पुनः सुनकर नियमानुसार समुचित दण्डादेश पारित करेगी ।

वाद में वर्णित घटना दिनांक 26.04.2003 की है । वादिनी का हैण्ड पम्प खराब हो गया तो वह अभियुक्तगण के हैण्ड पम्प से पानी भर रही थी उसी पानी भरने के कारण अभियुक्तों ने वादिनी को गाली देते हुए मारा पीटा गया व जान से मारने की धमकी दी गयी थी ।


गौरतलब है कि जनपदीय पुलिस द्वारा उच्च अधिकारियों के निर्देशानुसार पुलिसकर्मियों के साक्ष्य शीघ्र न्यायालय में निस्तारण कराने पर बल दिया जा रहा है जिसके चलते नतीजे सामने आ रहे हैं ।