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बेल्थरारोड के सर्राफा व्यवसायियों के प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिये थानाध्यक्ष उभांव ने लगाये 15 चौकीदार




अभियेश मिश्र,नीलेश दीपू

बिल्थरारोड बलिया ।। थानों में  चौकीदारों द्वारा पुलिस को  मिलने वाली मुखबिरी कमजोर होने के कारण चोरी , छिनैती व् आपराधिक घटनाये ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसको दृष्टिगत रखते हुए उभांव इंस्पेक्टर अविनाश कुमार सिंह ने धनतेरस और दीपावली त्योहार के मद्देनजर थाने के 15 चौकीदारों की ड्यूटी  नगर के सर्राफा व्यपारियो के यहाँ व प्रतिष्ठित स्थानों पर रात्रि में  सुरक्षा की दृष्टि से लगाये हुए है ।  साथ मे चौकी इंचार्ज सीयर सूरज सिंह भी दलबल के साथ दिन रात चक्रमण कर कर्तव्यनिष्ठा के साथ अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे इनके इस पहल की चहुओर सराहना की जा रही है।  

लोगो के अनुसार आज से लगभग दो दशक पूर्व में गांव से लेकर शहर तक  पुलिस की जासूसी मे चौकीदारो की अहम भूमिका होती थी । गांवो की हर गतिविधि की जानकारी वह थाने तक पहुँचाता था जिसके परिणाम स्वरूप पुलिस समय रहते अपराधियो पर नकेल कसने मे कामयाब हो जाती थी, पर आज  चौकीदारो की भूमिका थानो मे खिदमतदारी करने तक सीमित रह गयी है। जिसके चलते उसके पास इलाके की कोई जानकारी नही होती है चौकीदारो की आजकल जितनी भूमिका कम हुई है उतना ही पुलिस की मुखबिरी कमजोर हुई है।

गांवो में पहले किसी तरह के वाद विवाद और जमीनी विवाद , संदिग्ध लोगो से सम्बंधित जानकारी प्रतिदिन गांव के चौकीदार द्वारा दी जाती थी। चौकीदार के मुखबिरी के आधार पर सम्बन्धित थाने की पुलिस गांवो में जाकर इसकी मॉनिटरिंग करती रहती थी। जिससे चलते पुलिस के भय से होने वाला विवाद टल जाता था। साथ ही गांव के चौकीदार की पहचान लाल पगड़ी होती थी।  और हाथ भाला लेकर जो रोज रात में  ' सोने वाले जागते रहो ' बोलकर पुरे गांव में घूमकर पहारा देते थे। जिससे गांवो में चोरी की घटनाएं बहुत ही कम घटित होती थी। किन्तु अब यह काम चौकीदारों द्वारा नही किया जाता है। 

आज के युवा पीढ़ी के लिए चौकीदारों के सिर पर लाल पगड़ी और रात में पहरा देना अतीत की बात हो गयी है। चौकीदार अब गांवो में पहारा न देकर थाने पर ड्यूटी रात या दिन में करते है और वहाँ पर थाने में खिदमतदारी में लगे रहते है। लोगो की माने तो यदि चौकीदारों की ड्यूटी पुनः गांवो में  रात पहरा देने  में लगा दिया जाय तो चोरी और आपसी रंजिश में होने वाली घटनाओं पर विराम लग सकता है। पुलिस को गांवो की सूचना चौकीदार द्वारा न मिलना बढ़ते अपराध का कारण माना जा रहा है।