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अटेवा की 21 नवम्बर को लखनऊ आयोजित में धरना में शामिल होंगे संयुक्त मोर्चे के घटक संगठन,बैठक के बाद हुआ निर्णय



बलिया ।। गुरुवार को बेसिक शिक्षा परिषद संघर्ष मोर्चा के सम्बद्ध घटक संगठनों की एक समीक्षा बैठक कैम्प कार्यालय पर सम्पन्न हुई। बैठक में शिक्षक हितों से सम्बंधित मुद्दा छाया रहा साथ ही सम्बद्ध घटक संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा बेसिक शिक्षा परिषद में घोर अवसरवादी तत्वों द्वारा शिक्षकों की ऊर्जा का स्वहित में दुरुपयोग कर शिक्षक हितों के विपरीत आचरण पर खेद प्रकट किया गया।  

वक्ताओं ने कहा कि ट्रेड यूनियनों के उद्देश्य,कार्यक्रमों,गठन,विनियम,अधिकार और दायित्वों का विश्लेषण किया जाय तो उस मे स्वहित से प्रेरित अतिमहत्वाकांक्षा का कोई स्थान नही होता है।अपने एक - एक सदस्यों के हितों की रक्षा के लिए ट्रेडयूनियन अपने कार्यक्रमों को संचालित करती है लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण और चिंता जनक है कि बेसिक शिक्षा परिषद में ऐसे बिचौलियों का एक वर्ग जो स्वहित व अतिमहत्वाकांक्षा में शिक्षकों की ऊर्जा का दुरुपयोग करने पर आमादा है जिन्हें आम शिक्षक,कर्मचारी हितों से कोई लेना-देना ही नही ।






वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान समय में शिक्षक हितों पर होने वाले चौतरफा हमलों के सबल प्रतिकार और अपनी जायज मांगों के लिये शिक्षकों की मंशा के अनुरूप बेसिक शिक्षा परिषद में संचालित विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाने की आवश्यकता महसूस की जाने लगी जो समष्टि में व्यष्टि के सिद्धांत पर कार्य करे।विभिन्न संगठनों के पदाधिकारियों के सम्मलित प्रयास के फलस्वरूप बेसिक शिक्षा परिषद में संचालित समस्त संगठनों की एक बैठक आहूत कर एक सशक्त मोर्चे के गठन को मूर्त रूप प्रदान किया गया लेकिन अतिमहत्वाकांक्षा व स्वहित से प्रेरित तथा-कथित स्वयम्भू नेताओं को यह बात रास नही आई और स्वहित साधना में लीन वे अपना राग अलग ही अलाप रहे हैं।

वक्ताओं ने कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद का उद्देश्य सम्मलित रूप से केवल और केवल सहमति समन्वय एवं संतुष्टि के सिद्धांत पर संघर्ष करना है न कि व्यक्तिवादी हितों के लिए सांगठनिक ताकतों का दुरुपयोग करना।संघर्ष मोर्चे के सम्मलित प्रयास का ही परिणाम रहा कि जनपद में व्यापक पैमाने पर शिक्षक,शिक्षामित्रों,अनुदेशकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों पर हुई  कार्यवाही को वापस कराया गया और अन्य शिक्षक हितों से जुड़े लंबित कार्यों में कार्यालयी स्तर पर तेजी लायी गई है।

बैठक में सर्वसम्मति से अटेवा के पुरानी पेंशन बहाली व निजीकरण के विरोध में 21 नवम्बर को लखनऊ में आयोजित धरना को समर्थन देते हुये अधिकाधिक शिक्षक,कर्मचारियों को इस मे प्रतिभाग का आह्वान किया गया। बैठक में मुख्य रूप से रविन्द्र सिंह,अजय सिंह,राजेश सिंह,निर्भय नारायण सिंह,घनश्याम चौबे,तेज बहादुर पांडेय,अशोक सिंह आदि ने ने अपने  विचार व्यक्त किये।