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डूबते सूरज को छठ व्रतियों ने दिया अर्घ्य, सुबह सूरज को अर्घ्य देकर पूर्ण होगा व्रत




 बलिया ।। लोक आस्था के महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन बुद्धवार को अस्ताचल  सूर्य को पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ पहला अर्घ दिया गया। लोगों ने दउरा व सुपली में फल व पूजन सामग्री सजाकर व्रती महिलाएं घाट पर पहुंची और भगवान भाष्कर की उपासना किया। चार दिनों तक चलने वाले इस अनुष्ठान के अंतिम दिन बृहस्पतिवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ दिया जाएगा। इसके साथ ही यह पर्व सम्पन्न हो जाएगा। 

बलिया शहर के आवास विकास कालोनी के शिव मंदिर के प्रांगण में वेदी बनाकर सैकड़ो व्रतियों ने पूजन अर्चन किया । भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के जिला संरक्षक अशोक कुमार सिंह भी यही पर सपरिवार विधि विधान के साथ छठ व्रत के क्रम में अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिलवाया ।






दुबहड़ में भी छठ महापर्व पर सैकड़ों व्रतधारी महिला और पुरुष व बच्चे दोपहर बाद से ही अपने घरों से दउरा व सुपली में पूजन सामग्री सजाकर छठ घाट की ओर रवाना होने लगे थे। उनके साथ उनके परिवार के लोग छठ मईया के गीत गाते हुए छठ घाट पर पहुंच रहे थे। उनका उत्साह एवं श्रद्धा देखते ही बन रहा था। यह सिलसिला दोपहर से शाम तक चलता रहा।

 देखते ही देखते सरोवर एवं पोखर के किनारे बने छठ घाट व्रतियों व श्रदालुओं से ठसाठस भर गया। व्रतियों ने छठ मईया की आराधना करना प्रारंभ कर दिया। यह आराधना सूर्य के अस्त होने तक चलती रही। इसके बाद अस्त होते सूरज को देखकर व्रतियों ने पहला अर्घ दिया। छठ घाट पर इलेक्ट्रिक लाइट की सजावट की गई थी। सभी घाट रोशनी से नहाए हुए थे।