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वादे के मुताबिक सहयोग राशि न देना विधायक बेल्थरा को पड़ा महंगा,आयोजको ने मंच से घोषणा कर स्मृति चिन्ह लिया वापस





बृजेश सिंह

भीमपुरा बलिया ।। वादा करके न निभाने की बेल्थरारोड के भाजपा  विधायक धनंजय कन्नौजिया को इस बार भारी पड़ गया है । इनको भाजपा के ही बूथ अध्यक्ष के नेतृत्व वाली कमेटी ने न सिर्फ मंच से इनके वादा खिलाफी को सभी को बताया बल्कि आयोजक मण्डल के सदस्यों ने इनको दिया गया स्मृति चिन्ह भी वापस ले लिया । इस घटना के बाद जहां अपमानित महसूस करते हुए विधायक जी तुरंत चले गये , तो वही  सोशल मीडिया पर इस घटना की वीडियो वायरल हो गयी है, और लोग चटखारे ले लेकर विधायक जी की वादा फरोशी को खूब देख रहे ।

आखिर क्यों हुआ ऐसा 



बता दे कि बेल्थरारोड विधानसभा  क्षेत्र के पूरा गांव में  आयोजित श्री राम कथा के दौरान क्षेत्रीय विधायक धनंजय कन्नौजिया को  वादा के मुताबिक सहयोग राशि 11 हजार न देकर 1 हजार देने पर नाराज आयोजको द्वारा सम्मान के रुप मे दिए गए स्मृति चिन्ह को वापस लेने का मामला सामने आया है। मंच से किये गए वादे और वादा के मुताबिक सहयोग राशि न  देने पर उन्हें सहयोग राशि वापसी की वीडियो और स्मृति चिन्ह वापसी की पोस्ट को लोगों ने सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है । इस वीडियो की चर्चा जोरों पर है।




 ताज्जुब है कि श्रीराम कथा का आयोजक कोई और नहीं  भाजपा का बूथ अध्यक्ष है।  पतोई गांव बीजेपी का गढ़ है । बीजेपी यहां मत पाने में हमेशा एक नम्बर रहती है, बावजूद इसके विधायक द्वारा इस गांव के समर्पण को इस तरफ नजरअंदाज करना लोगों को नागवार गुजरा है। ऐसे वादा फरोश नेताओ के सम्बंध में यही कहा जा सकता है कि ---

इनके झूठ के आगे झूठ भी शरमा जाता है,

हर चुनावी भाषण जनता को भरमा जाता है ।

कमाल की अदा आती है इन झूठे नेताओं को जहां नदी ना हो

 वहाँ भी इन नेताओं के द्वारा पुल बनाने का मुद्दा गरमा जाता है ।।



          सिर्फ वादा करना जानते है विधायक

   सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें घोषणा के बाद विधायक द्वारा एक हजार रुपये चन्दा देने पर समिति के लोग  चन्दा वापस कर रहे और  सम्मान में मंच पर दिया गया स्मृति चिन्ह भी वापस ले रहे । सोशल मीडिया पर डाली गयी पोस्ट बेल्थरारोड विधानसभा क्षेत्र के पूरा उर्फ फरहदा गांव की बतायी जा रही है।  समिति के अध्यक्ष विनय गुप्ता और मनोज सिंह ने मीडिया को बताया कि विधायक जी चुनाव जीतने के बाद इस मंदिर पर आकर विवाह घर, सोलर लाइट, हैंडपंप देने की बात कही थी। लेकिन समय बीतता गया और हर बार उनके द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया गया। गांव में दुर्गा मंदिर पर हो रहे राम कथा में वो इस बार भी सादर आमंत्रित थे। स्टेज पर 11 हजार रुपये सहयोग राशि देने की घोषणा की गयी। लेकिन जाते वक्त उन्होंने समिति के अध्यक्ष को केवल एक हजार रुपये ही दिए। जिसपर समिति के सदस्यों ने उन्हें उनका पैसा वापस देकर सम्मान स्वरुप दिया गया स्मृति चिन्ह वापस लेने का फैसला लिया और वही किया। इसके बाद मंच से उनकी घोषित सहयोग राशि न देने पर दिए गए सहयोग राशि को वापस करने का एलान किया गया। जिसका वहां पर उपस्थित लोगों ने वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर डाल दिया। फिर क्या था विधायक के साथ हुई इस घटना की चर्चा क्षेत्र में तेजी के साथ फैलने लगी। इस संबंध में समिति के लोगों ने कहा कि हमलोगों ने सोचा था कि चलिये कार्यकाल खत्म हो रहा है कुछ सम्मानजनक सहयोग राशि भी दे देंगे तो सारे गिलवे शिकवे भुला दिए जाएंगे। लेकिन यह विधायक सम्मान पाने लायक ही नहीं है।

पहचान इनकी झूठ फ़रेब और मक्कारी

 जन्मजात ज़्यादातर होते हैं भ्रष्टाचारी

 सोच समझ झूठे नेताओं पर एतबार करना 

इनको हर वक़्त सियासत करने की बीमारी



पहले भी वादाखिलाफी पर हो चुका है इनका विरोध





 विधायक द्वारा इसके पहले भी वर्ष 2018 में विधानसभा क्षेत्र के ताड़ीबड़ागांव में वादा करके पूजा पंडाल के स्थान और इंटरलॉकिंग नहीं कराया था जिससे नाराज समिति के सदस्यों ने दुर्गा पूजा पण्डाल में विधायक का प्रवेश वर्जित का बैनर और तख्ती लिखकर टांग दिया। उसकी भी तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी। मीडिया में खबर चलने के बाद विधायक की जमकर फजीहत हुई थी। कहा तो यहां तक जा रहा था कि मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान में आने के बाद इनकी जमकर क्लास लगाई थी।  आज एकबार फिर दुर्गा पूजा से जुड़ी पोस्ट वायरल हो रही है।