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रिटायरमेंट के पड़ाव के पास जन्मतिथि में बदलाव की अनुमति नहीं -सुप्रीम कोर्ट

 


नईदिल्ली ।। सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए कहा कि सरकारी कर्मचारी द्वारा जन्मतिथि में बदलाव की मांग करने वाली याचिका को अधिकार का मामला नही बनाया जा सकता। इस प्रकार के अनुरोध को किसी करियर के अंतिम पड़ाव पर भी अनुमति नही दी जा सकती है।


जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने एक सरकारी कर्मचारी की जन्मतिथि में बदलाव के हाई कोर्ट के आदेश के विरुद्ध कर्नाटक ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास लिमिटेड द्वारा दाखिल एक अपील की अनुमति दी।


इस प्रकरण में कोर्ट ने निगम की तरफ से सीनियर एडवोकेट गुरुदास एस कन्नूर और वकील चिन्मय देशपांडे और अनिरुद्ध के एक प्रस्तुतिकरण पर सहमति व्यक्त की।

कोर्ट ने कहा, कर्मचारी देरी और देरी के आधार पर किसी भी राहत या जन्मतिथि में बदलाव का हकदार नही है,क्योंकि जन्मतिथि में बदलाव के लिए अनुरोध उंसके सेवा में शामिल होने के 24 वर्ष बाद किया गया है । ( साभार लॉ ट्रेंड)