Breaking News

शिक्षक सम्मान को अपने घर की रेवड़ी समझ कर बांटने जा रहे है खण्ड शिक्षा अधिकारी सीयर,सम्मानितों की सूची पर उठी उंगली

 


अभियेश मिश्र

बेल्थरारोड ( बलिया )।। संख्या वृद्धि और ऑनलाइन क्लास चलाने के लिये जिन शिक्षकों को शिक्षक दिवस के अवसर पर खण्ड शिक्षा अधिकारी सम्मानित करने जा रहे है,उन शिक्षकों की सूची पर ही सवाल खड़ा हो गया है । खण्ड शिक्षा अधिकारी इस सम्मान को रेवड़ी समझकर अपने चहेतों में बांटने जा रहे है जबकि सम्मानित होने वाले शिक्षकों को जो कसौटी रखी गयी है उसके आधार पर सम्मानित होने की जगह चेतावनी जारी होनी चाहिये थी । इनके पक्षपात पूर्ण निर्णय के चलते वो शिक्षक जिनके विद्यालयों में 100 से लेकर 400 तक छात्रों की संख्या है, वो सम्मान के लायक नही है,क्योकि इन लोगो ने छात्र संख्या बढ़ाई ही नही है । बढ़ाई तो उन शिक्षकों ने है जिनके यहां एक दर्जन से 20 छात्रों की संख्या है ।

अपने मुँह मिया मिट्ठू बनना, का मुहावरा शिक्षा क्षेत्र सीयर पर देखने को मिल रहा है। जहाँ पर इस शिक्षा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालयों में  कुछ विद्यालय पर छात्रों की संख्या दो दर्जन तक नही है ,वहाँ के अपने मन चाहे शिक्षकों पर मेहरबान खण्ड शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्रनाथ त्रिपाठी द्वारा छात्र संख्या की वृद्धि में अहम भूमिका निभाने का श्रेय देते हुए उन्हें सोमवार को सम्मानित करेगे। 

 शिक्षा क्षेत्र सीयर के  20 प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालयों के प्रधानाध्यापक, शिक्षकों , अनुदेशक और शिक्षामित्रो में कुछ की पहचान इस कदर है कि वे अपने विद्यालय पर जाते ही नही है। बीआरसी पर ही अपने दायित्व का निर्वहन करते है। कुछ तो शिक्षक नेता है। सबसे बड़ी बात यह है कि शिक्षा क्षेत्र सीयर के  प्राथमिक विद्यालय शाहपुर अफगा पर प्रतिदिन लगभग 400 से  500 छात्र उपस्थित रहते है, चौकिया में 100 से 170 के बीच मे  व सोनाडीह , अखोप, सरया में पढ़ने वाले बच्चों की संख्या सैकड़ो में है किंतु खण्ड शिक्षा अधिकारी सीयर द्वारा यहाँ के एक भी शिक्षक को छात्र संख्या वृद्धि के लिए 20 सम्मानित होने वाले शिक्षकों की सूची में स्थान नही दिया है। 

जबकि प्राथमिक विद्यालय कड़सर, मोलनापुर सहित दर्जन भर ऐसे प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालय है जहाँ पर छात्र उपस्थिति दो दर्जन भी नही है।  इस सम्बंध में जब खण्ड शिक्षा अधिकारी सुरेन्द्रनाथ त्रिपाठी से बात किया गया तो उनका कहना है कि जो लोग कोरोना काल मे ऑनलाइन टीचिंग के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई किये है , स्कूल के स्वच्छता व छात्र वृद्धि पर योगदान दिए है उनको प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित करेगे।  

प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे प्रायः उन परिवार से होते है जिनको दैनिक खर्च चलाना भी कोरोना काल मे मुश्किल है। ऐसे में खण्ड शिक्षा अधिकारी के कथनानुसार ऑनलाइन पढ़ाने की बात  बिना एंड्राइड मोबाइल के उन परिवारों के बच्चे कैसे ऑनलाइन पढ़ें होंगे या तो वो बच्चे जानते है या पढ़ाने वाले शिक्षक व खण्ड शिक्षा अधिकारी। 

दूसरी तरफ क्या अन्य विद्यालयो के शिक्षक रुचि ही नही लिए जिसके कारण उनको सम्मानित नही किया जा रहा है।ऐसे में खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा   छात्र संख्या वृद्धि के लिए सम्मानित होने वाले शिक्षकों की सूची पर सवालिया निशान लगने लगा है।

इस सम्बंध में प्राथमिक शिक्षक संघ सीयर के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह का कहना है कि जो असल मे प्रशस्ति पत्र के हकदार है उन्हें नही दिया जा रहा है। जो जी हजूरी करने वाले है उनको दिया जा रहा है। यह सरासर गलत है ।