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स्वच्छता और ऑनलाइन के नाम पर शिक्षकों का प्रताड़ना और निलंबन जैसी कार्रवाई बर्दाश्त नहीं - निर्भय नारायण सिंह



बलिया ।। सोहांव ब्लॉक के एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा स्वयं व अध्यापको संग बच्चो से विद्यालय के चारो तरफ उगे झाड़ को सफाई कराने की खबर मीडिया में चलने के बाद बीएसए बलिया द्वारा निलम्बित किये जाने की कार्यवाही पर शिक्षकों की क्या प्रतिक्रिया है,यह जानने का बलिया एक्सप्रेस ने प्रयास किया है । जो प्रतिक्रिया मिल रही है,वह इस कार्यवाही को गलत बताते हुए प्रधानाध्यापक को शीघ्र बहाल करने की मांग और भविष्य में शिक्षकों को इस तरह से प्रताणित न करने की मांग वाली है ।

       बलिया एक्सप्रेस  के साथ  बेबाकी से अपनी राय देते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीकृत, बलिया के जिलाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और शासन की शैक्षिक नीतियों तथा उनकी योजनाएं लागू कराने में हमारे शिक्षक दिन रात एक किए हुए हैं। इसके अलावा कोविड केन्द्रों पर टीकाकरण, राशन दुकानों पर खाद्यान्न वितरण, ऑपरेशन कायाकल्प कार्य, तथा बच्चों के अभिभावकों के खातों में लॉकडाउन अवधि का धन व खाद्यान्न ऑनलाइन प्रेषण से लेकर कई विभागीय तथा गैर विभागीय और कई अन्य बाबू और चपरासी का कार्य अपने विद्यालय अवधि के बाद भी सामाजिक दायित्व समझकर पूर्ण मनोयोग से करते आ रहे हैं। बावजूद साफ - सफाई और ऑनलाइन चेकिंग के नाम पर कभी बीएसए कार्यालय तो कभी बीआरसी कार्यालय से फोन करके उन्हें डराया धमकाया जा रहा है तथा वेतन स्थगन और निलंबन करने जैसी अमानवीय कृत्य किये जा रहे है। 

कहा कि बीते साल प्रदेश और जनपद के शिक्षकों ने अपने जान की बाजी लगाते हुए कोरोना काल में श्रमिक मजदूरों की वापसी पर रेलवे स्टेशन व रोडवेज तथा चुनाव ड्यूटी जैसी कई अभूतपूर्व सरकारी कार्यों को अपनी जान गवांकर की है। आज उन्हें कोरोना योद्धा सम्मान ना देकर बिना किसी ठोस वजह के वेतन स्थगन और निलंबन जैसे कृत्य आपत्तिजनक है। उत्तर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि साफ - सफाई का कार्य शिक्षक का नहीं है। इसके लिए सफाई कर्मी तथा ग्राम पंचायत स्तर पर कई कर्मी नियुक्त हैं। उन्होंने छात्रों को साफ-सफाई कार्य में सम्मिलित करने पर स्पष्ट रूप से कहा कि स्कूलों में बच्चों की मदद लेना पाठ्य सहगामी क्रियाएं हैं जो उनकी अतिरिक्त गतिविधियों के विकास का संवाहक है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा शिक्षकों की किसी भी प्रकार का प्रताड़ना शिक्षक हित व शिक्षक सम्मान के प्रतिकूल है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ पंजीकृत इसका घोर विरोध करता है तथा शिक्षकों पर ऐसे कार्रवाई को वापस लेकर उन्हें ससम्मान बहाल करने की मांग करता है।

 जिलाध्यक्ष ने कहा कि प्रांतीय नेतृत्व ने भी प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव तथा महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पत्र लिखकर ऐसे मामलों का तत्काल निस्तारण व लगाम लगाने हेतु पत्र लिखा है। ऐसे में निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि जनपद बलिया में ऐसी कार्रवाई बंद करने व कार्रवाई किए गए शिक्षकों को एक सप्ताह के अंदर बहाल नहीं किए जाता है तो संगठन शिक्षको के हितों की रक्षा व उनके सेवा शर्तों से संबंधित अधिकारों के लिए किसी भी स्तर पर संघर्ष करने को तैयार है।