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पीएम मोदी की सभा मे चोरों की बल्ले बल्ले,किसी की बाइक तो किसी की मोबाइल,तो किसी की नगदी गायब ,मचा हड़कंप

 


ए कुमार

अलीगढ़ ।। जिस अलीगढ़ के ताले को सुरक्षा की गारंटी माना जाता है,जिसकी तारीफ खुद पीएम मोदी ने अपने संबोधन से की,उसी अलीगढ़ में पीएम की जनसभा में आये लोगो की बाइक,मोबाइल से लेकर नगदी तक पर हाथ साफ करके चोरों ने प्रशासन को बड़ी चुनौती देते हुए अलीगढ़ के माथे पर एक बदनुमा दाग लगाने का काम किया है । जो पुलिस कर्मी दूसरों की सुरक्षा करने में लगे थे,उनकी भी बाइक सुरक्षित नही रही और इसको भी चोरों ने गायब कर दिया ।

मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में लाखों की संख्‍या में भीड़ उमड़ी। इस दौरान उन्‍होंने अलीगढ़ को बड़ी सौगात दे गए।प्रधानमंत्री को सुननेे आए लोगों में सुबह से उत्‍साह रहा लेकिन जब जनसभा समाप्‍त हुई और लोगों को वापस चलना हुआ तो किसी का मोबाइल गायब है तो किसी की जेब कट गयी। इतना ही नहीं पार्किंग से वाहन तक चोरी हो गए। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी भारी तादात में तैनात पुलिसकर्मी क्‍या कर रहे थे।पीएम मोदी के जाने के बाद जनसभा में आए लोगों मेंं मायूसी छा गयी। दरअसल जनसभा के दौरान किसी का मोबाइल चोरी हो गया तो किसी की बाइक चोरी हो गयी। इतना ही नहीं पार्किंग में खड़े पुलिस के वाहन भी चोरी हो गए।

पुलिस कर्मी की बाइक भी ले उड़े चोर

प्रधानमंत्री मोदी आगमन के दौरान गाजियाबाद के ट्रैफिक कर्मी शिवकुमार की ड्यूटी यूनिवर्सिटी पर लगाई गयी थी। मोदी भाषण के बाद जब सिपाही बाइक लेने गया तो बाइक नहीं मिली जिसकी सूचना कंट्रॉल रुम पर दी गयी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना की जानकारी की एवं मोदी रैली में जवां के गांव सीयपुर निवासी कृष्ण कुमार शर्मा की पैशन प्रो, लोधा के गांव ल्होर्रा निवासी विपिन कुमार की प्लेटीना, मथुरा के गांव करारी निवासी गोपाल की हीरो डीलक्स बाइक चोरी हो गयीं । पीड़ितों ने थाना लोधा पर तहरीर दी हैं।

मोबाइल चोरी की जगह गिरने की लिखवायी तहरीर

प्रधानमंत्री की जनसभा में आये करसुआ निवासी प्रताप सिंह पुत्र चंद्रपाल एवं राम उपाध्याय पुत्र हरीश, टप्पल के गांव रसूलपुर निवासी रामपाल सिंह,लोधा के गांव नदरोई निवासी निशांत तिवारी, कीरतपुर निमाना निवासी योगेश, जवां के गांव छेरत निवासी विपिन कुमार आदि के मोबाइल चोरी हो गए। कई लोगोंं की जेबें भी कटीं।  मोबाइल चोरी की तहरीर देने पीड़ित थाना लोधा पहुंचे तो वहां मोबाइल चोरी की तहरीर बदलवा दी गयी और मोबाइल गिरने की तहरीर देने को कहा गया। संयोग यह रहा कि थाने की पुलिस ने बाइक को गिरने की तहरीर नही लिखवाई,नही तो स्थानीय पुलिस चोरों को पकड़ने की जगह ऐसे केस को गुमशुदगी लिखाकर अपने अपराध रजिस्टर को साफ सुथरा रख लेती ।