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योगी राज में भी अधिकारी मस्त,जनता त्रस्त, मंगलवार को पत्रकार आत्मदाह करने को विवश

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। एक तरफ सीएम योगी जहां माफियाओ की कमर तोड़ने पर लगे हुए है तो दूसरी तरफ इनके ही कुछ अधिकारी आम जनता को इतना प्रताड़ित कर दे रहे है कि उसको आत्मदाह करने तक की नोटिस जिला प्रशासन को देनी पड़ी हो, बावजूद एसडीएम बांसडीह के पास इतनी फुर्सत नही कि उस पीड़ित ब्राह्मण व पत्रकार को कबाले की जमीन पर न्यायोचित कब्जा दिला सके । नतीजन मंगलवार को यह पीड़ित ब्राह्मण व पत्रकार श्री जयराम तिवारी कलेक्ट्रेट पर पहले से की गई घोषणा के अनुसार आत्मदाह करने को विवश है ।

  योगी जी के राज में भी यह तब हो रहा है जब मौके पर जमीन भी है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में कोटेशन पर लाखों की ठेकेदारी कराने वाले मणीन्द्र सिंह(एलटी/काउंसलर NACO) व क्षेत्रीय लेखपाल राजेश राम (यह इसी क्षेत्र में 5 साल से अधिक समय से जमा है,इसकी कई शिकायतें भी है,राजनेताओ का पालित दत्तक) की दुरभि संधि और एसडीएम बांसडीह को मिलकर गुमराह करने से एक पत्रकार व ब्राह्मण जयराम तिवारी को न्याय नही मिल रहा है ।

जगह जगह ब्राह्मणों को रिझाने के लिये सम्मेलन,पर सांसद ने ब्राह्मण पत्रकार को छिड़का

चाहे भाजपा हो, सपा हो या बसपा हो, सभी पार्टियां ब्राह्मणों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये प्रबुद्धवर्ग सम्मेलन कर रही है । स्थानीय सांसद रविन्द्र कुशवाहा भी कर रहे है लेकिन जब इनसे पीड़ित श्री तिवारी मिले तो इनका व्यवहार ऐसा था जैसे ये श्री तिवारी को काट खाएंगे । न्याय दिलाने का भरोसा दिलाना तो दूर बात करने से भी मना कर दिये । श्री तिवारी अपने साथियों के साथ यह सोचकर सांसद जी से मिले थे कि ये एसडीएम बांसडीह को न्याय करने के लिये फोन कर सकते है । लेकिन पीएम मोदी व सीएम योगी के नाम पर वोट पाने वालों को मतदाताओं की कद्र करना कहा आता है ।

बुधवार को डीएम व शनिवार को सीएम को भेजा गया पत्रक,पर परिणाम शून्य

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महासचिव के नेतृत्व में बुधवार को जिलाधिकारी बलिया को एक पत्रक व्यक्तिगत रूप से मिलकर दिया गया और निवेदन किया गया कि श्री जयराम तिवारी पत्रकार के मामले में हस्तक्षेप करते हुए एसडीएम बांसडीह को सभी पक्षो को हिस्सेदारी के अनुपात में भूखण्ड आवंटित करके अलग अलग तीन भूखण्ड को चिन्हांकित करके कब्जा दखल करा दिया जाय क्योकि यह कबाला द्वारा खरीदी गई जमीन है । जिलाधिकारी बलिया द्वारा एसडीएम बांसडीह को सम्बंधित प्रकरण में न्यायोचित निर्णय करने का आदेश भी दिया गया लेकिन एसडीएम बांसडीह पर जिलाधिकारी के आदेश का भी कुछ असर नही हुआ और यह प्रकरण आज तक लम्बित है ।

यही नही शनिवार को जिलाधिकारी बलिया के माध्यम से एक पत्रक प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ जी को भेजकर एक ब्राह्मण को न्याय दिलाने की भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ ने गुहार लगायी लेकिन उसका भी जिला प्रशासन हो या एसडीएम बांसडीह पर कोई प्रभाव नही पड़ा है और इस प्रकरण में अबतक कोई प्रगति नही हो पायी है ।

अब आत्मदाह करना ही अंतिम उपाय : जयराम तिवारी

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के बांसडीह तहसील उपाध्यक्ष श्री जयराम तिवारी ने कहा कि सन 2016 से रजिस्ट्री कराने के बाद से मणीन्द्र सिंह,लेखपाल राजेश राम की साजिश, एसडीएम बांसडीह और तहसीलदार बांसडीह के उपेक्षा पूर्ण रवैये और डीएम से लेकर सीएम तक गुहार लगाने के बाद भी जब मुझे न्याय नही मिल रहा है तो अब यहां जीने से मन भर गया है और मंगलवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लूंगा ।

श्री तिवारी ने कहा कि एक तरफ सरकार ब्राह्मणों की रक्षक और माफियाओ की दुश्मन अपने आप को कह रही है । वही स्वास्थ्य विभाग में अधिकारियों से मिलीभगत से ठेकेदारी करने वाले दबंग मणीन्द्र सिंह व क्षेत्रीय लेखपाल की दुरभि संधि के चलते मुझ ब्राह्मण को प्रताड़ित होने से बचा भी नही पा रही है । मणीन्द्र अपने धनबल से अधिकारियों को अपने साथ मिलाकर अपना हिस्सा तो कब्जा किया ही है, मेरा हिस्सा भी कब्जा करने की साजिश में लगा हुआ है । यही नही यह कहता है कि भाजपा के बड़े नेताओं का मेरे ऊपर आशीर्वाद है,मेरा कोई कुछ नही बिगाड़ सकता है । ऐसे में सरकार भाजपा की है,सांसद भाजपा के है और वो जब मेरी बात भी नही सुन रहे है तो कैसे कह दूं कि सरकार मुझ जैसे कमजोर ब्राह्मण की रक्षा कर पायेगी ।