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जनपद से कुष्ठ रोग को समाप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट : स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में कुष्ठ रोग पर कार्यशाला का हुआ आयोजन

 




विश्व स्वास्थ्य संगठन ने किया कार्यशाला का आयोजन 

बलिया ।। जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ० सुधीर कुमार तिवारी ने कहा कि कुष्ठ रोग की बीमारी ठीक हो सकती है। यह हर व्यक्ति की स्थिति  पर निर्भर करता है कि उसे ठीक होने में कितना वक्त लगेगा या उसकी बीमारी लाइलाज होने के स्तर पर पहुंच चुकी है। यह  बातें जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा आयोजित कार्यशाला में कहीं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ० निशांत ने बताया कि लेप्रोसी  ( कुष्ठ रोग ) एक ऐसी बीमारी है जो ड्रॉप लेट के जरिए फैलती है। जिस बैक्टीरिया के कारण यह बीमारी फैलती है, उसे माइक्रोबैक्टीरियम लेप्रै कहा जाता है। 

क्या होता है कुष्ठ रोग

लेप्रोसी यानी ( कुष्ठ रोग) एक ऐसी बीमारी है जो हवा में मौजूद बैक्टीरिया के जरिए फैलती है। हवा में ये बैक्टीरिया किसी बीमार व्यक्ति से ही आते हैं। इसलिए इसे संक्रामक रोग भी कहते हैं। यानी यह संक्रमण सांस के जरिये फैलता  है। लेकिन अगर उसके खांसने, छींकने से लेप्रै बैक्टीरिया हवा में मौजूद नमी के साथ ट्यूनिंग करके खुद को डिवेलप कर लेता है और आप उस हवा में सांस लेकर नमी के उन कणों को अपने अंदर ले लेते हैं तो आप इस बीमारी से संक्रमित हो जायेंगे। 

लेप्रोसी( कुष्ठ रोग ) के लक्षण

लेप्रोसी या कोढ़ के दौरान हमारे शरीर पर सफेद चकत्ते यानी निशान पड़ने लगते हैं। ये निशान सुन्न होते हैं यानी इनमें किसी तरह का संवेदना नहीं होता है। अगर आप इस जगह पर कोई नुकीली वस्तु चुभोकर देखेंगे तो आपको दर्द का अहसास नहीं होगा। लेप्रोसी के मरीज को पलक झपकाने में दिक्कत होने लगती है। क्योंकि लेप्रै बैक्टीरिया मरीज की आंखों की नसों पर हावी होकर उनके संवेदना और संकेत को प्रभावित करता है।

 ये सावधानियां जरूर बरतें

अगर आपके घर में या आस-पास कोई इस तरह का व्यक्ति है, जिसकी आंखों में लगातार पानी आ रहा हो, हाथ पैर में छाले हो रहे हों, शरीर के कुछ हिस्से में गर्म-ठंडे का अहसास नहीं हो रहा हो या शरीर में सुन्नता बढ़ रही हो। तो ऐसी स्थिति में बिना देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। अगर लेप्रोसी या कुष्ठ रोग का पता प्रारंभिक अवस्था में ही चल जाता है और इसका सही तरीके से इलाज कराना शुरू कर दिया जाता है तो 6 महीने से लेकर डेढ़ साल के अंदर इस बीमारी को पूरी तरह से खत्म किया जा सकता है।

जिले की स्थिति

जिला कुष्ठ रोग अधिकारी ने बताया कि जिले में वर्तमान में  कुल 123 कुष्ठ रोग के मरीज हैं।  11 मरीज ठीक हो चुके हैं।  इन मरीज़ों में  मल्टी बैसलरी के 93 मरीज हैं। और पासी बैसलरी के 30 मरीज।

इस प्रशिक्षण में अधीक्षक / प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, रीजनल मोबिलाइजेशन कोऑर्डिनेटर पीसीआई विकास द्विवेदी, एनएमए, एनएमएस, पैरा मेडिकल वर्कर, एवं डब्ल्यूएचओ के मॉनिटर इत्यादि उपस्थित थे।